सरकार के गेहूं भंडार खाली होने के कगार पर, इसलिए बढ़ाई एमएसपी: कांग्रेस

नयी दिल्ली: कांग्रेस ने बृहस्पतिवार को दावा किया कि सरकार के गेहूं भंडार एकदम खाली होने के कगार पर पहुंच गए है, इसलिए केंद्र सरकार ने गेहूं पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में 150 करोड़ रुपये प्रति ंिक्वटल की बढ़ोतरी की है।

सरकार ने बुधवार को विपणन सत्र 2024-25 के लिए गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 150 रुपये बढ़ाकर 2,275 रुपये प्रति ंिक्वटल करने की घोषणा की। प्रमुख गेहूं उत्पादक राज्यों में विधानसभा चुनाव से पहले सरकार ने यह कदम उठाया है।

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘ गेहूं के एमएसपी में 150 रुपये प्रति ंिक्वटल की बढ़ोतरी की गई है। हमेशा की तरह, प्रधानमंत्री इस ‘बड़ी’ बढ़ोतरी के लिए श्रेय ले रहे हैं। लेकिन हक़ीक़त कुछ और ही है।

यह सरकार के गेहूं भंडार के एकदम ख़ाली होने के कगार पर पहुंचने के कारण हुआ है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘सच्चाई यह है कि यह पहली बार नहीं हुआ है जब गेहूं के एमएसपी में इस तरह 150 रुपये प्रति ंिक्वटल की बढ़ोतरी हुई है। एमएसपी में बढ़ोतरी पहले भी हुई है और इससे काफ़ी ज्Þयादा हुई है।

मनमोहन ंिसह के शासनकाल में गेहूं के एमएसपी में 119 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई थी जबकि नरेन्द्र मोदी के कार्यकाल में सिफऱ् 57 प्रतिशत हुई है। लेकिन अभी एमएसपी का बढ़ाया जाना, जो कि एक आवश्यकता है, उसे भी प्रधानमंत्री उपकार के रूप में पेश कर रहे हैं। ’’

रमेश ने सवाल किया कि संयुक्त किसान मोर्चा की एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी की मांग का क्या हुआ? उन्होंने दावा किया, ‘‘एमएसपी की कानूनी गारंटी ऐसे समय में और भी महत्वपूर्ण है जब प्रधानमंत्री के मित्रों द्वारा निजी खरीदारी बढ़ती जा रही है।’’ कांग्रेस महासचिव ने सवाल किया, ‘‘ मध्यप्रदेश में सोयाबीन एमएसपी से नीचे क्यों बिक रहा है और सरकार सस्ते खाद्य तेल का आयात क्यों कर रही है? इन सवालों पर प्रधानमंत्री चुप्पी कब तोड़ेंगे?’’

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