स्वदेश में विकसित विमानवाहन पोत ‘विक्रांत’ तीन सितंबर को नौसेना में होगा शामिल

नयी दिल्ली: नौसेना के उपप्रमुख वाइस एडमिरल एसएन घोरमडे ने बृहस्पतिवार को कहा कि स्वदेशी में निर्मित विमानवाहक पोत आईएनएस ‘विक्रांत’ के सेवा में शामिल होने से ंिहद-प्रशांत क्षेत्र में शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी। घोरमडे ने कहा कि आईएनएस ‘विक्रांत’ को तीन सितंबर को कोच्चि में एक कार्यक्रम में नौसेना में शामिल किया जाएगा और इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शिरकत करेंगे।

उन्होंने कहा कि विमानवाहक पोत को सेवा में शामिल करना “अविस्मरणीय” दिन होगा क्योंकि यह पोत देश की समग्र समुद्री क्षमताओं में उल्लेखनीय वृद्धि करेगा। यह पूछे जाने पर कि क्या नौसेना दूसरे विमानवाहक पोत के निर्माण को लेकर काम कर रही है, तो उन्होंने कहा कि इस पर विचार-विमर्श जारी है।

वाइस एडमिरल घोरमडे ने कहा कि आईएनएस ‘विक्रांत’ को नौसेना में शामिल किया जाना ऐतिहासिक मौका होगा और यह ‘राष्ट्रीय एकता’ का प्रतीक भी होगा, क्योंकि इसके कल-पुरजÞे कई राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से आए हैं। करीब 20,000 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित इस विमानवाहक पोत ने पिछले महीने समुद्री परीक्षणों के चौथे और अंतिम चरण को सफलतापूर्वक पूरा किया था।

‘विक्रांत’ के निर्माण के साथ ही भारत उन चुंिनदा देशों के समूह में शामिल हो गया है जिनके पास विमानवाहक पोत को स्वदेशी रूप से डिजाइन करने और निर्माण करने की क्षमता है।

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