मारियोपुल इस्पात संयंत्र से नागरिकों का पहला जत्था निकला, सैकड़ों अब भी फंसे

जापोरिज्जिया. मारियुपोल की घेराबंदी से बच निकले लोगों ने यूक्रेन के कब्जे वाले क्षेत्र में सोमवार को पहुंचने के बाद हफ्तों तक हुई बमबारी और क्षति का वर्णन किया, जहां राहत कर्मी एक इस्पात संयंत्र से मुक्त किए गए नागरिकों के इस पहले समूह की प्रतीक्षा कर रहे थे. यूक्रेन के बलों द्वारा रविवार को आॅनलाइन जारी वीडियो में बुजुर्ग महिलाओं और छोटे बच्चों वाली माताओं को अजोवस्ताल इस्पात संयंत्र से निकलकर मलबे के ढेर पर चढ़ते हुए और फिर एक बस में सवार होते हुए देखा गया.

यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के अनुसार संयंत्र से 100 से अधिक नागरिक सोमवार को मारियुपोल के उत्तर पश्चिम में करीब 140 किलोमीटर दूर जापोरिज्जिया पहुंच सकते हैं. अगर यह निकासी अभियान सफल हुआ तो करीब 10 सप्ताह से चल रहे युद्ध में मानव जाति को बचाने में दुर्लभ प्रगति को प्रर्दिशत करेगा जो मारियुपोल में खासतौर पर प्रभावित हुई है.

सी आॅफ अजोव और अन्य स्थानों पर सुरक्षित गलियारे खोलने के पहले किये गये प्रयास सफल नहीं हो सके. पहले रूस के कब्जे वाले इलाकों से निकलने की कोशिश करने वाले लोगों ने अपने वाहनों पर गोलीबारी किये जाने का आरोप लगाया था. यूक्रेन के अधिकारी भी बार-बार रूस की सेना पर उन इलाकों पर गोलाबारी करने का आरोप लगाते रहे हैं जहां सुरक्षित निकासी मार्ग बनाने पर सहमति बनी थी.

जेलेंस्की ने रविवार को अपने टेलीग्राम मैसेंिजग चैनल पर प्रसारित पूर्व में ही रिकॉर्ड किये गये भाषण में कहा, ‘‘आज, जंग के इतने दिनों में पहली बार इस बहुत जरूरी ग्रीन कॉरिडोर ने काम करना शुरू किया है.’’ इस्पात संयंत्र से निकाले गये कुछ लोगों को संभवत: मॉस्को सर्मिथत अलगाववादियों के नियंत्रण वाले एक गांव में ले जाया गया है, हालांकि रूस के सरकारी मीडिया ने खबर दी है कि अगर वे चाहें तो उन्हें यूक्रेन के कब्जे वाले क्षेत्र में ही रहने की अनुमति दी जाएगी.

यूक्रेन के अधिकारियों ने अतीत में मॉस्को के सैनिकों पर नागरिकों को उन इलाकों से बलपूर्वक निकालने का आरोप लगाया जिन पर रूस का कब्जा हो गया है, वहीं मॉस्को ने कहा कि लोग रूस जाना चाहते थे. आधिकारिक रूप से निकासी के लिए किये गये प्रयास सफल नहीं हुए हैं, लेकिन कई लोग पिछले कुछ सप्ताहों में खुद से मारियुपोल छोड़कर जा चुके हैं. कुछ लोग इसमें सफल नहीं रहे.

इस्पात संयंत्र में एक यूक्रेनी अधिकारी ने संयुक्त राष्ट्र और रेड क्रॉस जैसी संस्थाओं से जख्मी लड़ाकों को निकालने का आग्रह किया है. हालांकि उन्होंने माना कि कुछ घायलों तक पहुंचना मुश्किल है. अजोव रेजीमेंट के उप कमांडर स्वियातोस्लाव पलामार ने ‘एपी’ को दिये साक्षात्कार में कहा, ‘‘वहां मलबा है. हमारे पास कोई विशेष उपकरण नहीं है. सैनिकों के लिए टनों वजनी स्लैब को केवल हाथों से उठा पाना बहुत मुश्किल है. हमें अंदर जीवित बचे लोगों की आवाज सुनाई दे रही हैं.’’ एपी वैभव उमा

रूस ने मारियुपोल से कुछ सैनिकों को हटाकर पूर्वी हिस्से में तैनात किया

यूक्रेन की सेना ने सोमवार को कहा कि रूस ने अपनी कुछ टुकड़ियों को मारियुपोल बंदरगाह से हटाकर पूर्वी हिस्से में तैनात किया है, जिसका मकसद इस क्षेत्र में संघर्ष को तेज करना है. यूक्रेनी सेना ने कहा कि रूसी बलों की कुछ टुकड़ियों को मारियुपोल से हटाकर पूर्वी लुहांस्क प्रांत के पोपास्रा शहर को भेजा गया. यूक्रेन के पूर्वी हिस्से में स्थित पोपास्रा वर्तमान में संघर्ष के उन क्षेत्रों में शुमार है, जहां रूसी सेना यूक्रेनी बलों को पीछे हटाने के लिए आक्रामक रुख अपनाये हुए है. यूक्रेनी सेना के विश्लेषक ओलेह जÞदानोव ने कहा कि मारियुपोल से कुछ सैनिकों को हटाकर पूर्वी हिस्से में भेजना, उसका वहां कोई भी बढ़त लेने में असफलता दर्शाता है.

कीव : यूक्रेन के अधिकारियों का कहना है कि रूसी की तरफ से हुई ताजा बमबारी में कई आम नागरिक मारे गए हैं. यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के कर्यालय ने सोमवार को कहा कि पिछले 24 घंटे के दौरान पूर्वी लुहांस्क प्रांत में कम से कम तीन आम नागरिकों की मौत हो गई जबकि एक बच्चे समेत तीन लोग घायल हुए. इसने कहा कि दोनेत्स्क प्रांत में भी बमबारी में चार लोगों की मौत हो गई. वहीं, ओरिखीव शहर में हुए रूसी हमलों में भी दो लोगों की जान चली गई.

कीव : यूक्रेन के मारियुपोल शहर में एक इस्पात संयंत्र से कुछ आम नागरिकों को सुरक्षित बाहर निकाला गया, जिसके तत्काल बाद रूसी बलों ने गोलाबारी फिर से शुरू कर दी. ‘यूक्रेनी नेशनल गार्ड ब्रिगेड’ के कमांडर डेनेस शलेगा ने रविवार को टेलीविजन पर दिए गए एक साक्षात्कार में कहा कि एजोव्स्ताल इस्पात मिल से आम नागरिकों को पूरी तरह से निकालने के लिए अभी कम से कम एक बार और अभियान चलाना होगा. इस्पात संयंत्र के नीचे बंकरों में बड़ी संख्या में व्यस्कों के अलावा कई छोटे बच्चे छिपे हैं.

शलेगा ने कहा कि बचाव दल ने जैसे ही संयंत्र से आम नागरिकों को निकालने का काम बंद किया, गोलाबारी शुरू हो गयी. उन्होंने बताया कि एक अनुमान के अनुसार संयंत्र में अब भी सैकड़ों आम नागरिक तथा करीब 500 घायल सैनिक फंसे हुए हैं और बड़ी संख्या में शव वहां पड़े हुए हैं. मारियुपोल का सिर्फ यही एक हिस्सा है, जिस पर रूसी सैनिक कब्जा नहीं कर पाए हैं.

र्बिलन : जर्मनी ने कहा है कि अगर मॉस्को द्वारा अगर रूसी तेल की आपूर्ति बंद भी कर दी जाती है तो वह इससे निपटने के लिए तैयार है. अर्थव्यवस्था मंत्री रॉबर्ट हेबेक ने कहा कि वर्तमान में कुल आयातित तेल में रूसी तेल की आपूर्ति का योगदान 12 फीसदी है जोकि युद्ध की शुरुआत से पहले 35 फीसदी था. उन्होंने कहा कि रूसी तेल की आपूर्ति में कमी से राजधानी और इसके आसपास के हिस्सों में कीमतों में वृद्धि और किल्लत का सामना करन पड़ सकता है लेकिन इससे ”जर्मनी के लिए तेल का भारी संकट खड़ा नहीं होगा.”

कोपेनहेगन : डेनमार्क ने पिछले हफ्ते एक रूसी सैन्य टोही विमान द्वारा उसके हवाई क्षेत्र के उल्लंघन के मामले में सोमवार को कोपेनहेगन में रूस के राजदूत को तलब किया. एएन-30 प्रोपेलर विमान ने 29 अप्रैल को कुछ देर के लिए डेनमार्क के हवाई क्षेत्र में प्रवेश किया था. डेनमार्क के विदेश मंत्री जेप्पे कोफोड ने सोमवार को ट्वीट किया कि यह मौजूदा स्थिति में बेहद ंिचताजनक है.

ब्रसेल्स – यूरोपीय संघ के ऊर्जा मंत्री बुल्गारिया और पोलैंड को गैस की आपूर्ति में कटौती के रूस के फैसले पर चर्चा करने के लिए सोमवार को बैठक करेंगे. बैठक में यूक्रेन पर युद्ध के खिलाफ रूस पर नए प्रतिबंध लगाने पर भी चर्चा की जाएगी. रूस के फरवरी में यूक्रेन पर आक्रमण करने के बाद से 27 राष्ट्रों के इस संघ ने रूसी अधिकारियों, कुलीन वर्गों, बैंकों, कंपनियों और अन्य संगठनों पर पांच चरणों में प्रतिबंध लगाए हैं.

यूरोपीय आयोग छठे चरण के प्रतिबंधों पर विचार कर रहा है, जिसमें तेल प्रतिबंध शामिल हो सकते हैं. हालांकि, रूस पर निर्भर हंगरी और स्लोवाकिया जैसे देश सख्त कार्रवाई को लेकर एहतियात बरत रहे हैं. यूरोपीय संघ की कार्यकारी शाखा इस सप्ताह के अंत में नए प्रतिबंध प्रस्तावों की घोषणा कर सकती है. इन उपायों को सदस्य देशों द्वारा अनुमोदित करना होगा, और इस प्रक्रिया में कई दिन लग सकते हैं.

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