इंडोनेशियाई पुलिस फुटबॉल मैच के दौरान आंसू गैस छोड़े जाने की जांच कर रही

मलंग. इंडोनेशिया की पुलिस ने कहा कि वह आंसू गैस के गोले छोड़ने के लिए जिम्मेदार एक दर्जन से अधिक अधिकारियों के खिलाफ जांच कर रही है, जिसके कारण फुटबॉल मैच के दौरान भगदड़ मचने से 17 बच्चों समेत 125 लोगों की मौत हो गई. हादसे में जान गंवाने वालों के परिजनों और दोस्तों ने सोमवार को दुख व्यक्त किया. मृतकों में दो पुलिसकर्मी भी शामिल हैं.

मैच के बाद हुए विवाद को शांत करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े थे, जिसके चलते प्रशंसकों के बीच भगदड़ मच गई थी और ज्यादातर लोगों की मौत भीड़ में कुचले जाने के कारण हुई है. पूर्वी जावा के मलंग शहर में फुटबॉल मैच देखने के दौरान अपने प्रियजनों को अचानक खोने की बात दुखी परिजनों को आसानी से स्वीकार नहीं हो रही थी.

मैच देखने वालों में केवल गृह नगर की टीम ‘अरेमा एफसी’ के ही प्रशंसक थे. आयोजकों ने फुटबॉल मैच के दौरान ंिहसक शत्रुता के इतिहास को देखते हुए ‘पेर्सेबाया सुराबाया’ के समर्थकों के स्टेडियम में प्रवेश पर पाबंदी लगा दी थी. यह भगदड़ किसी खेल कार्यक्रम के दौरान हुई अब तक की सबसे घातक भगदड़ में से एक है. प्रत्यक्षर्दिशयों ने कहा कि मैदान में उमड़े प्रशंसकों ने मांग की कि अरेमा प्रबंधक बताये कि क्यों पेर्सेबाया के खिलाफ घरेलू मैंचों में 23 साल से अजेय रही टीम शनिवार को 3-2 से हार गई.

अरेमा के 42 हजार प्रशंसकों ने खिलाड़ियों और फुटबॉल अधिकारियों पर बोतलें और अन्य चीजें फेंकीं और कम से कम पांच पुलिस वाहनों को उलटकर स्टेडियम के बाहर जला दिया गया. ज्यादातर मौतें तब हुईं जब दंगा नियंत्रण पुलिस ने ंिहसा को रोकने की कोशिश की और दर्शक दीर्घा समेत अन्य स्थानों पर आंसू गैस के गोले छोड़े. इससे भगदड़ मच गई. पुलिस ने कहा कि भगदड़ में कुल 323 लोग घायल हुए, जिनमें से कुछ की हालत अब भी नाजुक है.

राष्ट्रीय पुलिस के प्रवक्ता डेडी प्रसेट्यो ने कहा कि आंसू गैस छोड़ने के लिए 18 अधिकारी जिम्मेदार हैं जिनसे पूछताछ की जा रही है. उन्होंने कहा कि जांच के तहत पुलिस 32 सीसीटीवी कैमरों के फुटेज खंगालने के अलावा प्रत्यक्षर्दिशयों से पूछताछ कर रही है. सुरक्षा प्रबंधकों से भी पूछताछ की जा रही है. मृतकों में दो पुलिस कर्मी भी शामिल हैं.

दूसरी ओर, मारे गए लोगों के परिजन अपनों को खोने के सदमे से उबर नहीं पा रहे हैं. आर्मेनिया की फैकोतुल हिकमाह (22) की मौत कंजुरुहान स्टेडियम से बाहर निकलते समय हो गई थी. हिकमाह के दोस्त अब्दुल मुकीद ने सोमवार को ‘द एसोसिएटेड प्रेस’ को बताया कि हिकमाह के कई दोस्त मैच देखने यहां गए थे लेकिन केवल चार ही टिकट हासिल कर पाए.

उन्होंने भी एक दलाल के जरिए टिकट हासिल की थी और बाद में उन्हें स्टेडियम में हुए हादसे का पता चला. उन्होंने कहा, ‘‘ मुझे उसे ढूंढना है..बचाना है . बस, यही मेरे दिमाग में था…. स्थिति बेहद भयानक थी.’’ मुकीद के चार दोस्तों में से दो की मौत हो गई,जबकि दो अन्य घायल हो गए. मुकीद को हिकमाह का शव स्टेडियम परिसर की एक इमारत से मिला, उसके शरीर पर चोट के कई निशान थे.
पूर्वी जावा प्रांत के जेम्बर में हिकमाह के माता-पिता के घर जैसे ही उसका शव लाया गया उनके रिश्तेदारों का संयम टूट गया और वे बिलख-बिलख कर रोने लगे. एम्बुलेंस में सफेद कपड़े और एक काले कंबल में लिपटा हिकमाह का शव उसके घर लाया गया.

मुकीद के एक अन्य दोस्त नोवल पुत्रा औलिया (19) की भी हादसे में मौत हो गई. औलिया के माता-पिता का पांच साल पहले निधन हो गया था और वह अपने भाई के साथ रहते थे. महिला सशक्तिकरण एवं बाल संरक्षण मंत्रालय के अनुसार, मारे गए लोगों में कम से कम 17 बच्चे थे और सात अन्य हादसे में घायल भी हुए हैं जिनका अस्पताल में उपचार चल रहा है. पुलिस ने बताया कि हादसे में 323 लोग घायल हुए हैं और उनमें से कुछ की हालत गंभीर है.

चश्मदीदों ने बताया कि अपनी टीम की हार से निराश अरेमा के हजारों समर्थकों ने खिलाड़ियों और फुटबॉल अधिकारियों पर बोतलें तथा अन्य वस्तुएं फेंकी. प्रशंसक कंजुरुहान स्टेडियम के मैदान पर पहुंचे और अरेमा प्रबंधन से पूछा कि घरेलू मैचों में 23 वर्ष तक अजेय रहने के बाद टीम यह मैच कैसे हार गई.

इस दौरान स्टेडियम के बाहर भी ंिहसा शुरू हो गई और पुलिस के कम से कम पांच वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया. दंगा रोधी पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े, जिससे भगदड़ मच गई. फीफा ने फुटबॉल स्टेडियम में आंसू गैस के गोले छोड़ने पर प्रतिबंध लगा रखा है.

राष्ट्रीय पुलिस प्रवक्ता डेडी प्रसेट्यो ने कहा कि पीड़ितों के नौ मोबाइल फोन में कैद फुटेज की भी जांच की जा रही है. सुरक्षा मंत्री मोहम्मद महफूद ने एक अलग संवाददाता सम्मेलन में बताया कि स्टेडियम में कानून का उल्लंघन करने वालों का पता लगाने के लिए उनके नेतृत्व में एक दल अलग से जांच करेगा. यह दल इस बात का भी फैसला करेगा कि पीड़ितों को कितना मुआवजा दिया जाना चाहिए. दल अपनी जांच तीन सप्ताह में पूरी करेगा.

इंडोनेशिया के एक निगरानी समूह ‘सेव अवर सॉकर’ के आंकड़ों के अनुसार, इंडोनेशिया में पिछले 28 साल में खेल संबंधित घटनाओं में 78 लोगों की मौत हुई है. इंडोनेशिया में बीते दिन स्टेडियम में मची भगदड़ खेल स्पर्धा में दुनियाभर में हुए सबसे बड़े हादसों में से एक है. ग्वाटेमाला सिटी में ग्वाटेमाला और कोस्टा रिका के बीच 1996 विश्व कप ‘क्वालिफायर’ मैच में ंिहसा में 80 से अधिक लोगों की मौत हो गयी थी तथा 100 से अधिक घायल हो गए थे. अप्रैल 2001 में दक्षिण अफ्रीका के जोहानिसबर्ग में एक फुटबॉल मैच के दौरान 40 से अधिक लोगों की कुचलकर मौत हो गई थी.

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