विपक्षी एकता के नाम पर कांग्रेस का सिर्फ 200 सीट पर चुनाव लड़ना नामुमकिन: रमेश

नयी दिल्ली. कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने रविवार को कहा कि विपक्षी दलों को समझना चाहिए कि भारतीय जनता पार्टी का राष्ट्रीय स्तर पर एकमात्र विकल्प उनकी पार्टी है तथा यह नामुमकिन है कि विपक्षी एकता के नाम पर कांग्रेस अगले लोकसभा चुनाव में सिर्फ 200 सीट पर लड़े.

उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए साक्षात्कार में यह भी कहा कि विपक्ष की एकजुटता का मतलब ‘कुछ लेना और कुछ देना’ है और अब वो जमाना चला गया, जब कांग्रेस विपक्षी दलों को सिर्फ दिया करती थी. उनके इस बयान का इस मायने में महत्व है कि हाल के दिनों में विपक्ष के बड़े नेता आमंत्रण के बावजूद ‘भारत जोड़ो यात्रा’ से दूर रहे तथा समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव और कुछ अन्य नेता तीसरे मोर्चे की पैरवी करते नजर आ रहे हैं.

यात्रा से विपक्ष के बड़े नेताओं के दूरी बनाने से जुड़े सवाल पर रमेश ने कहा, ‘‘मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि यात्रा का मकसद कभी भी विपक्षी एकता नहीं था. यह (विपक्षी एकता) यात्रा का नतीजा हो सकती है. हमने यह नहीं सोचा कि विपक्ष में एकजुटता लाने के लिए ‘भारत जोड़ो यात्रा’ निकालें.’’ उनका कहना था, ‘‘हमने कहा कि हमें संगठन को मजबूत करना है, कांग्रेस पार्टी में एक नयी जान फूंकनी है, इसके लिए यात्रा निकालनी है. कई राजनीतिक दलों को निमत्रंण दिया, कुछ आए, कुछ नहीं आए.’’ रमेश ने इस बात पर जोर दिया कि ‘भारत जोड़ो यात्रा’ से जो परिवर्तन पार्टी में आया है, जो परिवर्तन राहुल जी की छवि में आया है, जो नयी जान संगठन में आई है, उसका एक नतीजा विपक्षी एकता हो सकता है.

उन्होंने कहा, ‘‘ हम रचनात्मक विपक्षी एकता चाहते हैं.’’ रमेश ने कहा, ‘‘मैं फिलहाल सिर्फ ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के बारे में सोच रहा हूं. मैं मानता हूं कि अगर कांग्रेस अपने आप को मजबूत नहीं कर सकती तो विपक्षी एकता एक ख्वाब रहेगा. विपक्षी एकता का यह मतलब नहीं है कि कांग्रेस पार्टी सिर्फ 200 सीट पर लड़े. यह नामुमकिन है. यह कभी नहीं हो सकता कि विपक्ष की एकता के नाम पर कांग्रेस सिर्फ 200 सीट पर लड़े.’’ उनके मुताबिक, विपक्ष की पार्टियों को भी समझना चाहिए कि भाजपा का एकमात्र राष्ट्रीय विकल्प कांग्रेस है.

कांग्रेस महासचिव ने कहा, ‘‘विचारधारा के आधार पर एक ही विकल्प है और वो कांग्रेस है. विपक्ष की पार्टियां हमेशा कांग्रेस से लेती रही हैं. विपक्षी एकता का मतलब कुछ लेना और देना है. कांग्रेस अब तक सिर्फ देती रही है, वो जमाना गया.’’ यात्रा के असर को लेकर उन्होंने कहा, ‘‘इस यात्रा से कुल मिलाकर कांग्रेस संगठन में नयी जान आई है. हम जिन राज्यों से गुजरे हैं, जहां नहीं भी गुजरे हैं वहां भी एक नयी उमंग और नया जोश देखने को मिल रहा है और यह महसूस भी हो रहा है. कुछ राज्य ऐसे भी हैं जहां ‘भारत जोड़ो यात्रा’ अलग से निकाली गई है…मुख्य असर यह है कि कांग्रेस को संजीवनी मिली है.’’ रमेश ने यह भी कहा कि इस यात्रा के बाद राहुल गांधी की छवि में ‘क्रांतिकारी परिवर्तन’ आया है.

उन्होंने कहा, ‘‘जिस तरह से उनकी छवि भाजपा के सोशल मीडिया के लोगों द्वारा बिगाड़ी गई थी, वो बात अब इतिहास हो गयी है. आलोचना किसी भी हो सकती है, लेकिन अब वो लोग व्यक्तिगत तौर पर राहुल जी के बारे में कुछ नहीं कह सकते हैं.’’ रमेश ने कहा, ‘‘राहुल गांधी जी जिस तरह से रोज 23-24 किलोमीटर चल रहे हैं, लोगों को सुन रहे हैं, यह उनके लिए भी उपलब्धि है और पार्टी के लिए भी.’’ ‘भारत जोड़ो यात्रा’ सात सितंबर को कन्याकुमारी से आरंभ हुई थी और गत 24 जनवरी को दिल्ली पहुंची. कुछ दिनों के विराम के बाद यह तीन जनवरी को उत्तर प्रदेश पहुंचेगी. इसके बाद हरियाणा, पंजाब और जम्मू-कश्मीर जाएगी.

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