प्रज्वल का राजनयिक पासपोर्ट रद्द करने के कर्नाटक के अनुरोध पर कार्रवाई कर रहा है विदेश मंत्रालय
नयी दिल्ली. विदेश मंत्रालय जनता दल (सेक्युलर) से निलंबित सांसद प्रज्वल रेवन्ना का राजनयिक पासपोर्ट रद्द करने के कर्नाटक सरकार के अनुरोध पर कार्रवाई कर रहा है. प्रज्वल पर कई महिलाओं के यौन उत्पीड़न का आरोप है और माना जा रहा है कि वह इस समय जर्मनी में हैं.
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि विदेश मंत्रालय को कर्नाटक सरकार से एक पत्र मिला है, जिसमें रेवन्ना का राजनयिक पासपोर्ट रद्द करने का अनुरोध किया गया है. प्रज्वल रेवन्ना पूर्व प्रधानमंत्री एच. डी. देवेगौड़ा के पोते हैं और पिछले महीने 27 तारीख को विदेश चले गए थे. इससे ठीक एक दिन पहले ही उनके निर्वाचन क्षेत्र में लोकसभा चुनाव के लिए मतदान हुआ था.
सूत्रों ने बताया, ”विदेश मंत्रालय को सांसद प्रज्वल रेवन्ना का राजनयिक पासपोर्ट रद्द करने के लिए कर्नाटक सरकार से पत्र मिला है. उस पर कार्रवाई की जा रही है.” माना जा रहा है कि विदेश मंत्रालय पासपोर्ट अधिनियम-1967 और अन्य संबंधित नियमों के तहत प्रज्वल के राजनयिक पासपोर्ट को रद्द करने की प्रक्रिया शुरू की गई है.
पूरे प्रकरण की जानकारी रखने वाले एक व्यक्ति ने बताया कि अगर पासपोर्ट रद्द किया जाता है तो प्रज्वल का विदेश में रहना गैर-कानूनी होगा और उनके खिलाफ उस देश के अधिकारियों द्वारा कानूनी कार्रवाई की जा सकती है, जहां पर वह रहे हैं. कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को दूसरा पत्र लिखकर प्रज्वल का राजनयिक पासपोर्ट रद्द करने के लिए ‘पहल करने और आवश्यक कार्रवाई’ करने का अनुरोध किया था. मुख्यमंत्री ने इसी तरह का पत्र एक मई को भी प्रधानमंत्री को भेजा था.
प्रज्वल के खिलाफ यौन शोषण के आरोपों की जांच के लिए कर्नाटक सरकार द्वारा गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित किया गया है. एक स्थानीय अदालत द्वारा उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किए जाने के बाद एसआईटी ने उनका राजनयिक पासपोर्ट रद्द करने के लिए विदेश मंत्रालय को लिखा था.
एसआईटी के अनुरोध पर इंटरपोल रेवन्ना के ठिकाने के बारे में जानकारी मांगने के लिए पहले ही ‘ब्लू कॉर्नर नोटिस’ जारी कर चुका है.
प्रज्वल पर महिलाओं के साथ यौन शोषण के कई मामले दर्ज हैं. ये मामले कथित तौर पर उनसे जुड़े कई अश्लील वीडियो सार्वजनिक होने के बाद सामने आए. इस महीने की शुरुआत में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा था कि रेवन्ना ने राजनयिक पासपोर्ट पर जर्मनी की यात्रा की और यात्रा के लिए राजनीतिक मंजूरी नहीं मांगी.
उन्होंने बताया था, ”उक्त सांसद की जर्मनी यात्रा के संबंध में विदेश मंत्रालय से न तो कोई राजनीतिक मंजूरी मांगी गई थी और न ही जारी की गई थी.” विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, ”जाहिर है, कोई वीजा नोट भी जारी नहीं किया गया था. राजनयिक पासपोर्ट धारकों को जर्मनी की यात्रा के लिए किसी वीजा की जरूरत नहीं है. मंत्रालय ने किसी अन्य देश के लिए वीजा नोट जारी नहीं किया है.” भाषा धीरज सुरेश