जनता के दबाव में चुनाव आयोग ने प्रधानमंत्री की टिप्पणियों को लेकर कदम उठाया: कांग्रेस

प्रधानमंत्री की बात आती है तो निर्वाचन आयोग 'अत्यधिक सावधान' हो जाता है: कांग्रेस

नयी दिल्ली. कांग्रेस ने चुनाव प्रचार के दौरान आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ शिकायत का निर्वाचन आयोग द्वारा भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) से जवाब मांगे जाने के बाद बृहस्पतिवार को दावा किया कि जनता के दबाव में यह कदम उठाया गया है और प्रधानमंत्री को लेकर आयोग ‘अत्यधिक सावधान’ रहता है. पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह भी कहा कि संतुलन बनाने के लिए राहुल गांधी की टिप्पणियों को लेकर नोटिस जारी कर दिया गया, जबकि दोनों नेताओं की टिप्पणियों को एक तरह से देखना अनुचित है.

आयोग ने मोदी और कांग्रेस नेता राहुल गांधी की कुछ टिप्पणियों को लेकर निर्वाचन आयोग द्वारा क्रमश: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस से जवाब तलब किये हैं. कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ”चुनाव आयोग ने प्रधानमंत्री के चुनावी भाषण के उस हिस्से को लेकर भाजपा अध्यक्ष को नोटिस जारी किया है, जिस पर कांग्रेस ने शिकायत दर्ज कराई थी. साथ ही साथ, लगभग उसी भाषा में, आयोग ने राहुल गांधी की उस टिप्पणी को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष को भी नोटिस जारी किया है, जिस पर भाजपा ने शिकायत की थी.”

उन्होंने कहा, ”क्या चुनाव आयोग का ‘समान अवसर’ से यही मतलब है? यह तो साफ. है कि प्रधानमंत्री की अपमानजनक टिप्पणियों के कारण उपजे जनता के दबाव ने चुनाव आयोग को ऐसा करने के लिए मजबूर किया. लेकिन सवाल उठता है कि क्या आयोग को इसकी भरपाई राहुल गांधी की टिप्पणी पर भी नोटिस भेजकर करनी पड़ी?” रमेश ने दावा किया कि दोनों को एक समान मानकर चुनाव आयोग ने अपनी ही मजबूरियों को उजागर किया है, जबकि किसी भी मानक के अनुसार, इसे बराबर करके देखना विचित्र और पूरी तरह से अनुचित है.

उन्होंने कहा, ”इस बीच भाजपा के उम्मीदवार अपने चुनाव प्रचार में धार्मिक प्रतीकों का बेशर्मी से इस्तेमाल करते जा रहे हैं.” इससे पहने रमेश ने संवाददाताओं से कहा, ”चुनाव आयोग से हमने शिकायत की थी. हम आयोग के संज्ञान में यह बात लाए कि जिस भाषा का इस्तेमाल प्रधानमंत्री कर रहे हैं वह आदर्श आचार संहिता, जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की संबंधित धाराओं और उच्चतम न्याालय के कई निर्णयों के खिलाफ है.” उन्होंने कहा, ”…. कुछ देरी हुई है. हमने और भी शिकायतें की हैं. जिस तरह से अलग-अलग उम्मीदवार धर्म का दुरुपयोग कर रहे हैं, उस बारे में हमने निर्वाचन आयोग को अवगत कराया है. हमें भरोसा है कि आयोग कार्रवाई करेगा.”

उन्होंने कहा, ”नरसिंह राव, अटल बिहारी वाजपेयी और मनमोहन सिंह के खिलाफ कोई नोटिस जारी नहीं हुआ था. हम उम्मीद करते हैं कि आयोग निष्पक्ष तरीके से शिकायतों पर ध्यान देगा. जहां नोटिस देना जरूरी है, आयोग वहां नोटिस भी दे.” यह पूछे जाने पर कि क्या निर्वाचन आयोग की तटस्थता सवालों के घेरे में है, रमेश ने कहा, ”जब प्रधानमंत्री की बात आती है तो वे (निर्वाचन आयोग) ”अत्यधिक सावधान” और गृहमंत्री की बात आती है तो ”अधिक सावधान” हो जाते हैं.”

प्रधानमंत्री के खिलाफ आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के आरोपों का पहली बार संज्ञान लेते हुए निर्वाचन आयोग ने बृहस्पतिवार को बताया कि उसने विपक्षी दलों द्वारा दर्ज कराई गई शिकायतों पर भाजपा से जवाब मांगा है. शिकायत के अनुसार, मोदी पर राजस्थान के बांसवाड़ा में विभाजनकारी व मानहानिजनक भाषण देने का आरोप है. आयोग ने कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खरगे और पार्टी के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी की टिप्पणियों को लेकर भाजपा द्वारा दर्ज करायी गयी शिकायत पर भी विपक्षी दल से जवाब तलब किया है.

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