श्रमिकों के सकुशल होने का पहला वीडियो मिला, परिवारों और बचावकर्मियों का मनोबल बढ़ा
उत्तरकाशी. बचाव अभियान के दसवें दिन मंगलवार को सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों के सकुशल होने का पहला वीडियो सामने आया जिसने उनके परिवारों की उम्मीद के साथ ही बचावर्किमयों का मनोबल भी बढ़ा दिया. अधिकारियों ने बताया कि सोमवार को मलबे में डाली गयी छह इंच की पाइपलाइन के जरिए श्रमिकों तक एंडोस्कोपिक फ्लैक्सी कैमरा भेजा गया जिससे तड़के मिले वीडियो से उनके सकुशल होने का पता चला. यह कैमरा सोमवार देर शाम दिल्ली से सिलक्यारा लाया गया था.
वीडियो में पीले और सफेद रंग के हेलमेट पहने श्रमिक पाइपलाइन के माध्यम से भेजा गया भोजन प्राप्त करते हुए और एक-दूसरे से बात करते हुए दिखाई दे रहे हैं. एक स्क्रीन पर श्रमिकों को देख रहे अधिकारियों को उन्हें निर्देश देते सुना जा सकता है. अधिकारी उन्हें लेंस साफ करने और उन्हें कैमरे पर देखने को कह रहे हैं. अधिकारी उनसे पाइपलाइन के मुंह के पास आने तथा वॉकी-टॉकी का प्रयोग करने के लिए भी कह रहे थे.
उत्तरकाशी जिले में चारधाम यात्रा मार्ग पर निर्माणाधीन साढ़े चार किलोमीटर लंबी सिलक्यारा सुरंग का एक हिस्सा 12 नवंबर को ढह गया था जिससे उसमें मलबे के दूसरी ओर श्रमिक फंस गए थे जिन्हें निकालने के लिए युद्धस्तर पर बचाव अभियान चलाया जा रहा है.
हालांकि, बचावर्किमयों को पहली कामयाबी सोमवार को मिली जब उन्होंने मलबे के आरपार 53 मीटर लंबी छह इंच की पाइपलाइन डाल दी. इस चौड़ी पाइपलाइन से संचार के बेहतर होने के साथ ही दलिया, खिचड़ी, कटे हुए सेब और केले जैसी खाद्य सामग्री भी बड़ी मात्रा में भेजी जा सकती है.
राष्ट्रीय राजमार्ग एवं अवसंरचना विकास निगम (एनएचआइडीसीएल) के निदेशक अंशु मनीष खाल्को ने संवाददाताओं को बताया कि मंगलवार को श्रमिकों को संतरे, केला, मौसम्मी, दवाइयां और नमक भेजा गया. उन्होंने बताया कि इस पाइपलाइन के जरिए रात में उन्हें रोटी सब्जी और पुलाव भेजा जाएगा. छह इंच की ‘लाइफ लाइन’ डाले जाने से पहले श्रमिकों को खाना, पानी, दवाइयों और आक्सीजन की आपूर्ति चार इंच की पाइप से की जा रही थी और उनके रिश्तेदार तथा बचावकर्मी उनसे इसी पाइप से बातचीत कर रहे थे.
बचाव अभियान में जुटे सुरक्षा कर्मचारी निपू कुमार ने कहा कि पाइप के जरिए एक वॉकी-टॉकी और दो चार्जर भी भेजे गए हैं.
सुरंग में फंसे श्रमिकों में शामिल अपने देवर प्रदीप किस्कू की कुशल क्षेम जानने के लिए बिहार के बांका से सिलक्यारा पहुंचीं सुनीता हेम्ब्रम ने ‘पीटीआई भाषा’ को बताया, ”मैंने उनसे सुबह बात की. वह ठीक हैं.” उन्होंने कहा कि नए पाइप के जरिए श्रमिकों से बातचीत में आसानी हुई है. उन्होंने कहा, ”इससे पहले हमें उन्हें अपनी आवाज सुनाने के लिए चिल्लाना पड़ता था लेकिन आज उनकी आवाज स्पष्ट थी.” प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को लगातार दूसरे दिन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को फोन कर निर्माणाधीन सुरंग में फंसे श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए चलाए जा रहे बचाव एवं राहत कार्यों की जानकारी ली.
धामी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट में कहा, ”प्रधानमंत्री जी को श्रमिक बंधुओं से एंडोस्कोपिक फलैक्सी कैमरे की मदद से हुई बातचीत एवं उनकी कुशलता की भी जानकारी दी.” उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने यह भी कहा है कि सभी श्रमिक भाइयों को सुरक्षित निकालना सर्वोच्च प्राथमिकता है. दीवाली वाले दिन हुए सुरंग हादसे के बाद से प्रधानमंत्री ने चौथी बार मुख्यमंत्री से बात की है.
अमेरिकी ऑगर मशीन के शुक्रवार दोपहर को ड्रिलिंग के दौरान कठोर सतह से टकराने के कारण ‘एस्केप पैसेज’ बनाने में आई अड़चन के बाद अधिकारियों ने इसका संचालन दोबारा शुरू करने सहित पांच विकल्पों पर एक साथ काम करने का फैसला किया. इन विकल्पों में सुरंग के बड़कोट छोर से ड्रिलिंग, सुरंग के उपर से 80 मीटर ‘र्विटकल ड्रिलिंग’ तथा सुरंग के बाएं और दाएं से ड्रिलिंग शामिल है.
एनएचआईडीसीएल के प्रबंध निदेशक महमूद अहमद ने बताया कि सुरंग में तेजी से बचाव अभियान चलाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि सुरंग में फंसे श्रमिकों के पास दो किलोमीटर का सुरक्षित क्षेत्र मौजूद है.
इस बीच, विभिन्न स्थानों पर ड्रिलिंग शुरू करने के लिए भारी मशीनें मौके पर पहुंचा दी गयी हैं. सुरंग के उपर से ड्रिलिंग के लिए 75 टन वजनी मशीन पहुंचाने के लिए सड़क भी बना दी गयी है. उधर, सरकार ने दिल्ली में परामर्श जारी कर निजी टेलीविजन चैनलों से बचाव अभियान की खबरों को लेकर संवेदनशील रहने के लिये कहा है.