ज्ञानवापी परिसर मामला : तहखाने के अधिकार मामले पर सुनवाई के लिए 30 सितंबर की तारीख तय

वाराणसी. वाराणसी की जिला अदालत ने ज्ञानवापी परिसर स्थित व्यास जी के तहखाने की चाबी यहां के जिलाधिकारी को सौंपने का आग्रह करने वाली याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई स्थगित कर दी. मामले की सुनवाई करते हुए जिला न्यायाधीश एके विश्वेश ने काशी विश्वनाथ ट्रस्ट के अधिवक्ता का अनुरोध स्वीकार कर लिया, जिन्होंने बहस की तैयारी के लिए और समय देने का अनुरोध किया था. अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 30 सितंबर को तय की है.
जिला शासकीय अधिवक्ता राजेश मिश्रा ने शुक्रवार को बताया कि ज्ञानवापी स्थित व्यास जी के तहखाने का अधिकार जिलाधिकारी को सौंपने सहित वहां पूजा-पाठ करने के अधिकार देने संबंधी वाद सिविल जज सीनियर डिवीजन नितेश कुमार सिन्हा की अदालत में दायर किया गया था.
उन्होंने बताया कि पिछले सोमवार को इस वाद को जिला जज की अदालत में स्थानांतरित करने के लिए प्रार्थना पत्र दिया गया जिस पर जिला न्यायाधीश ए के विश्वेश ने सुनवाई करते हुए मंदिर ट्रस्ट के ट्रस्टी को अपना पक्ष रखने के लिए 30 सितंबर की तारीख तय की है. हिंदू पक्ष के अधिवक्ता मदन मोहन यादव ने बताया कि ज्ञानवापी परिसर स्थित नंदी के मुख के सामने व्यास जी का तहखाना मौजूद है जिसे 1993 में सरकार ने बैरिकेडिंग करा कर पूजा पाठ बंद करा दिया था.
यादव ने बताया कि हिंदू पक्ष ने नया वाद दाखिल कर दूसरे पक्ष द्वारा तहखाने पर कब्जे की आशंका को देखते हुए ज्ञानवापी विवाद पर फैसला आने तक तहखाने को जिलाधिकारी को सौंपने का अनुरोध किया है. उन्होंने कहा कि साथ ही हिंदू पक्ष ने मांग की है कि नंदी के सामने की बैरिकेडिंग को हटाकर तहखाने तक रास्ता बना दिया जाए, जिससे से वहां पूजा पाठ होता रहे.
यादव ने बताया कि इस मामले में पूर्व में हिंदू पक्ष ने अदालत के समक्ष अपना पक्ष रख दिया है. मुस्लिम पक्ष ने भी इस पर अपनी आपत्ति प्रस्तुत कर दी है. इस वाद में विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट भी पक्षकार है और उसको आज अपना पक्ष रखना था. उन्होंने बताया कि मंदिर ट्रस्ट के अधिवक्ता ने आज अपनी तैयारी पूरी ना होने का हवाला देते हुए और समय देने का अनुरोध किया जिसके बाद जिला न्यायाधीश ने 30 सितंबर को सुनवाई की अगली तारीख तय की.
अदालत ने ज्ञानवापी परिसर में एएसआई सर्वे रोकने संबंधी अंजुमन इंतजामिया कमेटी की याचिका खारिज की
वाराणसी की एक अदालत ने ज्ञानवापी परिसर में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के चल रहे वैज्ञानिक सर्वेक्षण को रोकने का अनुरोध करने वाली मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज कर दी. जिला शासकीय अधिवक्ता राजेश मिश्रा ने बताया कि वाराणसी के जिला न्यायाधीश एके विश्वेश ने अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी द्वारा दायर याचिका पर कहा कि सर्वेक्षण इलाहाबाद उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय के निर्देशों पर किया जा रहा है, इसलिए इस मामले में इस न्यायालय को सुनवाई का कोई अधिकार नहीं है.
मिश्रा ने कहा कि अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी ने जिला न्यायाधीश की अदालत में याचिका दायर की थी. याचिका में यह आरोप लगाया गया था कि सर्वेक्षण निर्धारित नियमों के खिलाफ किया जा रहा है, इसलिए सर्वेक्षण रोका जाना चाहिए. जिला न्यायाधीश ने इस पर कहा,” मुकदमे के वादियों पर कोई नयी शर्त नहीं थोपी जा सकती. भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण विभाग कोई निजी संस्था नहीं है. वह सरकारी काम कर रही है. सर्वेक्षण का खर्च देने के लिए बाध्य करना सही नहीं है.”
अदालत ने इस याचिका पर बृहस्पतिवार को अपना फैसला सुनाया. मिश्रा ने बताया कि अदालत ने ज्ञानवापी परिसर में सील किए गए वजू खाने का सर्वेक्षण कराने की हिंदू पक्ष की याचिका पर भी सुनवाई की. सुनवाई के दौरान सभी पक्षों को याचिका की प्रति सौंपी गईं और अदालत ने इस मामले पर सुनवाई के लिए पांच अक्टूबर की तारीख तय की है. एएसआई यहां काशी विश्वनाथ मंदिर के बगल में स्थित ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का वैज्ञानिक सर्वेक्षण कर रही है.