विश्व चैंपियनशिप से खाली हाथ लौटे भारतीय पुरुष फ्रीस्टाइल पहलवान

बेलग्रेड. भारतीय पुरुष फ्रीस्टाइल पहलवानों का विश्व चैंपियनशिप में प्रदर्शन लचर रहा जब कोई भी भारतीय पहलवान अगले साल होने वाले पेरिस ओलंपिक का कोटा हासिल नहीं कर पाया और ना ही पदक जीत पाया. इससे भी अधिक निराशाजनक यह रहा कि भारतीय पहलवानों को ऐसे देशों के प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा जिन्हें कुश्ती में अच्छे प्रदर्शन के लिए नहीं जाना जाता जिससे बेलग्रेड पहुंचने वाले खिलाड़ियों की फिटनेस पर संदेह है.

सचिन मोर (79 किग्रा) को नॉर्थ मैसेडोनिया के अहमद मागोमेदोव के खिलाफ तकनीकी दक्षता के आधार पर शिकस्त का सामना करना पड़ा जबकि अनुज कुमार (65 किग्रा) क्वालीफिकेशन दौर की बाधा भी पार नहीं कर पाए. अनुज को मैक्सिको के क्ली गोमेज के खिलाफ 7-8 से हार झेलनी पड़ी. भारतीय पहलवानों के मैक्सिको और नॉर्थ मैसेडोनिया के पहलवानों के खिलाफ हारने की संभावना नहीं थी.

पता चला है कि भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) ने खेल मंत्रालय को सुझाव दिया था कि चुने हुए पहलवानों को प्रतिभागिता के लिए भेजने से पहले उनकी चिकित्सा जांच की जाए. डब्ल्यूएफआई का कहना था कि संभवत: उनमें से कई चोटिल थे. डब्ल्यूएफआई महासचिव वीएन प्रसूद ने खेल सचिव को 11 सितंबर को पत्र में लिखा, ”चुने गए कुछ पहलवान चोटिल हैं विशेषकर 65 किग्रा फ्रीस्टाइल पहलवान. मैं सुझाव देता हूं कि भारत से जाने से पहले चिकित्सा जांच कराई जाए जिससे कि समय पर खिलाड़ियों को बदला जा सके.” इस पत्र की प्रति पीटीआई के पास है.

भारत की पदक की सबसे बड़ी उम्मीद अमन सहरावत (57 किग्रा) को क्वार्टर फाइनल में गत विश्व चैंपियन अल्बानिया के जालिमखान अबाकारोव के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा लेकिन रूस में जन्मा यह पहलवान फाइनल में पहुंचने में नाकाम रहा जिससे भारतीय पहलवान की रेपेचेज के जरिए पदक जीतने की उम्मीद खत्म हो गई.

अभिमन्यु को गैर ओलंपिक 70 किग्रा वर्ग के कांस्य पदक के मुकाबले में आर्मेनिया के अरमान आंद्रेसियान के खिलाफ तकनीकी दक्षता के आधार पर हार झेलनी पड़ी. आकाश दहिया (61 किग्रा), नवीन (74 किग्रा), सचिन मोर (79 किग्रा), संदीप सिंह मान(86 किग्रा), पृथ्वी राज (92 किग्रा), साहित (97 किग्रा) और सुमित (125 किग्रा) टूर्नामेंट के विभिन्न दौर में हारकर बाहर हो गए. भारतीय पहलवानों को ओलंपिक कोटा हासिल करने का अगला मौका अगले साल होने वाले एशियाई और विश्व क्वालीफायर के दौरान मिलेगा.

सभी भारतीय पहलवान तटस्थ खिलाड़ियों के रूप में चुनौती पेश कर रहे हैं क्योंकि वैश्विक संचालन संस्था यूनाईटेड वर्ल्ड रेस्लिंग (यूडब्ल्यूडब्ल्यू) ने उन्हें भारतीय ध्वज तले खेलने की स्वीकृति नहीं दी. यूडब्ल्यूडब्ल्यू ने डब्ल्यूएफआई को निलंबित कर दिया है क्योंकि आईओए द्वारा नियुक्त भूपिंदर सिंह बाजवा की अगुआई वाली तदर्थ समिति समय पर चुनाव नहीं करा पाई.

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