विपक्ष को रौंदने के लिए संसद में बुलडोजर चला रही है सरकार: कांग्रेस

सुरक्षा चूक पर गृह मंत्री के वक्तव्य की मांग जायज, सरकार के इनकार के चलते कार्यवाही बाधित: कांग्रेस

नयी दिल्ली. कांग्रेस ने लोकसभा से 33 और विपक्षी सदस्यों के निलंबन को तानाशाही भरा कदम करार देते हुए सोमवार को आरोप लगाया कि सरकार विपक्ष को रौंदने के लिए संसद में बुलडोजर चला रही है. लोकसभा में आसन की अवमानना के आरोप में कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी समेत कुल 33 सदस्यों को सोमवार को सदन से निलंबित कर दिया गया. इनमें से 30 सदस्यों को मौजूदा शीतकालीन सत्र की शेष अवधि के लिए और तीन सदस्यों को विशेषाधिकार समिति की रिपोर्ट आने तक निलंबित किया गया है. कुछ दिन पहले ही लोकसभा के 13 सदस्यों और राज्यसभा के एक सदस्य का निलंबन हुआ था.

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ”सबसे पहले कुछ लोगों ने संसद पर हमला किया. फिर मोदी सरकार संसद और लोकतंत्र पर हमला कर रही है. निरंकुश मोदी सरकार द्वारा 47 सांसदों को निलंबित करके सभी लोकतांत्रिक मानदंडों को कूड़ेदान में डाला जा रहा है.” उन्होंने दावा किया, ”विपक्ष विहीन संसद के साथ मोदी सरकार अब बिना किसी चर्चा के महत्वपूर्ण लंबित कानूनों को पारित कर सकती है, विरोध की आवाज कुचल सकती है.” निलंबन के बाद चौधरी ने संसद परिसर में संवाददाताओं से बातचीत में दावा किया कि इस सरकार में तानाशाही चरमसीमा पर पहुंच गई है.

उन्होंने कहा, ”हमारी मांग रही है कि हमारे जिन साथी सांसदों को निलंबित किया गया है, उनका निलंबन रद्द हो और गृहमंत्री अमित शाह जी संसद की सुरक्षा में चूक के मुद्दे पर सदन में आकर बयान दें…मैंने यह सलाह भी दी थी कि सदन के उप नेता राजनाथ सिंह विपक्षी नेताओं को बुलाएं और आम सहमति बनाकर सदन चलाने की कोशिश करें.”

चौधरी ने दावा किया, ”विपक्ष को भरोसे में लेकर सदन चलाना उचित है. लेकिन आज की सरकार तानाशाही की चरमसीमा पर पहुंच गई है. वे सदन को अपने पार्टी कार्यालय की तरह चलाना चाहते हैं.” उनका कहना था, ”हम लोग चर्चा करना चाहते थे. लेकिन सरकार को लगता है कि बहुमत के बाहुबल का डंडा घुमाकर सबको ठंडा कर देंगे.” लोकसभा में कांग्रेस के उप नेता और निलंबित सदस्यों में शामिल गौरव गोगोई ने आरोप लगाया कि सरकार विपक्ष को रौंदने के लिए संसद में बुलडोजर चला रही है.

उन्होंने कहा, ”यह देश के लोगों के मौलिक अधिकारों को रौंदने की प्रक्रिया है. यह साफ-साफ जाहिर करता है कि सरकार की मंशा सदन चलाने की नहीं है, सिर्फ गृह मंत्री की विफलता को छिपाने की है.” कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने आरोप लगाया कि संसद अब चर्चा की नहीं, बल्कि निलंबन की जगह बन गई है.

सुरक्षा चूक पर गृह मंत्री के वक्तव्य की मांग जायज, सरकार के इनकार के चलते कार्यवाही बाधित: कांग्रेस

कांग्रेस ने सोमवार को कहा कि सुरक्षा चूक के मुद्दे पर गृह मंत्री अमित शाह के वक्तव्य की विपक्ष की मांग जायज है, लेकिन सरकार इससे इनकार कर रही है जिस वजह से संसद के दोनों सदनों में व्यवधान बना हुआ है. पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह भी कहा कि इस गंभीर घटना पर गृह मंत्री का वक्तव्य देना उनका कर्तव्य और उत्तरदायित्व है.

विपक्षी दलों के हंगामे के कारण सोमवार को लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही बाधित हुई. विपक्ष की मांग है कि गृह मंत्री संसद की सुरक्षा में चूक के विषय पर दोनों सदनों में बयान दें. रमेश ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ”प्रधानमंत्री ने 13 दिसंबर को लोकसभा में हुई अति गंभीर सुरक्षा चूक पर एक प्रमुख अखबार से बात की. गृह मंत्री ने सुरक्षा उल्लंघन पर एक टीवी चैनल से बात की. संसद सत्र चल रहा है.”

उन्होंने कहा कि ‘इंडिया’ गठबंधन के घटक दल सुरक्षा चूक की घटना पर दोनों सदनों में गृह मंत्री अमित शाह से बयान की मांग कर रहे हैं. रमेश का कहना था, ”यह एक सरल, सीधी और जायज. मांग है. लेकिन गृह मंत्री ऐसा बयान देने से इनकार करते हैं जो उनका कर्तव्य और जिम्मेदारी है. इसी कारण संसद की कार्यवाही बार-बार स्थगित हो रही है.”

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