संसद में बहुमत की चिंता के बजाय भारत, चीन से वित्तीय सहायता लेने पर जोर देना चाहिए : विक्रमसिंघे

कोलंबो. श्रीलंका के पूर्व प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने कहा है कि संसद में बहुमत जुटाने के बारे में चिंता करने के बजाय नेताओं को भारत और चीन सहित विभिन्न देशों से वित्तीय सहायता प्राप्त करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, ताकि कर्ज में डूबे देश को उसके सबसे खराब आर्थिक संकट से बाहर निकाला जा सके.

विक्रमसिंघे ने रविवार को कोलंबो में यूनाइटेड नेशनल पार्टी (यूएनपी) के मई दिवस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार को मौजूदा आर्थिक संकट के हल को प्राथमिकता देनी चाहिए और महंगाई को नियंत्रित करने के लिए तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए.
उन्होंने कहा कि सरकार को बैकिंग प्रणाली को ध्वस्त होने से बचाने के लिए ध्यान देना चाहिए.

उन्होंने कहा कि यूनान का अनुभव सामने है कि किस प्रकार वहां के बैकिंग क्षेत्र का पतन हुआ और 1998 में इंडोनेशिया में भी ऐसा ही हुआ. उन्होंने कहा कि सरकार को मदद लेने के लिए भारत, चीन, जापान और दक्षिण कोरिया से बात करनी चाहिए. द आइलैंड समाचार पत्र ने उनके हवाले से कहा कि संसद में 113 सांसदों का होना अभी वर्तमान समस्या का समाधान नहीं है और देश अभूतपूर्व आर्थिक संकट का सामना कर रहा है.

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