भारतीय नौसेना ने सोमालिया के समुद्री डाकुओं से जहाज को मुक्त कराया

नयी दिल्ली/दुबई. भारतीय नौसेना ने एक अभियान में 35 सोमालियाई समुद्री डाकुओं को पकड़ने और उनके द्वारा बंधक बनाए गए 17 बंधकों को मुक्त कराने के एक दिन बाद रविवार को कहा कि यह कार्रवाई हिंद महासागर में शांति और स्थिरता को मजबूत करने और क्षेत्र में समुद्री डकैती के फिर से सिर उठाने को विफल करने के उसके संकल्प को दर्शाती है.

नौसेना ने शनिवार को एक सुव्यवस्थित अभियान में भारतीय तट से लगभग 2,600 किलोमीटर दूर पूर्व में माल्टा के ध्वजांकित व्यापारिक जहाज (एमवी) रुएन को जब्त कर लिया. इस अभियान के बारे में विशेषज्ञों ने कहा कि पिछले लगभग सात वर्षों में सोमालिया के समुद्री डाकुओं से किसी जहाज को इस तरह से छुड़ाने का यह पहला अभियान है.

नौसेना ने करीब 40 घंटे के अभियान के दौरान आईएनएस कोलकाता और आईएनएस सुभद्रा और सी गार्जियन ड्रोन को तैनात किया. अभियान के लिए सी-17 विमान से विशिष्ट मार्कोस कमांडो को उतारा गया. नौसेना ने बताया कि एमवी रुएन का सोमालियाई जलदस्युओं ने 14 दिसंबर को अपहरण कर लिया था.

एक बयान में, नौसेना ने कहा कि एमवी रुएन की समुद्री यात्रा की क्षमता का आकलन किया जा रहा है और पोत पर लगभग 37,800 टन माल लदा है जिसकी कीमत करीब 10 लाख अमेरिकी डॉलर है. इसे सुरक्षित भारत लाया जाएगा. बयान में कहा गया है कि दक्षिणी हिंद महासागर क्षेत्र में समुद्री डाकू द्वारा बंधक बनाए गए जहाज रुएन से जुड़े समुद्री डकैती विरोधी अभियान की परिणति शांति और स्थिरता को मजबूत करने और क्षेत्र में समुद्री डकैती के फिर से सिर उठाने को विफल करने की दिशा में भारतीय नौसेना की प्रतिबद्धता को उजागर करती है.

यमन के हूती विद्रोहियों द्वारा लाल सागर में मालवाहक जहाजों पर बढ.ते हमलों के बाद रणनीतिक जलमार्गों पर निगरानी रखने के लिए नौसेना ने 10 से अधिक युद्धपोत तैनात किए हैं. नौसेना ने कहा कि अरब सागर में मिशन पर तैनात आईएनएस कोलकाता ने 40 घंटे से अधिक समय तक चले निरंतर अभियान के माध्यम से, सोमालिया के समुद्री डाकुओं द्वारा अपहृत एमवी रुएन पोत के जरिए क्षेत्र से गुजरने वाली अन्य पोतों को बंधक बनाने की योजना को 16 मार्च को विफल कर दिया.

नौसेना ने बताया कि आईएनएस कोलकाता ने बुधवार सुबह रुएन को रोका और ड्रोन के जरिए सशस्त्र समुद्री डाकुओं की मौजूदगी की उसपर पुष्टि हुई. उसने बताया कि डाकुओं ने ड्रोन को मार गिराया और भारतीय नौसेना के युद्धपोत पर गोलीबारी की. आईएनएस कोलकाता ने जहाज के स्टीयरिंग सिस्टम और नेविगेशनल सहायता को अक्षम कर दिया, जिससे उसे नौकायन बंद करना पड़ा.

इसके बाद सी-17 विमान से मार्कोस कमांडो उतारा गया जिन्होंने जहाज को जब्त कर लिया, समुद्री डाकुओं को पकड़ लिया और रुएन के चालक दल के 17 सदस्यों को रिहा करा लिया. बयान में कहा गया है कि पिछले 40 घंटों में भारतीय नौसेना के लगातार दबाव और सुनियोजित कार्रवाई के कारण सोमालिया के सभी 35 समुद्री डाकुओं ने आत्मसमर्पण कर दिया.

वायुसेना के सी-17 विमान ने अरब सागर में सटीकता से उतारे साजो-सामान, अपहृत जहाज छुड़ाने में दी मदद

भारतीय वायु सेना के एक सी-17 सामरिक परिवहन विमान ने सोमालियाई समुद्री डाकुओं से अपहृत मालवाहक जहाज को छुड़ाने में नौसेना की अहम सहायता की. विमान ने अरब सागर में समुद्री कमांडो के साथ दो लड़ाकू नौकाओं को भी सटीक स्थान पर पहुंचाया.
वायुसेना ने बताया कि ‘कॉम्बैट रबराइज्ड रेडिंग क्राफ्ट’ (सीआरआरसी) नौकाओं और मार्कोस कमांडो को हवाई मार्ग से पहुंचाकर दोनों बलों ने ‘समन्वय’ का ‘उल्लेखनीय प्रदर्शन’ किया.

नौसेना ने शनिवार को एक सुव्यवस्थित अभियान में भारतीय तट से लगभग 2,600 किलोमीटर दूर एक व्यापारिक जहाज को अपने कब्जे में लेकर उसे बंधक बनाने वाले 35 समुद्री लुटेरों को पकड़ लिया और जहाज पर बंधक बनाए गए चालक दल के सभी 17 सदस्यों को मुक्त करा लिया. नौसेना ने करीब 40 घंटे के अभियान के दौरान आईएनएस कोलकाता और आईएनएस सुभद्रा और सी गार्जियन ड्रोन को तैनात किया. अभियान के लिए सी-17 विमान से विशिष्ट मार्कोस कमांडो को उतारा गया.

नौसेना ने बताया कि एमवी रुएन जहाज का सोमालियाई जलदस्युओं ने 14 दिसंबर को अपहरण कर लिया था. वायुसेना ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ के आधिकारिक हैंडल से पोस्ट किया, ”एकजुटता और समन्वय के एक उल्लेखनीय प्रदर्शन में, वायुसेना के सी-17 विमान ने जलदस्यु के खिलाफ चल रहे अभियान ‘संकल्प’ के समर्थन में भारतीय नौसेना के मार्कोस के साथ दो सीआरसीसी नौकाओं को अरब सागर में सटीक स्थान पर उतारा.”

वायुसेना ने बताया, ”भारतीय तट से 2600 किलोमीटर दूर एक क्षेत्र में लगभग 10 घंटे तक उड़ान भरते हुए, विशाल मालवाहक जहाज एमवी रुएन के चालक दल को बचाने के लिए ऑपरेशन चलाया गया.” एक बयान में, नौसेना ने कहा कि एमवी रुएन पोत पर लगभग 37,800 टन माल लदा है जिसकी कीमत करीब 10 लाख अमेरिकी डॉलर है. इसे सुरक्षित भारत लाया जाएगा. यमन के हूती विद्रोहियों द्वारा लाल सागर में मालवाहक जहाजों पर बढ.ते हमलों के बाद रणनीतिक जलमार्गों पर निगरानी रखने के लिए नौसेना ने 10 से अधिक युद्धपोत तैनात किए हैं.

यमन के हूती विद्रोहियों का अदन की खाड़ी में एक जहाज पर हमला

अदन की खाड़ी में यमन के हूती बागियों ने रविवार तड़के एक जहाज को निशाना बनाकर कथित रूप से हमला किया. हूती लड़ाके लाल सागर की ओर जाने वाले अहम जलमार्ग पर जहाजों को निशाना बना रहे हैं. ब्रिटेन की सेना के ‘यूनाइटेड किंगडम मैरीटाइम ट्रेड ऑपरेशन्स’ केंद्र ने हमले को लेकर बताया कि यह अदन के अपतटीय क्षेत्र में हुआ है. अदन दक्षिणी यमन का बंदरगाह शहर है जहां देश की निर्वासित सरकार है.

हूती लड़ाकों ने इसी इलाके पर बार-बार ड्रोन और मिसाइल हमले किए हैं जिससे अदन की खाड़ी से ईंधन और अन्य मालवाहक जाहजों की आवाजाही बाधित हुई है. इन बागियों ने हमले की तत्काल जिम्मेदारी नहीं ली है. वहीं, अमेरिकी सेना की मध्य कमान ने कहा कि उसने हूतियों को निशाना बनाकर कई हमले किए हैं. मध्य कमान ने कहा कि उसने शनिवार को यमन में हूती के नियंत्रण वाले क्षेत्र में पांच ड्रोन नौका और एक ड्रोन को तबाह कर दिया. यह नष्ट की जाने वाली ड्रोन नौकाओं की अधिक संख्या है जो असामान्य है.

अमेरिकी सेना ने लाल सागर के ऊपर हूती का एक ड्रोन मार गिराया जबकि माना जा रहा है कि दूसरा ड्रोन दुर्घटनाग्रस्त हो गया.
मध्य कमान ने कहा, “आसपास के जहाजों से नुकसान होने या किसी के घायल होने की कोई रिपोर्ट नहीं है.” हूती ने नवंबर से जहाजों पर हमला करना शुरू किया है. उनका कहना है कि वे इज.राइल को हमास के खिलाफ गाजा पट्टी में अपना आक्रमण बंद करने के लिए मजबूर करना चाहते हैं.

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