निर्वाचन आयोग ने चुनावी खर्च में विसंगति को लेकर इंजीनियर रशीद को भेजा नोटिस
श्रीनगर. निर्वाचन आयोग ने नवनिर्वाचित सांसद शेख अब्दुल रशीद को जम्मू कश्मीर में बारामूला लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के लिए उनके चुनावी खर्च विवरण में अधिक विसंगति को लेकर एक नोटिस भेजा है. उन्हें इंजीनियर रशीद के नाम से भी जाना जाता है और आतंकवाद के वित्तपोषण के एक मामले में वह जेल में हैं. आयोग ने उनसे दो दिन के अंदर जवाब देने को कहा है. बारामूला के जिला उप निर्वाचन अधिकारी ने रशीद द्वारा सौंपे गये चुनाव खर्च विवरण को रेखांकित करते हुए नोटिस जारी किया. रशीद ने विवरण में 2.10 लाख रुपये चुनावी खर्च होने का उल्लेख किया है, जबकि चुनाव पर्यवेक्षकों द्वारा आयोग को सौंपे गये रिकॉर्ड के अनुसार खर्च की रकम 13.78 लाख रुपये है.
आतंकवाद के वित्तपोषण के आरोप में, 2019 में राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) द्वारा अपनी गिरफ्तारी के बाद से रशीद दिल्ली की तिहाड़ जेल में हैं. उन्हें पांच जुलाई को लोकसभा सदस्य के तौर पर शपथ लेने के लिए दो घंटे की पैरोल मिली है, जिस दौरान पुलिसकर्मी भी उनके साथ होंगे. नोटिस में रशीद या उनके प्रतिनिधि को दो दिन के भीतर जिला व्यय निगरानी समिति के समक्ष उपस्थित होकर उक्त विसंगति पर ध्यान देने और निर्वाचन आयोग को समय पर व्यय रिपोर्ट प्रस्तुत करने को सुनिश्चित करने का अनुरोध किया गया है.
नोटिस में कहा गया है कि चुनावी व्यय की सही जानकारी नहीं दिये जाने की स्थिति में आयोग द्वारा जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के तहत तीन साल की अवधि के लिए अयोग्य घोषित किया जा सकता है. निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुने गए रशीद ने हालिया लोकसभा चुनाव में नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला को हराकर बारामूला सीट जीती थी. लोकसभा चुनाव के दौरान सवाल उठे थे कि जेल में रहने के बावजूद पिछले पांच साल में रशीद की देनदारियों में कैसे इतनी कमी आई और संपत्ति में कैसे इजाफा हुआ.
वर्ष 2024 के चुनावी हलफनामे के अनुसार, पूर्व विधायक की संपत्ति का मूल्य 2019 के 80 लाख रुपये की तुलना में 1.55 करोड़ रुपये है. इसमें उनके गृह नगर लांगेट में 41,072 वर्ग फुट की गैर-कृषि भूमि और श्रीनगर में 90 लाख रुपये का एक मकान शामिल है.
सिविल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा के साथ विज्ञान स्नातक, रशीद ने 11.31 लाख रुपये का आवास ऋण और 3.11 लाख रुपये के किसान क्रेडिट कार्ड ऋण को देनदारियों के रूप में घोषित किया है. पांच साल पहले, उन्होंने श्रीनगर के जवाहर नगर इलाके में अपनी एकमात्र संपत्ति के रूप में एक आवासीय मकान घोषित किया था, जिसे 2017 में खरीदा गया था. साथ ही, यह भी कहा था कि उनके पास बैंक से लिए गए आवास ऋण के लिए 60 लाख रुपये की देनदारी थी.