जम्मू-कश्मीर में जीएसडीपी, अन्य वित्तीय मापदंडों ने पिछले चार साल में अच्छी वृद्धि देखी: उपराज्यपाल
जम्मू. उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने रविवार को जम्मू-कश्मीर के लिए 1,18,728 करोड़ रुपये के अंतरिम बजट को ‘विकासोन्मुखी’ करार देते हुए कहा कि केंद्र शासित प्रदेश के वित्तीय मापदंडों में पिछले चार वर्षों में लगातार वृद्धि देखी गई है. उन्होंने कहा कि 2005 से लंबित बिजली बकाया लगभग समाप्त हो गया है, जो उनके प्रशासन के लिए एक बड़ी उपलब्धि है. सिन्हा ने कहा कि सरकार केंद्र शासित प्रदेश की शांति, प्रगति और समृद्धि के लिए प्रतिबद्ध है.
संसद ने हाल ही में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत जम्मू और कश्मीर के लिए 2024-25 अंतरिम बजट पारित किया. अंतरिम बजट में 20,760 करोड़ रुपये के राजकोषीय घाटे और सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) में 7.5 प्रतिशत की वृद्धि की परिकल्पना की गई है. पांच फरवरी को मंत्री द्वारा पेश अंतरिम बजट के अनुसार, वित्त वर्ष के लिए पूंजीगत व्यय 38,566 करोड़ रुपये प्रस्तावित किया गया है, जो जीएसडीपी का 14.64 प्रतिशत है.
सिन्हा ने यहां संवाददाताओं से कहा, ह्लयह अंतरिम बजट है और इसमें कोई बड़ा ऐलान नहीं किया गया. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में जम्मू-कश्मीर के लिए तैयार किया गया यह पांचवां बजट था और इन पांच वर्षों के दौरान सरकार समग्र विकास, रोजगार सृजन और औद्योगिक वृद्धि जैसे विभिन्न लक्ष्यों को हासिल करने में सफल रही.ह्व उन्होंने कहा कि युवाओं के लिए बेहतर अवसरों, किसानों, महिलाओं और गरीबों की जीवन स्थितियों में सुधार के साथ जम्मू-कश्मीर के लोगों का आत्म-सम्मान बहाल हुआ है.