शराब के माध्यम से अवैध कमाई विपक्षी सरकारों का महत्वपूर्ण औजार: भाजपा

नयी दिल्ली. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (आप) पर निशाना साधते हुए बृहस्पतिवार को दावा किया कि शराब के माध्यम से ‘अवैध कमाई’ करना इन राजनीतिक दलों के नेतृत्व वाली सरकारों का महत्वपूर्ण औजार बन गया है.
दोनों विपक्षी दलों पर निशाना साधने के लिए भाजपा ने छत्तीसगढ़ में हुए कथित शराब घोटाले और दिल्ली की आबकारी नीति का उल्लेख किया और कहा कि कांग्रेस की सरकार हो या आप की सरकार, इनका काम सिर्फ ‘करदाताओं व गरीबों को लूटना’ है जबकि भाजपा गरीब कल्याण के संकल्प के साथ सरकार चला रही है.

भाजपा मुख्यालय में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री व वरिष्ठ भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा, ‘‘शराब के माध्यम से अवैध कमाई आजकल विपक्षी सरकारों का महत्वपूर्ण औजार बन गया है. आप सबको पता है कि दिल्ली सरकार के पूर्व उपमुख्यमंत्री इसी मामले में जेल में हैं और चार बार उनकी जमानत खारिज हो चुकी है.’’ दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया दिल्ली सरकार की आबकारी नीति में कथित अनियमितताओं से जुड़े धनशोधन के एक मामले में जेल में हैं. हाल में दिल्ली उच्च न्यायालय ने उन्हें जमानत देने से इंकार करते हुए कहा था कि उनके खिलाफ आरोप ‘बहुत गंभीर प्रकृति’ के हैं.

प्रसाद ने छत्तीसगढ़ में हुए कथित शराब घोटाले का उल्लेख करते हुए आरोप लगाया कि वहां मुख्यमंत्री (भूपेश बघेल) से आशीर्वाद प्राप्त लोगों द्वारा राज्य के कोष की भयंकर लूट की गई. उन्होंने कहा, ‘‘इतनी बड़ी लूट सरकार के प्रत्यक्ष आशीर्वाद के बिना संभव नहीं है.’’ उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में शराब की बिक्री पर प्रदेश को राजस्व मिलता है और वहां एक ंिसडिकेट बनाकर सरकार को मिलने वाले 2,161 करोड़ रुपये लूट लिए गए.

उन्होंने जांच एजेंसियों का हवाला देते हुए कहा कि इस लूट का एक बड़ा हिस्सा वहां के सत्तासीन राजनीतिक लोगों को जाता था.
भाजपा प्रवक्ता ने दावा किया कि इस लूट का मुख्य षड्यंत्रकर्ता अनवर ढेबर है, जो कांग्रेस नेता और रायपुर महापौर एजाज ढेबर का भाई है और एजाज ढेबर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बहुत नजदीकी हैं.

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को दावा किया कि छत्तीसगढ़ में 2019 में शुरू हुए कथित “शराब घोटाले” में 2,161 करोड़ रुपये का भ्रष्टाचार हुआ है. ईडी ने साथ ही यह भी दावा किया कि राज्य के वरिष्ठ नौकरशाह, नेता, उनके सहयोगी और आबकारी विभाग के अधिकारी इस ‘ंिसडीकेट’ में शामिल हैं.

राज्य में कथित शराब घोटाले से जुड़े धनशोधन मामले में यहां एक विशेष अदालत के समक्ष मंगलवार को दाखिल अभियोजन शिकायत में केंद्रीय एजेंसी ने कहा कि यह 2,161 करोड़ रुपये की राशि राज्य के खजाने में जानी चाहिए थी. एजेंसी ने इसमें कांग्रेस नेता एवं रायपुर के महापौर एजाज ढेबर के भाई अनवर ढेबर, छत्तीसगढ़ राज्य विपणन निगम लिमिटेड (सीएसएमसीएल) के प्रबंध निदेशक अरुणपति त्रिपाठी, शराब कारोबारी त्रिलोक ंिसह ढिल्लों, होटल कारोबारी नितेश पुरोहित और अरंिवद ंिसह को आरोपी बनाया है.

प्रसाद ने आरोप लगाया कि कांग्रेस के लिए कुछ सरकारें एटीएम मशीन का काम करती हैं और उनमें छत्तीसगढ़ पहले नंबर पर है.
उन्होंने कहा कि सीएसएमसीएल द्वारा राज्य में शराब का प्रबंधन और निगरानी की जाती है तथा कुछ अधिकारियों और अनवर ढेबर ने 800 शराब की दुकानों पर अपने लोगों को बिठा दिया.

उन्होंने दावा किया कि इन लोगों ने एक जाली होलोग्राम बनाया और उससे अवैध देशी और विदेशी शराब बेची गई. उन्होंने कहा, ‘‘शुचिता और नैतिकता की बात करने वाले एक पूर्व उपमुख्यमंत्री जेल में हैं और उन्हें जमानत नहीं मिल रही है. और आगे-आगे देखिए छत्तीसगढ़ में होता है क्या, जो छत्तीसगढ़ में होने वाला है.’’

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