नौसेना की ‘चेतावनी फायरिंग’ में मछुआरा घायल, स्टालिन ने प्रधानमंत्री के समक्ष यह विषय उठाया

चेन्नई. भारतीय नौसेना द्वारा शुक्रवार को समुद्र के बीच में ‘चेतावनी फायरिंग’ किए जाने के दौरान तमिलनाडु का एक मछुआरा घायल हो गया, जिसके बाद राज्य के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन ने इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हस्तक्षेप करने का आग्रह किया.

रक्षा विभाग के जनसंपर्क अधिकारी (पीआरओ) के एक ट्वीट के अनुसार, नौसेना ने कहा है कि बार-बार चेतावनी देने के बावजूद एक संदिग्ध नौका के नहीं रुकने पर उसके पोत ने उक्त नौका का पीछा किया और उसे रोकने के लिए मानक संचालन प्रक्रिया के अनुसार चेतावनी फायरिंग की. पीआरओ के अनुसार, गोलीबारी में नौका पर मौजूद एक व्यक्ति घायल हो गया और उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है. रक्षा विभाग के बयान के अनुसार, नौसेना के पोत ने शुक्रवार तड़के भारत-श्रीलंका अंतरराष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा के पास गश्त के दौरान उक्त नौका को देखा था. बयान के अनुसार, घटना की जांच के आदेश दे दिए गए हैं.

इसमें कहा गया है, ‘‘जहाज के चालक दल ने घायल व्यक्ति को प्राथमिक उपचार दिया, जिसके बाद भारतीय नौसेना के चेतक हेलीकॉप्टर के जरिये उसे रामनाड में आईएनएस परांडू पर पहुंचाया गया. आईएनएस परांडू से उसे आगे के इलाज के लिए रामनाथपुरम स्थित सरकारी अस्पताल भेज दिया गया. घायल की हालत स्थिर बताई जा रही है.’’ तमिलनाडु सरकार ने घायल व्यक्ति की पहचान के वीरावल नाम के मछुआरे के रूप में की है, जो मयिलादुथुराई जिले के वनगिरी गांव का रहने वाला है.

मुख्यमंत्री स्टालिन ने एक बयान जारी कर कहा कि वह इस घटना से स्तब्ध हैं. उन्होंने बताया कि वीरावल को मदुरै के एक सरकारी अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया है और उन्होंने अधिकारियों को उसे सर्वश्रेष्ठ उपचार प्रदान करने का निर्देश दिया है. स्टालिन ने मुख्यमंत्री जन कल्याण कोष से वीरावल को दो लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा भी की है. मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कहा कि घटना से उन्हें काफी दुख और पीड़ा हुई है. उन्होंने प्रधानमंत्री से विषय में हस्तक्षेप करने और भारतीय जलक्षेत्र में भारतीय मछुआरों के प्रति सुरक्षा एजेंसियों को अत्यधिक सावधानी व संयम बरतने का निर्देश देने की अपील की है.

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