हार्दिक पटेल भाजपा में शामिल, कहा प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में ‘सिपाही’ की तरह काम करूंगा
गांधीनगर. पाटीदार नेता हार्दिक पटेल बृहस्पतिवार को गुजरात में भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए. उन्होंने दो सप्ताह पहले कांग्रेस की सदस्यता से इस्तीफा दिया था. पटेल ने यह निर्णय ऐसे समय लिया है जब कुछ महीनों में ही 182 सदस्यीय गुजरात विधानसभा का चुनाव होने वाला है. भाजपा में शामिल होने के बाद पटेल ने कहा कि उन्होंने चुनाव में टिकट प्राप्त करने के इरादे से भाजपा का दामन नहीं थामा है और वह पार्टी के एक ‘‘आम कार्यकर्ता’’ और ‘‘सिपाही’’ के तौर पर काम करेंगे.
उन्होंने कहा कि उन्होंने कांग्रेस से इस्तीफा इसलिए दिया क्योंकि वह ‘‘लोगों की भावनाओं का आदर नहीं करती और करोड़ों हिन्दुओं से संबंधित धार्मिक मुद्दों से दूरी बनाकर रखती है.’’ भाजपा की गुजरात इकाई के अध्यक्ष सी. आर. पाटिल और राज्य के पूर्व उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल ने पार्टी में उनका स्वागत किया. हार्दिक पटेल ने 2015 में पाटीदार समुदाय के लिए आरक्षण की मांग को लेकर एक आंदोलन का नेतृत्व किया था. वह 2019 में कांग्रेस में शामिल हो गए थे और उन्हें जुलाई 2020 में प्रदेश इकाई का कार्यवाहक अध्यक्ष भी बनाया गया था.
उन्होंने 18 मई को कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था और तभी से अटकलें लगाई जा रही थीं कि हार्दिक भाजपा में शामिल हो सकते हैं. भाजपा ने मंगलवार को घोषणा की थी कि हार्दिक दो जून को पार्टी में शामिल हो सकते हैं. गुजरात में सत्तारूढ़ दल में शामिल होने के बाद हार्दिक ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘भाजपा राष्ट्रहित में काम करती है और मैं एक सामान्य कार्यकर्ता के तौर पर काम करूंगा. कांग्रेस लोगों की भावनाओं की कद्र नहीं करती. वह पार्टी करोड़ों हिन्दुओं से संबंधित धार्मिक मुद्दों से दूरी बनाकर रखती है. यही कारण है कि मैंने कांग्रेस को छोड़ दिया. मैं अन्य दलों के नेताओं से भी आग्रह करता हूं कि वे भाजपा में शामिल हों और राष्ट्र निर्माण में योगदान दें.’’
पाटीदार कोटा आंदोलन के पूर्व प्रमुख ने दावा किया कि भाजपा में शामिल होना उनके लिए घर वापसी जैसा है क्योंकि उनके पिता भरतभाई पटेल गुजरात की पूर्व मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल के लिए काम करते थे जब उन्होंने 1990 के दशक में मंडल सीट से विधानसभा चुनाव लड़ा था.
यह पूछे जाने पर कि क्या वह भाजपा में इसलिए शामिल हुए हैं कि खुद को राजद्रोह के दो मामलों से बचा सकें और अपने आप को ‘‘देशद्रोही’’ की बजाय ‘‘देशभक्त’’ साबित कर सकें, हार्दिक ने कहा कि वह हमेशा से देशभक्त थे और अदालत के आदेश का सम्मान करेंगे.