हुबली हत्याकांड सीआईडी को सौंपा जाएगा और विशेष अदालत का गठन होगा : सिद्धरमैया

शिवमोगा. कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने सोमवार को कहा कि उनकी सरकार ने हुबली में हुई छात्रा की हत्या के मामले को अपराध जांच विभाग (सीआईडी) को सौंपने का फैसला किया है. साथ ही मामले का जल्द निपटारा करने के लिए एक विशेष अदालत का गठन किया जाएगा.

हुबली-धारवाड़ नगर निगम के पार्षद और कांग्रेस नेता निरंजन हिरेमथ की बेटी नेहा हिरेमथ (23) की 18 अप्रैल को धारवाड़ के बीवीबी कॉलेज परिसर में कथित तौर पर चाकू मारकर हत्या कर दी गई थी. नेहा की हत्या करने के बाद आरोपी फैयाज खोंडुनाइक मौके से भाग गया, लेकिन बाद में पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया था. नेहा ‘मास्टर ऑफ कंप्यूटर एप्लीकेशन’ (एमसीए) के प्रथम वर्ष की छात्रा थी और फैयाज पहले उसका सहपाठी रह चुका था.

सिद्धरमैया ने कहा, ”हमने यह मामला सीआईडी को देने का फैसला किया है. हम इसके लिए एक विशेष अदालत का गठन करेंगे, जिससे समयबद्ध तरीके से आरोपपत्र दाखिल कर मामले का निपटारा हो सके.” राज्य के गृह मंत्री जी. परमेश्वर ने कहा कि सीआईडी मामले में अपनी रिपोर्ट 12 दिन में सौंपेगी. उन्होंने कहा, ”सीआईडी की टीम आज हुबली जाएगी और जिला पुलिस से मामला अपने हाथ में लेगी.” परमेश्वर ने कहा कि कुछ लोगों ने इस मामले में और लोगों के शामिल होने का संदेह जताया है.

उन्होंने कहा, ”सीआईडी जांच कर 10 से 12 दिन में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी. हमने यह समयसीमा तय की है. वे इसकी जांच में महीनों का समय नहीं लगा सकते. मुझे विश्वास है कि पीड़िता के माता-पिता को न्याय मिलेगा और सच्चाई सामने आएगी.” इसस पहले, एक पत्रकार के सवाल का जवाब देते हुए सिद्धरमैया ने कहा, ”मैं उनके (माता-पिता के) आवास पर नहीं जा सका. हमारे जिले के प्रभारी मंत्री और पार्टी कार्यकर्ता गए थे. एच के पाटिल (कानून मंत्री) भी जा रहे हैं. मैं जब हुबली जाऊंगा तो उनके घर का दौरा करूंगा.”

हुबली के इस हत्याकांड से लोगों में बहुत आक्रोश है वहीं सत्तारूढ़ कांग्रेस और विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया. सत्तारूढ़ दल ने इसे निजी विवाद पर हुई घटना के तौर पर पेश किया वहीं भगवा पार्टी ने इसे “लव जिहाद” का मामला बताया और कहा कि यह राज्य में बिगड़ती कानून-व्यवस्था का प्रमाण है.

भाजपा की छात्र शाखा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) और विभिन्न संगठनों ने न्याय की मांग करते हुए विरोध प्रदर्शन किया है और आरोपियों के लिए कड़ी सजा की मांग की. कई अन्य स्थानों पर भी इसी तरह के प्रदर्शन किए गए. मुख्यमंत्री ने दावा किया कि राज्य में कांग्रेस के शासन के दौरान अपराध के मामलों में कमी आई है. साल 2023 में अपराध के 1,295 मामले सामने आए थे. वहीं, भाजपा के चार वर्षों के शासन के दौरान 2019-2022 तक क्रमश: 1,300, 1,318, 1,342 और 1,370 अपराध के मामले सामने आए थे.

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