धनबाद में प्राचार्य ने 80 छात्राओं को कमीज उतारने का दिया आदेश, अभिभावक संगठन ने की कार्रवाई की मांग

धनबाद/रांची. झारखंड में अभिभावकों के एक संगठन ने रविवार को एनसीपीसीआर को पत्र लिखकर धनबाद के एक स्कूल के प्राचार्य के खिलाफ कार्रवाई की मांग की, जिसने कथित तौर पर 80 स्कूली छात्राओं को संदेश लिखने के कारण अपनी कमीज उतारने का आदेश दिया था.
झारखंड अभिभावक महासंघ (जेएएम) ने प्राचार्य पर ‘शर्मनाक कृत्य’ करने का आरोप लगाते हुए और पॉक्सो अधिनियम के तहत कार्रवाई करने की मांग करते हुए राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) में शिकायत दर्ज कराई है. एक अधिकारी ने कहा कि प्राचार्य पर आरोप है कि उन्होंने 10वीं कक्षा की 80 छात्राओं को संदेश लिखने के लिए अपनी शर्ट उतारने का आदेश दिया, जिसके बाद प्रशासन ने जांच शुरू कर दी. अभिभावकों ने आरोप लगाया कि लड़कियों को बिना शर्ट के ब्लेज.र में घर लौटने के लिए मजबूर किया गया.
अधिकारी ने बताया कि धनबाद प्रशासन द्वारा गठित जांच समिति सोमवार को जोरापोखड़ थानाक्षेत्र के दीगवाहडीड में विद्यालय जायेगी . जेएएम के अध्यक्ष पप्पू सिंह ने कहा, ”छात्राएं ‘पेन डे’ मना रही थीं. लेकिन, संदेश लिखने के लिए शर्ट उतारने और उन्हें ब्लेज.र में घर भेजने का आदेश प्राचार्य का शर्मनाक कृत्य था. इसलिए, हमने प्राचार्य के खिलाफ कार्रवाई के लिए एनसीपीसीआर को लिखा. हमारी शिकायत की एक प्रति एससीपीसीआर को भी भेजी गई है.” अभिभावकों ने यह भी धमकी दी कि यदि प्रशासन प्राचार्य के खिलाफ कार्रवाई करने में विफल रहा, तो वे 14 जनवरी को धरना देंगे.
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने भी मुख्यमंत्री से स्कूल प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई करने की अपील की है. मरांडी ने ‘एक्स’ पर लिखा, ”स्कूल प्रबंधन ने अनुशासन के नाम पर अमानवीयता की सारी हदें पार कर दी हैं. इस कृत्य के कारण सैकड़ों छात्राओं को मानसिक पीड़ा झेलनी पड़ी है. आश्चर्य की बात यह है कि छात्राओं से दुर्व्यवहार करने के आरोपी प्राचार्य को अब तक गिरफ्तार नहीं किया गया है.” इस बीच, एक महिला संगठन ने सोमवार शाम को घटना के विरोध में कैंडल मार्च निकालने की घोषणा की है.