भारत को ‘मित्र, तटस्थ’ के साथ-साथ मजबूत इरादों वाले राष्ट्र के रूप में देखा जाता है: जयशंकर

नयी दिल्ली. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को कहा कि भारत को आज दुनिया भर में न केवल ”मित्र और तटस्थ” के रूप में, बल्कि ”दृढ़ और मजबूत” इरादों वाले राष्ट्र के रूप में भी देखा जाता है जो संकट की स्थितियों में अपने लोगों का ख्याल रखता है और उनकी रक्षा करता है.

जयशंकर ने दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के हंसराज कॉलेज में एक कार्यक्रम में ”विकसित भारत 2047-युवाओं की आवाज” विषय पर बोलते हुए यह टिप्पणी की. वह यूक्रेन जैसे युद्धग्रस्त देशों से अपने नागरिकों को वापस लाने के लिए भारत द्वारा चलाए गए बचाव अभियान का जिक्र कर रहे थे. जयशंकर ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि विकसित भारत केवल लोगों को प्रेरित करने वाला नारा नहीं है, बल्कि यह पिछले 10 वर्षों में बनाई गई नींव है, जिस पर भारत के अगले 25 वर्षों का भविष्य निर्मित होगा.

उन्होंने कहा, ”अमृत काल के अगले 25 साल आपका भविष्य हैं. यह विकसित भारत की ओर यात्रा है और आप ही इस यात्रा को संभव बनाएंगे.” विदेश मंत्री ने कहा कि वह इन 25 वर्षों को ”अवसर और नयी चुनौती की अवधि” के रूप में देखते हैं. जयशंकर ने अर्थव्यवस्था और प्रौद्योगिकी क्षेत्र में हुए विकास और वैश्विक मंच पर भारत के बढ़ते कद के बारे में कहा, ”यह बदलाव उस तरह का है जैसा हमने पहले कभी नहीं देखा.” जयशंकर ने देश के चंद्र मिशन का जिक्र करते हुए कहा कि भारत विश्व स्तर पर प्रौद्योगिकी नेतृत्वकर्ता के रूप में उभरा है और दुनिया पर इसकी पहली छाप चंद्रयान-3 की सफलता के साथ पड़ी, जिसपर एक फिल्म बनाने की लागत से भी कम खर्च आया.

उन्होंने यह भी कहा कि भारत प्रति माह 12 अरब कैशलेस लेनदेन के साथ एक डिजिटल अर्थव्यवस्था के रूप में बढ़ रहा है, जो अमेरिका से अधिक है जहां एक वर्ष में ऐसे चार अरब लेनदेन होते हैं. जयशंकर ने सीमा पार आतंकवाद के प्रति भारत की कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति के बारे में भी बात की और बालाकोट एयरस्ट्राइक का उदाहरण दिया.

लोगों को देश में प्रवेश देने के मामले में ‘ढिलाई नहीं बरतता” कनाडा: जयशंकर की टिप्पणी पर मिलर ओटावा, सात मई (भाषा) कनाडा के आव्रजन मंत्री मार्क मिलर ने विदेश मंत्री एस जयशंकर की उस टिप्पणी को खारिज किया कि ओटावा लोगों को देश में प्रवेश देने के मामले में “ढिलाई बरतता” है. मिलर ने कहा कि छात्र वीजा पर कनाडा में प्रवेश करने वाले लोगों की आपराधिक रिकॉर्ड की अधिकारी जांच करते हैं.

विदेश मंत्री जयशंकर ने शनिवार को कहा था, ”हमने उनसे (कनाडाई प्राधिकारियों) कई बार कहा कि वे ऐसे लोगों को वीजा, मान्यता या राजनीतिक क्षेत्र में जगह न दें जो उनके (कनाडा के) लिए, हमारे लिए और हमारे संबंधों में समस्या पैदा कर रहे हैं. लेकिन कनाडा सरकार ने कुछ नहीं किया.” जयशंकर ने कहा था कि भारत ने 25 लोगों के प्रत्यर्पण की मांग की थी जिनमें से अधिकांश खालिस्तान समर्थक हैं लेकिन उन्होंने इस पर गौर नहीं किया.

उनकी यह टिप्पणी कनाडा के प्राधिकारियों द्वारा तीन भारतीय नागरिकों पर खालिस्तानी अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का आरोप लगाए जाने के बाद आयी है. बताया गया है कि वे छात्र वीजा पर कनाडा में दाखिल हुए थे. कनाडाई नागरिक निज्जर की 18 जून, 2023 को ब्रिटिश कोलंबिया के सरे में एक गुरुद्वारे के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. एडमॉन्टन में रहने वाले सभी भारतीय नागरिकों, करण बराड़ (22), कमलप्रीत सिंह (22) और करणप्रीत सिंह (28) पर शुक्रवार को हत्या और हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया गया था.

कनाडा के विशेष टेलीविजन चैनल ‘केबल पब्लिक अफेयर्स चैनल’ की खबर के अनुसार, जयशंकर की टिप्पणी के बारे में सोमवार को एक सवाल का जवाब देते हुए मिलर ने कहा, “हम ढिलाई नहीं बरत रहे हैं और भारतीय विदेश मंत्री अपनी राय रखने के हकदार हैं.” यह पूछे जाने पर कि कनाडाई सरकार ने इस बारे में क्या करने की योजना बनाई है तो उन्होंने कहा, “इस बारे में कि भारतीय विदेश मंत्री ने क्या कहा है? उन्हें अपने मन की बात कहने दीजिए. यह सही नहीं है.”

उन्होंने कहा कि कनाडा छात्र वीजा पर देश में प्रवेश करने वाले लोगों के आपराधिक रिकॉर्ड की जांच करता है. यह पूछे जाने पर कि यह कैसे काम करता है, तो उन्होंने कहा, ” इसकी जांच करते हैं कि क्या उनका कोई आपराधिक रिकॉर्ड है; होता है तो वे नहीं आते हैं.” मिलर ने कहा कि कनाडा “इस तरह की किसी भी रिपोर्ट को बहुत गंभीरता से लेता है.” उन्होंने इस बात की पुष्टि करने से इनकार कर दिया कि क्या निज्जर की हत्या के लिए गिरफ्तार किए गए तीन भारतीय छात्र वीजा पर कनाडा में थे. उन्होंने कहा कि ऐसी कुछ जानकारी है जिसे वह पुलिस की जांच जारी रहने के चलते इस समय साझा नहीं कर सकते.

कनाडा के प्रधानमंत्री ट्रूडो ने पिछले साल सितंबर में भारतीय एजेंटों पर निज्जर की हत्या में ”संभावित रूप से” शामिल होने का आरोप लगाया था जिसके बाद भारत और कनाडा के संबंधों में तनाव आ गया था. भारत ने ट्रूडो के आरोपों को ”बुतुका” और ”प्रेरित” बताकर खारिज कर दिया था. भारत ने निज्जर को “आतंकवादी” घोषित किया था.

हत्या के सिलसिले में तीन भारतीय नागरिकों की गिरफ्तारी के बाद कनाडा में पुलिस ने अतिरिक्त विवरण दिए बिना कहा कि उन्होंने अमेरिकी कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ मिलकर काम किया है. पुलिस ने इसके संकेत दिये कि और गिरफ्तारियां हो सकती हैं.
रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस (आरसीएमपी) के सहायक आयुक्त डेविड टेबौल ने पिछले सप्ताह कहा था कि वह गिरफ्तार किए गए तीन लोगों और भारतीय अधिकारियों के बीच कथित संबंधों पर टिप्पणी नहीं करेंगे, लेकिन उन्होंने कहा था कि बल ”भारत सरकार के साथ संबंधों की जांच कर रहा है.”

इस बीच, जयशंकर ने शनिवार को कहा था कि खालिस्तानी अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के मुद्दे पर कनाडा में जो कुछ भी हो रहा है वह ज्यादातर वहां की आंतरिक राजनीति के कारण है और इसका भारत से कोई लेना-देना नहीं है. उन्होंने कहा कि खालिस्तान समर्थकों का एक वर्ग कनाडा के लोकतंत्र का इस्तेमाल कर रहा है, ‘लॉबी’ बना रहा है और एक वोट बैंक बन गया है.

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