भाजपा विपक्षी सरकारों को अस्थिर करती रही, तो लोकतंत्र खत्म हो जाएगा: खरगे

परिवारों का उपभोग खर्च सर्वे भ्रामक और चुनाव से प्रेरित: कांग्रेस

नयी दिल्ली/बेरहामपुर. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने राज्यसभा चुनाव में हिमाचल प्रदेश के कई पार्टी विधायकों के भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार के पक्ष में मतदान करने के बाद मंगलवार को भाजपा पर विपक्षी दलों को तोड़ने का आरोप लगाया और कहा कि अगर विपक्ष की सरकारों को ऐसे ही अस्थिर किया जाता रहा, तो देश में लोकतंत्र खत्म हो जाएगा. उन्होंने समाचार नेटवर्क ‘टीवी 9’ के एक सम्मेलन में यह भी कहा कि कांग्रेस ‘इंडिया’ गठबंधन में सभी दलों को साथ लेकर चल रही है तथा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जितना चाहें प्रयास कर लें, वो टूटने वाले नहीं हैं.

खरगे ने हिमाचल प्रदेश के घटनाक्रम के बारे में पूछे जाने पर कहा, ”चुनी हुई सरकार को तोड़ते हैं, तो यह कौन सा लोकतंत्र है? इससे पहले मध्य प्रदेश, कर्नाटक, मणिपुर और गोवा में ऐसा ही हुआ था…अगर आप चुनकर नहीं आते, तो लोगों को डराकर, धमका कर काम करते हैं, क्या यह लोकतंत्र है.” उन्होंने दावा किया, ”अगर ये (भाजपा) ऐसा करते गए, तो एक दिन लोकतंत्र को खत्म कर देंगे और संविधान को अलग रख देंगे.”

खरगे ने कहा, ”अगर आपको बहुमत मिला है, तो शासन करिये, लेकिन डरा-धमकाकर कोई काम करता है, तो यह लोकतंत्र में नहीं चलता.” ‘क्रॉस-वोटिंग’ के बीच भाजपा के उम्मीदवार हर्ष महाजन ने सत्तारूढ़ कांग्रेस के अभिषेक मनु सिंघवी को पराजित कर हिमाचल प्रदेश से राज्यसभा की इकलौती सीट पर मंगलवार को जीत दर्ज की. अधिकारियों ने बताया कि मुकाबला 34-34 मतों से बराबरी पर रहा था, लेकिन उसके बाद महाजन को ‘ड्रॉ’ के जरिए विजेता घोषित कर दिया गया.

खरगे ने कर्नाटक के संदर्भ में कहा, ”कर्नाटक में क्रॉस-वोटिंग नहीं हुई, हमें जितनी संख्या चाहिए थी, वो आ गई, हमारे तीनों उम्मीदवार जीत गए.” कांग्रेस अध्यक्ष ने ‘इंडिया’ गठबंधन में मतभेदों के बारे में पूछे जाने पर कहा, ”हम सबको साथ लेकर चलने का काम कर रहे हैं. बहुत सारी पार्टियां जुड़ी हैं…मोदी जी तोड़ने की कोशिश कर लें, उन्हें कामयाबी नहीं मिलेगी. वो तोड़ने की कोशिश करेंगे, लेकिन हम टूटने वाले नहीं है.”

प्रधानमंत्री पद के लिए कुछ दलों द्वारा उनका नाम सुझाए जाने से जुड़े सवाल पर खरगे ने कहा, ”संख्या आने के बाद यह फैसला करेंगे कि कौन प्रधानमंत्री होगा.” उन्होंने राम मंदिर से जुड़े सवाल पर कहा कि आस्था और राजनीति अलग है तथा इन दोनों जोड़कर लोगों को बांटना नहीं चाहिए. खरगे ने कहा, ”यह सरकार लोगों को बांटने का प्रयास कर रही है.” उन्होंने एक अन्य सवाल के जवाब में कहा, ”दक्षिण और उत्तर की बात करना गलत है. हम सभी भारतीय हैं…मुल्क को बचाना है, तो सबको मिलकर काम करना चाहिए. यहां पार्टी का सवाल नहीं है.”

मोदी को ध्यान आर्किषत करने के लिए नाटक करना पसंद है : अधीर चौधरी

लोकसभा में कांग्रेस संसदीय दल के नेता अधीर चौधरी ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की गुजरात के पंचकुई तट पर हाल में की गई स्कूबा डाइविंग को महज फोटो खिंचाने का मौका करार दिया. मुर्शिदाबाद जिले के बेरहामपुर में पत्रकारों से बात करते हुए चौधरी ने मोदी के कार्यों को ध्यान आर्किषत करने के लिए कार्यक्रम आयोजित करने की अपनी दिनचर्या का हिस्सा बताया.
उन्होंने दावा किया कि ऐसा लगता है कि मोदी का पानी के अंदर भ्रमण केवल कैमरे के लिए आयोजित किया गया था, जो हर अवसर पर फोटो खिंचवाने की उनकी रुचि को दर्शाता है.

बंगाल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ”पर्यटक स्थलों पर जहां भी सुविधाएं उपलब्ध होती हैं, लोग स्कूबा डाइविंग के लिए जाते हैं. लेकिन, फोटो खींचने के लिए एक कैमरामैन को पानी के अंदर ले जाकर उन्होंने (मोदी) एक बार फिर से फोटो खिंचवाने के अपने प्रेम का सबूत दिया है.” प्रधानमंत्री के आलोचक चौधरी ने मोदी पर जनता का ध्यान बनाए रखने के लिए लगातार नाटक करने का आरोप लगाया. बेहरामपुर के सांसद ने कहा, ”मोदी ध्यान आर्किषत करने के लिए हर दिन नए नाटक, नए कार्यक्रम आयोजित करेंगे.”

परिवारों का उपभोग खर्च सर्वे भ्रामक और चुनाव से प्रेरित: कांग्रेस

कांग्रेस ने हाल में आए उपभोग खर्च सर्वे को ”चुनाव से प्रेरित और भ्रामक सर्वे” करार देते हुए मंगलवार को दावा किया कि सरकार ने गरीबी के विषय पर अपनी पीठ थपथपाने की नाकाम कोशिश की है, जबकि हकीकत यह है कि आज 80 करोड़ से अधिक लोगों को मुफ्त राशन दिया जा रहा है.

पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने यह भी कहा कि अगर केंद्र में ‘इंडिया’ गठबंधन की सरकार बनती है तो देश में जाति आधारित जनगणना करवाई जाएगी ताकि सही आंकड़ा एकत्र हो सके. राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण कार्यालय (एनएसएसओ) के ताजा अध्ययन के मुताबिक, देश में परिवारों का प्रति व्यक्ति मासिक घरेलू खर्च 2011-12 की तुलना में 2022-23 में दोगुना से अधिक हो गया है.

गत शनिवार को जारी आधिकारिक बयान के अनुसार, सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के तहत एनएसएसओ ने अगस्त, 2022 से जुलाई, 2023 के दौरान परिवारों का उपभोग खर्च सर्वेक्षण (एचसीईएस) किया. खरगे ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ”10 साल की गहन निद्रा में खर्राटे लेने के बाद, आख.रिकार मोदी सरकार, जनता के ख.र्च और आमदनी पर ह्लचुनाव से प्रेरित सर्वेह्व लाई है. सर्वे में मोदी सरकार ने अपनी पीठ थपथपाने की नाकाम कोशिश की है.”

उन्होंने सवाल किया, ”अगर देश में सब कुछ इतना चमकदार है, जैसा इन परिवारों के उपभोग खर्च सर्वे में दर्शाया जा रहा है तो ग्रामीण भारत के सबसे ग.रीब 5 प्रतिशत अर्थात क.रीब 7 करोड़ लोग रोज.ाना केवल 46 रुपये ही ख.र्च क्यों करते हैं?” खरगे ने कहा, क्यों सबसे गरीब पांच प्रतिशत परिवारों को सबसे कम – केवल 68 रुपये प्रति माह का ही लाभ सरकारी योजनाओं से मिला? बाक.ी का लाभ क्या पूंजीपति मित्रों को ही मिला? ”

उन्होंने यह सवाल भी किया, ”किसानों की मासिक आमदनी ग्रामीण भारत की औसत आमदनी से कम क्यों है? क्यों ग्रामीण परिवारों का ईंधन पर खर्च केवल 1.5 प्रतिशत ही घटा, जबकि मोदी सरकार उज्ज्वला योजना की सफलता का ढिंढोरा पीटती फिरती है?” उन्होंने कहा, ”विशेषज्ञ कह रहे हैं कि सरकार इस सर्वे से खाद्य मुद्रास्फीति के आंकड़ों को नापने के मापदंड में बदलाव कर सकती है. क्या ये कमरतोड़ महंगाई को फ.ज.र्ी आंकड़ों से छिपाने की क.वायद नहीं है? ”

खरगे ने दावा किया कि इस परिवारों का उपभोग खर्च सर्वे का नामांकन 69वां चरण या 70वां चरण होना चाहिए था, पर इस सर्वे के नाम में ये कौन सा चरण है, वही जान-बूझकर ग.ायब कर दिया गया है ताक.ि आंकड़ों की हेराफेरी पकड़ी ही नहीं जा सके! कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ”हमारी एक ही मांग है, सही जानकारी के लिए 2021 की जनगणना जल्द से जल्द होनी चाहिए और जाति आधारित जनगणना उसका अंग होनी चाहिए.” खरगे ने कहा, ”कांग्रेस पार्टी ‘इंडिया’ गठबंधन की सरकार बनते ही यह जरूर करवाएगी.”

कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने संवाददाताओं से कहा, ”आज देश में नीति आयोग यह साबित करने पर तुली है कि मोदी सरकार ने देश में गरीबी खत्म कर दी है. लेकिन…इसी रिपोर्ट में बताया गया है कि देश के सबसे गरीब पांच प्रतिशत लोग अपना गुजर-बसर सिर्फ 46 रुपए प्रतिदिन पर करने को मजबूर हैं.”

उन्होंने कहा, ”नीति आयोग का यह सर्वे देश के अमीरों और गरीबों के बीच बढ़ती खाई को सही साबित कर रहा है. इस रिपोर्ट के अनुसार, शहर के पांच प्रतिशत सबसे अमीर लोग, शहर के पांच प्रतिशत सबसे गरीब लोगों से 10 गुना ज्यादा खर्च करते हैं. गांव के पांच प्रतिशत सबसे अमीर लोग, गांव के पांच प्रतिशत सबसे गरीब लोगों से 8 गुना ज्यादा खर्च करते हैं.” सुप्रिया ने कहा, ”अगर गांव में रहने वाले पांच प्रतिशत सबसे अमीर हर दिन 350 रुपए खर्च करते हैं तो पांच प्रतिशत सबसे गरीब 46 रुपये खर्च करते हैं. वहीं, शहर के पांच प्रतिशत सबसे अमीर 700 रुपए खर्च करते हैं, तो सबसे गरीब औसतन 67 रुपये खर्च करते हैं.”

उन्होंने सवाल किया कि मोदी सरकार के अनुसार अगर देश में सिर्फ 7 करोड़ लोग ही गरीब हैं तो देश के 81 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन क्यों देना पड़ रहा है? उन्होंने यह सवाल भी किया, ”इस तरह के भ्रामक सर्वे लाकर देश की आर्थिक विश्वसनीयता को ध्वस्त क्यों किया जा रहा है? सरकार अगर पांच प्रतिशत गरीबी की बात करती है तो उन गरीबों के लिए क्या कर ही है? अगर सबकुछ ठीक है तो लोगों की आमदनी क्यों नहीं बढ़ रही है? नीति आयोग ने गरीबी से जुड़े अलग-अलग आंकड़े दिए हैं, इनमें कौन सी रिपोर्ट सही है?”

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