सबसे कठिन परिस्थितियों में भी भारत में कुछ नया करने का साहस है: प्रधानमंत्री

सोमनाथ: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को कहा कि सबसे कठिन परिस्थितियों में भी भारत में कुछ नया करने का साहस है। उन्होंने कहा कि देश 2047 तक विकसित भारत बनने के लक्ष्य की ओर बढ़ रहा है लेकिन कुछ ताकतें ऐसी भी हैं जो रास्ते से भटकाने की कोशिशें करेंगी।

मोदी ने कहा कि देश ने आजादी के 75 साल पूरे किए हैं और इसने लोगों में अपनी विरासत के प्रति गर्व की भावना को बलवती किया है। उन्होंने कहा ‘‘जब हम गुलामी की मानसिकता से खुद को मुक्त करके इसे जानेंगे, तो हमें हमारी विरासत पर गर्व होगा।’’ उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत अपनी विविधता का जश्न मनाता है।

‘सौराष्ट्र तमिल संगमम’ के समापन समारोह को डिजिटल तरीके से संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि गुजरात और तमिलनाडु के बीच बहुत कुछ ऐसा है जिसे जानबूझकर ‘हमारी’ जानकारी से बाहर रखा गया है।

उन्होंने कहा, ‘‘आज हमारा लक्ष्य 2047 (भारत को विकसित देश बनाना) है। हमारे सामने गुलामी के युग और उसके बाद के सात दशकों की अवधि की चुनौतियां भी हैं।’’ प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘हमें देश को आगे लेकर जाना है। लेकिन रास्ते में तोड़ने वाली ताकतें और भटकाने वाले लोग भी मिलेंगे। भारत कठिन से कठिन हालातों में भी कुछ नया करने की ताकत रखता है। सबसे कठिन परिस्थितियों में भी भारत में कुछ नया करने का साहस है।’’

उन्होंने यह भी कहा कि भारत एक ऐसा देश है जो अपनी विविधता को अपनी विशेषता के रूप में प्रर्दिशत करता है। उन्होंने कहा, ‘‘हम विविधता का जश्न मनाने वाले लोग हैं। हम विभिन्न भाषाओं और बोलियों, विभिन्न कलाओं और ज्ञान का जश्न मनाते हैं। हमारे विश्वास से लेकर आध्यात्मिकता तक हर जगह विविधता है।’’

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