यूक्रेन संघर्ष पर भारत का रूख स्पष्ट, स्थिति को व्यापारिक मुद्दों से जोड़ने का सवाल नहीं : जयशंकर

नयी दिल्ली. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बृहस्पतिवार को राज्यसभा में कहा कि रूस-यूक्रेन संघर्ष पर भारत का रूख “दृढ़ और स्पष्ट” रहा है और यह शांति के पक्ष है. उन्होंने यह भी कहा कि यूक्रेन की स्थिति को व्यापार से जुड़े मुद्दों से जोड़ने का कोई सवाल ही नहीं है.
जयशंकर ने कहा कि रूस से भारत द्वारा आयातित कच्चे तेल की मात्रा काफी कम है और सरकार रूस-यूक्रेन युद्ध के मद्देनजर भुगतान सहित व्यापार संबंधित विभिन्न पहलुओं पर गौर कर रही है.

विदेश मंत्री ने कहा कि यूक्रेन के घटनाक्रम के संदर्भ में, भारत इस बात पर जोर देता रहा है कि वैश्विक व्यवस्था अंतरराष्ट्रीय कानून, संयुक्त राष्ट्र चार्टर और क्षेत्रीय अखंडता और राज्यों की संप्रभुता के सम्मान पर आधारित हो. उन्होंने कहा कि भारत का रुख छह सिद्धांतों पर आधारित है. उन्होंने कहा कि यूक्रेन संघर्ष पर भारत की स्थिति दृढ़ और स्पष्ट रही है. भारत ने बिगड़ती स्थिति पर गहरी ंिचता व्यक्त की है तथा ंिहसा को तत्काल समाप्त करने और सभी शत्रुता को समाप्त करने का आ’’ान किया है.

जयशंकर ने उच्च सदन में प्रश्नकाल के दौरान पूरक सवालों के जवाब में कहा कि रूस से व्यापार में उभरती समस्या के कारण सरकार भुगतान पहलू सहित विभिन्न मुद्दों पर गौर कर रही है. इन मामलों पर गौर करने के लिए वित्त मंत्रालय के नेतृत्व में विभिन्न मंत्रालयों का एक समूह है.

रूस के साथ तेल व्यापार के संबंध में उन्होंने कहा, “हम रूस से बहुत कम (कच्चा) तेल आयात करते हैं. यह हमारे आयात का एक प्रतिशत से भी कम है. कई देश हमसे 20 गुना अधिक तेल (रूस से) आयात करते हैं.” रूस-यूक्रेन संघर्ष के बाद भारत के पड़ोस में विभिन्न घटनाक्रम के संबंध में उन्होंने कहा, “हमारे पड़ोस में कई घटनाक्रम हुए हैं और हम उन पर सावधानी से नजर रख रहे हैं.’’

रूस-यूक्रेन संघर्ष पर भारत के रुख के बारे में उन्होंने कहा, “… हमारा रूख यह है कि हम शांति चाहते हैं. जब प्रधानमंत्री ने (रूस और यूक्रेन के) राष्ट्रपतियों से बात की, तो उस समय स्पष्ट इरादा था-छात्रों की निकासी… लेकिन इस विषय पर व्यापक बातचीत हुई कि हम क्या कर सकते हैं जिससे शत्रुता समाप्त हो और वार्ता और कूटनीति बहाल हो. मुझे लगता है कि आज यह भावना कई देशों द्वारा व्यापक रूप से साझा की जाती है. हमने इसे बहुत मजबूती से व्यक्त किया है.’’ रूस-यूक्रेन संकट के बीच व्यापार के संबंध में उन्होंने कहा, “भारतीय विदेश नीति के फैसले भारत के राष्ट्रीय हित में किए जाते हैं और हम अपनी सोच, विचारों और हितों से निर्देशित होते हैं. इसलिए, यूक्रेन की स्थिति को व्यापार के मुद्दों से जोड़ने का कोई सवाल नहीं है.”

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