सरकार इमरान खान की पार्टी के खिलाफ पाबंदी लगाने पर विचार कर रही:रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ

पाकिस्तान के पूर्व सेना प्रमुख की पोती लाहौर के कमांडर हाउस पर हमले के आरोप में गिरफ्तार

इस्लामाबाद/लाहौर. पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने बुधवार को कहा कि सरकार इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के खिलाफ पाबंदी लगाने पर विचार कर रही है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री की गिरफ्तारी के बाद सैन्य प्रतिष्ठानों पर खान के समर्थकों द्वारा हमले किये जाने के बाद यह कदम उठाने पर विचार किया जा रहा है.

उल्लेखनीय है कि अर्द्धसैनिक बल के र्किमयों द्वारा खान (70) को गिरफ्तार किये जाने के बाद, नौ मई को देश भर में हिंसक प्रदर्शन भड़क उठे थे. उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने लाहौर कोर कमांडर आवास, मियांवाली एयरबेस और फैसलाबाद में आईएसआई (इंटर-र्सिवसेज इंटेलीजेंस) भवन सहित एक दर्जन सैन्य प्रतिष्ठानों में तोड़फोड़ की थी.

पाकिस्तान के इतिहास में पहली बार, भीड़ ने रावलपिंडी में थलसेना मुख्यालय पर हमला किया. पुलिस ने हिंसक झड़पों में मारे गये लोगों की संख्या 10 बताई थी. आसिफ ने यहां मीडिया से बात करते हुए कहा कि खान सैन्य एवं नागरिक प्रतिष्ठानों पर अपने समर्थकों द्वारा किये गये हमलों की निंदा करने को अब भी अनिच्छुक हैं.

उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ”यदि सरकार पूर्व में सत्तारूढ़ रहे इस दल पर प्रतिबंध लगाने का फैसला करती है तो इसे मंजूरी के लिए संसद को भेजा जाएगा. ” मंत्री ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री खान सेना को अपना दुश्मन समझते हैं. मंत्री ने कहा,”उनकी (खान की) पूरी राजनीति सेना के सहारे हुई है और आज उन्होंने अचानक इसके खिलाफ खड़े होने का फैसला किया है.” रक्षा मंत्री ने कहा कि खान की पार्टी छोड़ चुके नेताओं का भी यही कहना है. उन्होंने कहा, ”मैं जो कुछ कह रहा हूं, वही बात खान की पार्टी छोड़ चुके नेताओं ने भी कही है. उन्होंने कहा है कि हर चीज रणनीति के अनुसार हुई.”

इमरान खान के करीबी सहयोगी फवाद चौधरी ने पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ से इस्तीफा दिया

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को झटका देते हुए उनके करीबी सहयोगी और पूर्व सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने बुधवार को पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी से इस्तीफा दे दिया. खान के समर्थकों द्वारा नौ मई को सैन्य प्रतिष्ठानों में तोड़फोड़ और आगजनी की घटनाओं के बाद से पीटीआई पाकिस्तान सरकार के दबाव का सामना कर रही है.

इससे एक दिन पहले पाकिस्तान की पूर्व मंत्री और इमरान खान की करीबी सहयोगी शिरीन मजारी ने पीटीआई छोड़ दी थी और समूचे पाकिस्तान में नौ मई को संवेदनशील रक्षा प्रतिष्ठानों पर हमला करने वाले खान के समर्थकों की कार्रवाई की निंदा की. चौधरी ने कहा, ”मैने अपने पूर्व के बयान में नौ मई की घटनाओं की स्पष्ट रूप से निंदा की थी. मैंने कुछ समय के लिए राजनीति से दूर होने का फैसला किया है, इसलिए मैंने पार्टी के पद से इस्तीफा दे दिया है और इमरान खान से अलग हो रहा हूं.” चौधरी ने खान के नेतृत्व वाली सरकार के दौरान सूचना एवं प्रसारण मंत्री और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री के रूप में कार्य किया था. वह पीटीआई के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और पार्टी प्रवक्ता थे.

पाकिस्तान के पूर्व सेना प्रमुख की पोती लाहौर के कमांडर हाउस पर हमले के आरोप में गिरफ्तार
पाकिस्तान के पूर्व सेना प्रमुख आसिफ नवाज जांजुआ की रिश्तेदार को नौ मई को पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद यहां कोर कमांडर हाउस पर हुए हमले के लिए ‘उकसाने वाले प्रमुख व्यक्ति’ के तौर पर गिरफ्तार किया गया है. पुलिस ने बुधवार को यह जानकारी दी.

पेशे से फैशन डिजाइनर खदिजा शाह उन महिलाओं में शामिल हैं, जिन्हें पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के प्रमुख एवं पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के मद्देनजर नौ मई को सैन्य प्रतिष्ठानों पर हुए हमलों में कथित संलिप्तता के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. सत्तर-वर्षीय खान को बाद में जमानत पर रिहा कर दिया गया था.

लाहौर पुलिस ने एक बयान में कहा है कि पूर्व वित्तमंत्री सलमान शाह की बेटी खदिजा शाह जिन्ना हाउस के नाम से मशहूर लाहौर कोर कमांडर हाउस पर गत नौ मई को हुए हमले के लिए उकसाने वाले प्रमुख व्यक्तियों में से एक थीं. पुलिस ने कहा कि उन्हें आतंकवाद के आरोपों के तहत गिरफ्तार किया गया है और उनपर सेना अधिनियम के तहत मुकदमा चलाया जा सकता है.

सक्रिय पीटीआई समर्थक खदिजा शाह पुलिस द्वारा उनकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी शुरू किये जाने के बाद से छिप गयी थी. पुलिस ने कहा, “सुश्री शाह को लाहौर की आतंकवाद-निरोधी अदालत के समक्ष पेश किया गया, जिन्हें पहचान परेड के लिए जेल भेज दिया गया.” सरकार ने घोषणा की कि नौ मई की घटनाओं के लिए वांछित 500 से अधिक महिलाओं की पहचान पूरी हो चुकी है और उनके खिलाफ 138 मामले दर्ज किए गए हैं.

कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने देश भर में लगभग 8,000 लोगों को गिरफ्तार किया था, जिनमें ज्यादातर पीटीआई नेता और पार्टी कार्यकर्ता थे, जो इस्लामाबाद में अर्द्धसैनिक रेंजरों द्वारा खान की गिरफ्तारी के बाद भड़की हिंसा में कथित रूप से शामिल थे.
खान के समर्थक कार्यकर्ताओं ने लाहौर कॉर्प्स कमांडर के घर, मियांवाली एयरबेस और फैसलाबाद में आईएसआई भवन सहित एक दर्जन सैन्य प्रतिष्ठानों में तोड़फोड़ की. रावलपिंडी में सेना मुख्यालय पर भी पहली बार भीड़ ने हमला किया था. इस बीच, संघीय जांच एजेंसी (एफआईए) ने पीटीआई के 700 नेताओं और कार्यकर्ताओं के नाम ‘उड़ान-र्विजत सूची’ में डाल दिए हैं.

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