राजनयिकों और दूतावासों की सुरक्षा के लिए जरूरी कदम उठाए सरकार: कांग्रेस

नयी दिल्ली. कांग्रेस ने अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास में खालिस्तान समर्थकों द्वारा आगजनी की कोशिश किये जाने की निंदा करते हुए मंगलवार को कहा कि सरकार को अपने दूतावासों, उच्चायोगों एवं राजनयिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जरूरी कदम उठाना चाहिए. पार्टी के मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने यह भी कहा कि ऐसी घटनाओं को अंजाम देने वालों को न्याय के जद में लाया जाना चाहिए.

उन्होंने एक बयान में कहा, ”सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास पर कथित तौर पर ख.ालिस्तान समर्थकों द्वारा किए गए हमले और आग लगाने के प्रयास की भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस निंदा करती है. हम गहरी चिंता के साथ इस बात को रेखांकित करते हैं कि भारतीय राजनयिक मिशनों को लगातार हमलों और धमकियों को सामना करना पड़ रहा है.”

उनका कहना है, ”सैन फ्रांसिस्को से पहले ब्रिटेन में हमला हो चुका है और कनाडा में हिंसा की धमकियां मिली हैं. इसी साल मार्च में सैन फ्रांसिस्को स्थित वाणिज्य दूतावास पर पहले भी हमला हो चुका है.” खेड़ा ने कहा, ”मामले की गंभीरता, निरंतरता और ख.तरे की आशंका को देखते हुए हम भारत सरकार से भारतीय राजनयिक मिशन और इनमें कार्यरत लोगों की सुरक्षा के लिए उन देशों की सरकारों के साथ मिलकर आवश्यक कदम उठाने की अपील करते हैं, जहां ऐसे हमले हो रहे हैं. साथ ही यह सुनिश्चित करने की मांग करते हैं कि इस हमले के सभी अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाया जाए.”

सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास में खालिस्तान समर्थकों ने आगजनी की कोशिश की, जिसकी अमेरिकी सरकार ने कड़ी निंदा करते हुए इसे एक ‘आपराधिक कृत्य’ बताया. कुछ महीनों के भीतर सैन फ्रांसिस्को में राजनयिक मिशन पर हमले की यह दूसरी घटना है. खालिस्तान समर्थकों ने दो जुलाई 2023 का एक वीडियो ट्विटर पर साझा किया, जिसमें सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास में आगजनी की कोशिश करते हुए देखा जा सकता है.

आईडब्ल्यूएफ ने राजनयिक मिशन को निशाना बनाने के ‘भारत विरोधी ताकतों’ के प्रयासों की निंदा की

इंडियन वर्ल्ड फोरम (आईडब्ल्यूएफ) ने मंगलवार को कहा कि वह खालिस्तानी कार्यकर्ताओं सहित ”भारत विरोधी ताकतों” द्वारा विदेश में भारतीय राजनयिक मिशन और उसके प्रवासी समुदाय को निशाना बनाने के प्रयासों की निंदा करता है. खालिस्तान समर्थकों ने सैन फ्रांसिस्को में भारत के वाणिज्य दूतावास पर हमला किया, जहां उन्होंने आगजनी की कोशिश की. यह कुछ महीनों के भीतर सैन फ्रांसिस्को में राजनयिक मिशन पर हमले की दूसरी घटना है. अमेरिकी सरकार ने घटना की कड़ी निंदा करते हुए इसे ”आपराधिक कृत्य” करार दिया.

खालिस्तान समर्थकों ने दो जुलाई का एक वीडियो ट्विटर पर साझा किया, जिसमें सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास में आगजनी की कोशिश करते हुए देखा जा सकता है. आईडब्ल्यूएफ ने एक बयान में कहा कि कनाडा, ब्रिटेन और अमेरिका में भारतीय राजनयिकों को ”खालिस्तानी कट्टरपंथियों” से खतरा है. बयान में कहा गया, आईडब्ल्यूएफ इन देशों में ”खालिस्तानी कार्यकर्ताओं सहित भारत विरोधी ताकतों द्वारा विदेशी एजेंसियों की मिलीभगत से” भारतीय राजनयिक मिशन को निशाना बनाने के प्रयासों की कड़ी निंदा करता है.

फोरम ने कहा कि भारतीय प्रवासी हमेशा कानून का पालन करते रहे हैं और जिस देश में वे बसे हैं, वहां के आर्थिक विकास में योगदान दिया है. आईडब्ल्यूएफ ने कनाडा, ब्रिटेन और अमेरिका की सरकारों से ”खालिस्तानियों सहित ऐसे नापाक तत्वों के खिलाफ गंभीरता से कार्रवाई करने” और वहां रहने वाले प्रवासी भारतीयों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आग्रह किया है.

बयान में आईडब्ल्यूएफ के अध्यक्ष पुनीत सिंह चंडोक के हवाले से कहा गया, ”इसके साथ ही मैं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनकी सरकार से विदेश में खालिस्तानी आतंकवादियों सहित सभी भारत विरोधी तत्वों के तत्काल प्रत्यर्पण की मांग करने का भी आग्रह करता हूं.” कनाडा ने सोशल मीडिया पर प्रसारित हो रहे पोस्टर में भारतीय अधिकारियों का नाम होने के संबंध में भारत को उसके राजनयिकों की सुरक्षा को लेकर आश्वस्त किया है और खालिस्तान की एक रैली से पहले प्रसारित हो रही ”प्रचारात्मक सामग्री” को ”अस्वीकार्य” बताया है.

कनाडा की विदेश मंत्री मिलानी जॉली का यह बयान तब आया है जब एक दिन पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा था कि भारत ने कनाडा, ब्रिटेन तथा अमेरिका जैसे अपने साझेदार देशों को ”चरमपंथी खालिस्तानी विचारधारा” को तवज्जो न देने के लिए कहा है क्योंकि यह उनके रिश्तों के लिए ”सही नहीं” है.

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