यह कोई ‘वैनिटी फेयर’ नहीं है: गुतारेस ने सुरक्षा परिषद के चार स्थाई सदस्यों की अनुपस्थिति पर कहा

संयुक्त राष्ट्र: संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने महासभा के इस साल आयोजित उच्च स्तरीय सत्र में सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्यों के नेताओं में से अधिकतर के अनुपस्थित रहने पर कहा कि यह कोई ‘‘वैनिटी फेयर’’ (दिखावे या शोशेबाजी के लिए होने वाली सभा) नहीं है।
उन्होंने कहा कि विभिन्न अहम वैश्विक मुद्दों पर सरकारों द्वारा जताई जाने वाली प्रतिबद्धताएं किसी एक नेता की अनुपस्थिति और उपस्थिति से अधिक मायने रखती हैं। सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्य चीन, रूस, फ्रांस, ब्रिटेन और अमेरिका हैं, लेकिन अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ही इन देशों के एकमात्र ऐसे राष्ट्र प्रमुख हैं, जो महासभा के उच्च स्तरीय सत्र में हिस्सा ले रहे हैं।
बाइडन संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के 78वें उच्च स्तरीय सत्र के लिए रविवार को यहां पहुंचे और वह मंगलवार को आम बहस के शुरुआती दिन विश्व नेताओं को संबोधित करेंगे। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, चीन के राष्ट्रपति शी चिनंिफग, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों यूएनजीए के उच्च स्तरीय सत्र में भाग नहीं ले रहे हैं।
रूस का प्रतिनिधित्व उसके विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव करेंगे, जबकि चीन ने अपने उपराष्ट्रपति हान झेंग को यूएनजीए सत्र के लिए भेजा है। वहीं, ब्रिटेन के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व उसके उप प्रधानमंत्री ओलिवर डाउडन करेंगे, जबकि फ्रांस का प्रतिनिधित्व उसकी यूरोप और विदेश मामलों की मंत्री कैथरीन कोलोना करेंगी।
गुतारेस ने महासभा के सत्र से पहले ‘यूएन न्यूज’ को दिए एक साक्षात्कार में कहा कि उन्हें इस बात से फर्क नहीं पड़ता कि यूएनजीए सत्र में हिस्सा लेने कौन आ रहा है, बल्कि उन्हें गंभीर वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए राष्ट्रों द्वारा जताई जाने वाली आवश्यक प्रतिबद्धताओं से फर्क पड़ता है।
गुतारेस ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को यह समझना होगा कि ‘‘हमारी एक अन्यायपूर्ण, निष्क्रिय और पुरानी अंतरराष्ट्रीय वित्तीय प्रणाली है, जिसे सुधारने की आवश्यकता है’’ और ‘‘हमने एसडीजी (सतत विकास लक्ष्य) प्रोत्साहन का प्रस्ताव रखा है।’’ इससे पहले, गुतारेस ने पिछले सप्ताह एक संवाददाता सम्मेलन में उच्चस्तरीय सत्र में सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्यों में से केवल बाइडन के शामिल होने से जुड़े सवाल के जवाब में कहा था, ‘‘मुझे नहीं लगता कि किसी देश के किसी नेता के शामिल होने या नहीं होने से उच्च स्तरीय सत्र अधिक प्रासंगिक या कम प्रासंगिक हो जाता है।’’
संरा महासचिव ने कहा था, ‘‘महत्वपूर्ण यह है कि सरकारें इस सप्ताह एसडीजी और कई अन्य पहलुओं के संबंध में क्या प्रतिबद्धताएं जताने के लिए तैयार हैं। यह कोई ‘वैनिटी फेयर’ नहीं है। वैसे भी, बड़ी संख्या में राष्ट्र और सरकारों के प्रमुख सत्र में हिस्सा ले रहे हैं।’’