संसद के मानसून सत्र की हंगामेदार शुरुआत, प्रधानमंत्री ने सार्थक व उपयोगी चर्चा का किया आह्वान

नयी दिल्ली. संसद के मानसून सत्र की सोमवार को हंगामेदार शुरुआत हुई तथा कांग्रेस सहित कई विपक्षी दलों ने महंगाई, दूध और दही सहित कुछ खाद्य पदार्थों पर वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) लगाए जाने, अग्निपथ योजना और कुछ अन्य मुद्दों को लेकर संसद के दोनों सदनों में हंगामा किया.

हंगामे की वजह से दोनों सदनों की कार्यवाही में व्यवधान हुआ. लिहाजा, कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई. यह हंगामा तब हुआ जब सुबह ही सत्र की शुरुआत के मौके पर प्रधानमंत्री ने सदस्यों से आग्रह किया कि वे संसद में गहन ंिचतन और उत्तम चर्चा करें ताकि सदन को अधिक से अधिक सार्थक और उपयोगी बनाया जा सके.

राज्यसभा के सभापति के रूप में अपने आखिरी सत्र का संचालन कर रहे एम वेंकैया नायडू ने उच्च सदन के सदस्यों से अपील की कि वे पिछले पांच वर्ष की तुलना में ‘बेहतर’ प्रदर्शन करें. उन्होंने सदस्यों को आजादी के 75 साल पूरे होने के अवसर पर मनाए जा रहे ‘अमृत महोत्सव’ की याद दिलाते हुए कहा कि उन्हें इस सत्र को सार्थक बनाने का पूरा प्रयास करना चाहिए.

लोकसभा में कई विपक्षी दलों के सदस्यों ने सेना में भर्ती की ‘अग्निपथ’ योजना और महंगाई समेत अन्य विषयों को लेकर सदन में हंगामा किया जिस कारण कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजे दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई. एक बार के स्थगन के बाद जब अपराह्न दो बजे निचने सदन की कार्यवाही पुन: आरंभ हुई तो कांग्रेस और कुछ अन्य दलों के सदस्य नारेबाजी करते हुए आसन के निकट पहुंच गए. कुछ सदस्यों ने हाथों में तख्तियां ले रखीं थीं, जिन पर पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस के दाम में बढ़ोतरी का उल्लेख था.

पीठासीन सभापति राजेंद्र अग्रवाल ने विपक्षी सदस्यों की नारेबाजी और टोकाटोकी के बीच ही आवश्यक कागजात सदन के पटल पर रखवाए. इस दौरान कानून मंत्री किरेन रीजीजू ने ‘कुटुम्ब न्यायालय (संशोधन) विधेयक, 2022’ पेश किया. लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी कुछ कहने का प्रयास करते दिखे, हालांकि आसन से उन्हें अनुमति नहीं मिली. हंगामे के बीच उन्होंने कहा कि विपक्षी सदस्य महंगाई सहित अन्य मुद्दे उठाना चाहते हैं लेकिन उन्हें इसकी अनुमति नहीं दी जा रही है.

कांग्रेस के मणिकम टैगोर ने घरेलू रसोई गैस और पेट्रोलियम उत्पादों के मूल्यों में वृद्धि के मुद्दे पर कार्यस्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया था. सदन में नारेबाजी जारी रहने के कारण अग्रवाल ने अपराह्न दो बजकर करीब पांच मिनट पर सदन की कार्यवाही मंगलवार पूर्वाह्न 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी.

इससे पहले, सोमवार सुबह लोकसभा की बैठक तीन नवनिर्वाचित सदस्यों को शपथ दिलाने के साथ आरंभ हुई. इसके बाद जापान के पूर्व प्रधानमंत्री ंिशजो आबे, संयुक्त अरब अमीरात के पूर्व राष्ट्रपति शेख खलीफा बिन जायद अल नाहयान, केन्या के पूर्व राष्ट्रपति मवाई किबाकी तथा कुछ दिवंगत पूर्व सांसदों को श्रद्धांजलि देने के बाद बैठक अपराह्न 2 बजे तक के लिये स्थगित कर दी गई.

उधर, राज्यसभा की कार्यवाही शुरू होने के करीब एक घंटे के अंदर ही विभिन्न मुद्दों पर विपक्षी सदस्यों के हंगामे तथा राष्ट्रपति चुनाव के लिए आज हो रहे मतदान के कारण दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई. सभापति एम वेंकैया नायडू ने बैठक शुरू होने पर नवनिर्वाचित सदस्यों को सदन की सदस्यता की शपथ दिलाई.

इसके बाद सभापति नायडू ने कहा कि यह उनके कार्यकाल का आखिरी सत्र है और उन्होंने इस दौरान सभी से कुछ न कुछ सीखा. उन्होंने सदस्यों को आजादी के 75 साल पूरे होने के अवसर पर मनाए जा रहे अमृत महोत्सव की याद दिलाते हुए कहा कि इस सत्र को सार्थक बनाने का पूरा प्रयास करना चाहिए. इसी दौरान कांग्रेस के कई सदस्य आसन के समीप आ गए और अपनी विभिन्न मांगों के समर्थन में नारे लगाने लगे. वे सरकार से महंगाई सहित विभिन्न मुद्दों पर जवाब की मांग कर रहे थे.

नायडू ने सदस्यों से शांत रहने और सदन चलने देने की अपील की. लेकिन इसका हंगामा कर रहे सदस्यों पर कोई असर नहीं हुआ. इस पर नायडू ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि कुछ सदस्य तय करके आए हैं कि वे सदन नहीं चलने देंगे. उन्होंने कहा कि सदस्यों को राष्ट्रपति चुनाव में मतदान करने में सहूलियत हो सके, इसके लिए वह सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर रहे हैं.

राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने महंगाई, कांग्रेस के दीपेंद्र सिंह हुड्डा और शक्ति सिंह गोहिल ने अग्निपथ योजना, कांग्रेस के ही के सी वेणुगोपाल और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के एलामारम करीम ने महंगाई और कुछ खाद्य पदार्थों पर जीएसटी लगाने और आम आदमी पार्टी के संजय सिंह ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरंिवद केजरीवाल को सिंगापुर यात्रा की केंद्र सरकार द्वारा अनुमति ना दिए जाने जैसे मुद्दों पर कार्यस्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया था. हालांकि सभापति ने इन सभी नेताओं के नोटिस अस्वीकार कर दिए.

इससे पहले, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी राजनीतिक दलों के सदस्यों से संसद सत्र अधिकतम उपयोग करने का अनुरोध किया. उन्होंने कहा कि वे खुले मन से विभिन्न विषयों पर चर्चा और वाद विवाद करें तथा जरूरत पड़े तो आलोचना भी करें ताकि नीति और निर्णयों में बहुत ही सकारात्मक योगदान मिल सके.

मानसून सत्र के पहले दिन संसद भवन परिसर में पत्रकारों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘सब के प्रयासों से ही सदन चलता है, इसलिए सदन की गरिमा बढ़ाने के लिए हम सब अपने कर्तव्यों का निर्वाह करते हुए इस सत्र का राष्ट्रहित में सर्वाधिक उपयोग करें.’’ उन्होंने कहा कि सदन संवाद का एक सक्षम माध्यम होता है और वह उसे ‘‘तीर्थ क्षेत्र’’ मानते हैं जहां खुले मन से, वाद-विवाद हो और जरूरत पड़े तो आलोचना भी हो.

उन्होंने कहा, ‘‘उत्तम प्रकार की समीक्षा करके चीजों का बारीकी से विश्लेषण हो ताकि नीति और निर्णयों में बहुत ही सकारात्मक योगदान मिल सके. मैं सभी सांसदों से यही आग्रह करूंगा कि गहन ंिचतन और उत्तम चर्चा करें ताकि सदन को हम अधिक से अधिक सार्थक तथा उपयोगी बना सकें.’’ गौरतलब है कि संसद का मानसून 12 अगस्त तक चलेगा. इसमें कुल 26 दिनों की अवधि में 18 बैठक होंगी. राष्ट्रपति रामनाथ कोंिवद का कार्यकाल 24 जुलाई को समाप्त होने जा रहा है जबकि उपराष्ट्रपति के रूप में एम वेंकैया नायडू का कार्यकाल 10 अगस्त को समाप्त हो रहा है.

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