उच्च न्यायालय ने संदेशखाली में महिलाओं के खिलाफ अपराधों की सीबीआई जांच के दिए आदेश

मामले की जांच सीबीआई को सौंपे जाने को ईरानी ने न्याय की दिशा में पहला कदम बताया

कोलकाता/नयी दिल्ली. कलकत्ता उच्च न्यायालय ने पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में महिलाओं के खिलाफ अपराध और भूमि पर कब्जा करने के आरोपों की जांच केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से कराने के बुधवार को आदेश दिए. हाल में इन आरोपों को लेकर संदेशखाली में व्यापक प्रदर्शन हुए थे. मुख्य न्यायाधीश टी एस शिवज्ञानम की अगुवाई वाली खंडपीठ ने कहा कि जांच अदालत की निगरानी में की जाएगी. साथ ही, उन्होंने सीबीआई को राजस्व रिकॉर्ड का गहन निरीक्षण और कथित रूप से भू-उपयोग परिवर्तन का निरीक्षण करने के बाद एक व्यापक रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया.

आरोपों के अनुसार, मछली पालन के लिए कृषि भूमि के उपयोग को जल निकायों में अवैध रूप से परिर्वितत किया गया. अदालत ने सीबीआई को निर्देश दिया कि वह संदेशखाली में महिलाओं के खिलाफ अपराध और जमीन हड़पने के आरोपों की जांच करे और सुनवाई की अगली तारीख पर एक व्यापक रिपोर्ट पेश करे. खंडपीठ में न्यायमूर्ति हिरण्मय भट्टाचार्य भी शामिल थे. पीठ ने निर्देश दिया कि मामले की सुनवाई दो मई को फिर से की जाएगी और इसी दिन सीबीआई को रिपोर्ट दाखिल करने के लिए कहा गया है.

ईडी के अधिकारियों पर पांच जनवरी को भीड़ ने उस समय हमला किया था, जब वे राशन वितरण घोटाला मामले में तृणमूल कांग्रेस नेता (अब निलंबित) शाहजहां शेख के परिसर की तलाशी के लिए संदेशखाली गए थे. अदालत ने आदेश सुनाते हुए कहा कि एजेंसी द्वारा निष्पक्ष जांच किए जाने की जरूरत है जिसके पास उस आपराधिक पहलू की जांच करने की शक्ति है ,जैसे आरोप लगाए जा रहे हैं. अदालत ने कहा,” न्याय और निष्पक्षता के हित में और विभिन्न शिकायतों और आरोपों पर शीघ्र विचार के लिए निष्पक्ष जांच की जानी आवश्यक है.” राज्य को सीबीआई को उचित मदद मुहैया कराने के निर्देश दिए गए हैं.

अदालत ने इस बात पर गौर कियाा कि याचिकाकर्ताओं ने सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अगुवाई में एक जांच समिति गठित करने की मांग की है. खंडपीठ ने कहा कि आरोपों की प्रकृति को देखते हुए उसने सीबीआई से जांच कराने का निर्णय लिया है. याचिककार्ता-वकील प्रियंका टिबरेवाल द्वारा हलफनामे के रूप में लगभग 600 शिकायतें अदालत के समक्ष प्रस्तुत की गई थीं, जिनमें कथित तौर पर यौन अत्याचार, भूमि पर कब्जा, हमले और संपत्ति को नष्ट करने जैसे अन्य अपराध शामिल हैं. अदालत ने कहा कि गोपनीयता बनाए रखने के लिए जांच एजेंसी शिकायत दर्ज करने के वास्ते एक पोर्टल अथवा ईमेल आईडी बनाएगी.

संदेशखाली मामले की जांच सीबीआई को सौंपे जाने को ईरानी ने न्याय की दिशा में पहला कदम बताया

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की नेता और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने बुधवार को पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में महिलाओं के खिलाफ अपराधों और जमीन कब्जा करने के आरोपों की केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराने के कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश का स्वागत किया और कहा कि यह पीड़ितों को न्याय दिलाने की दिशा में पहला कदम है.

ईरानी ने यहां पत्रकारों से बातचीत में कहा, ”मैं अदालत के आदेश का स्वागत करती हूं. संदेशखाली की महिलाओं और खासकर गरीब महिलाओं को न्याय दिलाने की दिशा में यह पहला कदम है.” ईरानी ने आरोप लगाया कि तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी संविधान को नहीं बल्कि शेख को बचा रही हैं. भाजपा की वरिष्ठ नेता ने कहा कि अब उन्हें राज्य के लोगों को जवाब देना होगा. ईरानी ने कहा, ”मैं अदालत के फैसले के प्रति आभार व्यक्त करना चाहती हूं.” उन्होंने विश्वास जताया कि भाजपा की पश्चिम बंगाल इकाई संदेशखाली मामले के पीड़ितों को न्याय दिलाने में मदद करेगी.

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