वे हमें दिल्ली नहीं आने दे रहे तो हम चुनाव में उनको भी गांव नहीं आने देंगे : राकेश टिकैत
मेरठ. भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर दिल्ली जा रहे किसानों को रोके जाने पर बुधवार को कहा कि अगर वे (सरकार) किसानों को दिल्ली नहीं आने दे रहे हैं तो चुनाव में किसान भी उन्हें गांव में नहीं आने देंगे. न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी, बकाया गन्ना मूल्य के भुगतान, किसानों पर दर्ज मुकदमे वापस लेने समेत विभिन्न मांगों को लेकर मेरठ में भाकियू की ओर से जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन किया गया.
टिकैत स्वयं ट्रैक्टर चलाते हुए किसानों के साथ कचहरी पहुंचे. इस दौरान पुलिस ने किसानों को रोकने के लिए कई जगह अवरोधक भी लगाये थे, मगर किसान उन्हें जबरन रास्ते से हटाते हुए आगे बढ. गए. टिकैत ने सरकार द्वारा दिल्ली जा रहे किसानों को रोकने के लिए रास्ते में कीलें बिछवाये जाने से जुड़े सवाल के जवाब में कहा, ”रास्ते में कीलें बिछाना किसी भी स्थिति में उचित नहीं है. वे अगर हमारे लिए कील लगाएंगे तो हम भी अपने गांव में कील लगा देंगे. हमें भी अपने गांव की बैरिकेडिंग करनी होगी.”
टिकैत ने यह भी कहा, ”अगर वे दिल्ली नहीं आने दे रहे हैं तो चुनाव में हम भी उनको गांव नहीं आने देंगे. आंदोलन को कुचलने का काम करेंगे तो उन्हें गांव में कौन आने देगा? कील तो गांव में भी है.” भाकियू प्रवक्ता ने भाजपा सरकार को उद्योगपतियों की सरकार बताते हुए कहा कि अगर यह किसानों की सरकार होती तो एमएसपी की गारंटी देने का कानून कब का बन चुका होता.
जब उनसे पूछा गया कि आप दिल्ली जा रहे किसानों के आंदोलन में क्यों शामिल नहीं हुए तो उन्होंने कहा, ”हमारे लिए यही दिल्ली है. किसान आंदोलन के समर्थन में पूरे देश का किसान एकजुट है. हम किसानों के लिए दिल्ली तो क्या कहीं भी जाने को तैयार हैं.” टिकैत ने कहा कि आज भाकियू की तरफ से एमएसपी के साथ ही गन्ना मूल्य वृद्धि और स्वामीनाथन रिपोर्ट को लागू किए जाने की मांग को लेकर मेरठ समेत देशभर से ज्ञापन राष्ट्रपति को भेजे जाएंगे.
उन्होंने कहा कि सरकार ने अगर किसानों की मांगे नहीं मानी तो देशभर में आंदोलन होगा. किसान एकजुट होकर आंदोलन के लिए तैयार रहे. भाकियू नेता ने बताया कि बृहस्पतिवार को संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक होगी जिसमें आगे की रणनीति तय की जाएगी.
भाकियू के जिलाध्यक्ष अनुराग चौधरी ने बताया कि पुलिस और प्रशासन ने आज किसानो को जिला मुख्यालय तक रोकने के लिए तीन स्थानों पर अवरोधक लगाए थे लेकिन वे किसानों को जिलाधिकारी कार्यालय तक पहुंचने से नहीं रोक सकें.