अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत देना नेताओं को विशेषाधिकार देने के समान नहीं : उच्चतम न्यायालय

नयी दिल्ली. उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत देना नेताओं को विशेषाधिकार या विशेष दर्जा देने के समान नहीं माना जाएगा. न्यायालय ने यह भी कहा कि आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है और वह समाज के लिए खतरा नहीं हैं.

न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने कथित आबकारी नीति घोटाले से जुड़े धनशोधन मामले में केजरीवाल को एक जून तक अंतरिम जमानत देते हुए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की उस दलील को खारिज कर दिया कि लोकसभा चुनाव प्रचार के लिए राहत देने नेताओं का एक अलग वर्ग तैयार होगा.

पीठ ने कहा, ”हम इस तर्क को खारिज कर देंगे कि हमारे तर्कों के कारण नेताओं को विशेषाधिकार या विशेष दर्जा दिया जाता है. जैसा कि विभिन्न पैराग्राफ में कहा गया है…, मामले की कई विशेषताएं हमारे पक्ष में हैं.” न्यायालय ने कहा कि मामले की जांच अगस्त 2022 से लंबित है और केजरीवाल को इस साल 21 मार्च को गिरफ्तार किया गया था.

पीठ ने कहा, ”अपीलकर्ता अरविंद केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय दलों में से एक के नेता हैं. इसमें कोई संदेह नहीं है कि (उनके खिलाफ) गंभीर आरोप लगाए गए हैं, लेकिन उन्हें दोषी नहीं ठहराया गया है. उनका कोई आपराधिक इतिहास (भी) नहीं है. वह समाज के लिए ख.तरा भी नहीं हैं.” इसने आगे कहा, ”इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि गिरफ्तारी की वैधता को ही इस अदालत के समक्ष चुनौती दी गयी है और हमें अब भी इस पर अंतिम निर्णय देना बाकी है. तथ्यात्मक स्थिति की तुलना फसलों की कटाई या व्यावसायिक मामलों की देखभाल के लिए याचिका से नहीं की जा सकती है.” शीर्ष अदालत ने इस बात पर प्रकाश डाला कि एक बार जब मामला विचाराधीन है और गिरफ्तारी की वैधता से संबंधित प्रश्न विचाराधीन हैं, तो अठारहवीं लोकसभा के आम चुनाव होने की पृष्ठभूमि में अधिक समग्र और उदारवादी दृष्टिकोण उचित है.

पीठ ने कहा, ”यह कहने का कोई फायदा नहीं है कि लोकसभा चुनाव इस साल की सबसे महत्वपूर्ण घटना है और उन्हें (केजरीवाल को) राष्ट्रीय चुनाव वर्ष में (उपलब्ध) होना चाहिए. लगभग 97 करोड़ मतदाताओं में से 65 से 70 करोड़ मतदाता अगले पांच वर्षों के लिए इस देश की सरकार चुनने के वास्ते अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे. आम चुनाव लोकतंत्र को जीवंतता प्रदान करते हैं.” शीर्ष अदालत ने कहा, ”असाधारण महत्व को देखते हुए, हम अभियोजन पक्ष की यह दलील खारिज करते हैं कि इस आधार पर अंतरिम जमानत/रिहाई देने से नेता आम नागरिकों की तुलना में अधिक लाभकारी स्थिति में आ जाएंगे.”

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