भारत ने विजय दिवस पर करगिल के नायकों को किया याद

नयी दिल्ली/द्रास. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को देश के उन सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की, जिन्होंने करगिल संघर्ष के दौरान देश की सीमा की रक्षा के लिए प्रतिकूल मौसम में बहादुरी से लड़ाई लड़ी. सेना के तीनों अंगों के प्रमुखों के साथ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने, देश की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की आहुति देने वाले सैनिकों की याद में दिल्ली में राष्ट्रीय समर स्मारक पर माल्यार्पण किया. इस अवसर पर लद्दाख के द्रास में करगिल युद्ध स्मारक सहित देश भर में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया.

उधमपुर में सेना की उत्तरी कमान, जम्मू में टाइगर डिवीजन, जयपुर में सप्त शक्ति कमान और जम्मू कश्मीर के राजौरी, पुंछ और डोडा में अन्य सैन्य इकाइयों ने भी ‘आॅपरेशन विजय’ की याद में साइकिल रैलियों, मोटरसाइकिल और पर्वतीय अभियानों सहित कई कार्यक्रम आयोजित किए.

भारतीय सेना ने 26 जुलाई 1999 को लद्दाख में करगिल की बर्फीली चोटियों पर लगभग तीन महीने की लंबी लड़ाई के बाद जीत के साथ ‘आॅपरेशन विजय’ के समापन की घोषणा की थी. युद्ध में पाकिस्तान पर भारत की जीत के उपलक्ष्य में इस दिन को करगिल विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है.

राष्ट्रपति और सैन्य बलों की सर्वोच्च कमांडर मुर्मू ने ट्वीट किया, ‘‘करगिल विजय दिवस हमारे सशस्त्र बलों की असाधारण वीरता, पराक्रम और दृढ़ संकल्प का प्रतीक है. भारत माता की रक्षा करने के लिए अपने प्राण न्योछावर करने वाले सभी वीर सैनिकों को मैं नमन करती हूं. सभी देशवासी इन शहीदों और उनके परिजनों के प्रति सदैव ऋणी रहेंगे. जय ंिहद.’’

प्रधानमंत्री मोदी ने करगिल विजय दिवस को ‘मां भारती’ की आन-बान और शान का प्रतीक बताया. मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘करगिल विजय दिवस मां भारती की आन-बान और शान का प्रतीक है. इस अवसर पर मातृभूमि की रक्षा में पराक्रम की पराकाष्ठा करने वाले देश के सभी साहसी सपूतों को मेरा शत-शत नमन. जय ंिहद!’’ उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने कहा कि राष्ट्र करगिल के शहीदों का हमेशा ऋणी रहेगा. नायडू ने ट्वीट किया, ‘‘आज करगिल विजय दिवस के अवसर पर, मैं दुर्गम चोटियों पर मातृभूमि की रक्षा करने वाले वीर युवा योद्धाओं के शौर्य और उनके बलिदान का कृतज्ञतापूर्वक स्मरण करता हूं, उनके परिजनों के धैर्य को नमन करता हूं.’’

नायडू ने कहा, ‘‘देश की रक्षा में आपका पराक्रम हर देशवासी को गौरवान्वित करता है. करगिल की विजय देश की स्मृति में सदैव स्वर्ण अक्षरों में अंकित रहेगी. राष्ट्र करगिल के शहीदों का हमेशा ऋणी रहेगा.’’ राज्यसभा के सभापति नायडू ने शहीद सैन्यर्किमयों को श्रद्धांजलि देने के लिए संसद के उच्च सदन का नेतृत्व किया.

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सशस्त्र बलों द्वारा प्रर्दिशत अदम्य वीरता और देशभक्ति की भावना भारत के इतिहास में एक निर्णायक क्षण के रूप में हमेशा के लिए अंकित रहेगी. सिंह ने ट्वीट किया, ‘‘करगिल विजय दिवस पर भारत हमारे सशस्त्र बलों की बहादुरी, साहस और बलिदान को सलाम करता है. उन्होंने हमारी मातृभूमि की रक्षा के लिए अत्यंत कठोर परिस्थितियों में बहादुरी से जंग लड़ी. उनकी अदम्य वीरता और देशभक्ति की भावना भारत के इतिहास में एक निर्णायक क्षण के रूप में हमेशा के लिए अंकित रहेगी.’’ रक्षा मंत्री सिंह, थल सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडे, नौसेनाध्यक्ष एडमिरल आर हरि कुमार और वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वी आर चौधरी ने राष्ट्रीय समर स्मारक पर शहीद जवानों को नमन किया और श्रद्धांजलि दी.

भारत और पाकिस्तान की सेनाओं के बीच 1999 में लद्दाख में स्थित करगिल की पहाड़ियों पर लड़ाई हुई थी और भारतीय सेना ने करगिल की पहाड़ियां फिर से अपने कब्जे में ले ली थीं. इस लड़ाई की शुरुआत तब हुई थी, जब पाकिस्तानी सैनिकों ने करगिल की ऊंची पहाड़ियों पर घुसपैठ कर वहां अपने ठिकाने बना लिए थे.

सेना ने अपने सैनिकों की याद में कई कार्यक्रम आयोजित किए. सेना ने एक बयान में कहा, ‘‘करगिल युद्ध धैर्य, दृढ़ साहस और भारतीय सैनिकों के अदम्य संकल्प की गवाही है, जिन्होंने सबसे दुर्गम इलाकों में से एक में प्रतिकूल मौसम के दौरान यह लड़ाई लड़ी.’’ सेना ने कहा, ‘‘23वें करगिल विजय दिवस के उपलक्ष्य में, उत्तरी कमान के तत्वावधान में कई कार्यक्रमों का आयोजन किया गया, जिसका समापन 26 जुलाई 2022 को हुआ.’’ बयान में कहा गया कि इन कार्यक्रमों में दो साइकिल रैलियां शामिल थीं, जिनमें से एक सियाचिन से करगिल युद्ध स्मारक तक और दूसरी दिल्ली से द्रास तक आयोजित की गई. दोनों भारतीय वायु सेना और भारतीय सेना की संयुक्त पहल के तहत आयोजित की गईं.

इस साल दो मोटरसाइकिल अभियान भी आयोजित किए गए. एक अभियान दिल्ली से द्रास तक का था जिसे थल सेनाध्यक्ष ने रवाना किया था. दूसरा अभियान तुरतुक से द्रास तक का था. सियाचिन से द्रास तक सूफिया का अल्ट्रा-मैराथन और बछेंद्री पाल तथा उनकी टीम द्वारा पर्वत अभियान का भी आयोजन हुआ जिसने 37 दर्रों को पार करते हुए अरुणाचल प्रदेश से द्रास तक का सफर पूरा किया.
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने चंडीगढ़ में ‘वार मेमोरियल’ पर फूल चढाए और कहा कि करगिल युद्ध के दौरान भारतीय सेना द्वारा दिखाये गये पराक्रम एवं उसके द्वारा दिये गये बलिदान से युवाओं को देश की नि:स्वार्थ सेवा करने की प्रेरणा मिलेगी.

राजस्थान के सैनिक कल्याण मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने जयपुर में अमर जवान ज्योति पर जवानों को श्रद्धांजलि दी. सप्त शक्ति कमान के कार्यवाहक प्रमुख मेजर जनरल विक्रम वर्मा ने करगिल संघर्ष में अपने प्राणों की आहुति देने वाले सैनिकों के माता-पिता के प्रति आभार व्यक्त किया. इस संघर्ष में 500 से अधिक सैनिकों ने अपने प्राणों की आहुति दी थी.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button