बुद्धिजीवियों ने रामपुरहाट हत्याकांड की निंदा की

कोलकाता/श्रीनगर. बीरभूम जिले में हुई हत्याओं पर शहर के जाने-माने बुद्धिजीवी स्­तब्­ध हैं जिसमें आठ लोगों को ंिजदा जला दिया गया था. इन बुद्धिजीवियों ने कहा है कि यह घटना समाज में ‘‘पतन’’ को दर्शाती है. सामाजिक-राजनीतिक मुद्दों पर मुखर होने के लिए जाने जाने वाली अपर्णा सेन ने इसे ‘‘भयावह और बर्बर’’ बताते हुए समाज में अपराधीकरण की एक “खतरनाक प्रवृत्ति” की ओर इशारा किया, जो समय के साथ बढ़ी है.

सेन ने कहा कि वह “ऐसे अपराधों के खिलाफ अपनी पीड़ा, क्रोध और दर्द” को अधिक सशक्त और दृश्यमान तरीके से दर्ज नहीं करा सकती क्योंकि वह ‘‘हाल ही में हुई एक सर्जरी से उबर रही हैं और अपने कमरे तक सीमित हैं.’’ सेन नंदीग्राम विरोध प्रदर्शनों के दौरान एक प्रमुखता से सक्रिय थीं और घृणा अपराधों के खिलाफ भी मुखर हैं.

रंगमंच से जुड़े रुद्रप्रसाद सेनगुप्ता ने पीटीआई-भाषा को बताया कि बीरभूम जिले में नरसंहार दिखाता है कि कैसे राजनीति ने नागरिक समाज को अपने कब्जे में ले लिया है क्योंकि इस भीषण घटना के बाद महानगर में कोई विरोध नहीं हुआ, कोई रैलियां नहीं हुईं. उन्होंने कहा, ‘‘हम बर्बर हत्याओं की निंदा करने के लिए एक रैली निकालने का साहस जुटाने से पहले भी कई बार सोच रहे हैं, हालांकि हमने अतीत में भारत के बाहर की घटनाओं पर आवाज उठायी थी.’’

सेनगुप्ता ने यह भी कहा कि बोगतुई की घटना जिसमें आठ लोगों को ंिजदा जला दिया गया था, जो बदला लेने वाली हत्या प्रतीत होती है, यह दर्शाता है कि अपने राजनीतिक आकाओं द्वारा संरक्षित अपराधी कैसे “स्थानीय स्तर पर चीजों को तय कर रहे हैं और हमने इसकी आलोचना करने के लिए आवाज खो दी है.’’ फिल्म निर्देशक अंिरदम सिल ने कहा कि वह सो नहीं सके और “भयावह घटना” के बारे में सोचकर दुखी थे.

‘चंदर पहाड़’ जैसी फिल्मों से प्रसिद्धि पाने वाले एक अन्य फिल्म निर्देशक कमलेश्वर मुखर्जी ने कहा कि वह राज्य में हाल ही में हुई हत्याओं के विरोध में 25 मार्च को उत्तरी कोलकाता में नागरिकों की एक रैली में शामिल होना चाहते हैं. मुखर्जी ने कहा, ‘‘. संगठित विरोध ही ऐसी स्थितियों से बाहर निकलने का एकमात्र तरीका है.’’

येचुरी ने बीरभूम हिंसा की निंदा की, कहा- हिंसा की परंपरा बंद होनी चाहिए

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के महासचिव सीताराम येचुरी ने पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में आठ लोगों की हत्या की निंदा करते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी द्वारा ‘‘प्रायोजित’’ हिंसा बंद होनी चाहिए.
येचुरी पार्टी के नेता एम वाई तारिगामी के आवास पर संवाददाता सम्मेलन में पत्रकारों से बात कर रहे थे. येचुरी ने कहा, ‘‘हम इसकी कड़ी निंदा करते हैं. हिंसा का यह मार्ग भाजपा और टीएमसी, दोनों द्वारा प्रायोजित है. भाजपा त्रिपुरा में माकपा के खिलाफ ठीक यही काम कर रही है. राजनीति में हिंसा और आतंक के इस चलन को खत्म करना होगा.’’

ऐसी हत्याओं की जांच की घोषणा को लेकर पश्चिम बंगाल सरकार पर निशाना साधते हुए माकपा नेता ने कहा कि विशेष जांच दल (एसआईटी) राज्य में ‘‘’सूचना और सच्चाई के दमन’’ के लिए है. उन्होंने कहा, ‘‘वे जांच का आदेश देते हैं, एसआईटी का गठन करते हैं, लेकिन पश्चिम बंगाल सरकार की एसआईटी का मतलब सूचना और सच्चाई का दमन है. यह जांच के लिए नहीं है, बल्कि सच्चाई को दबाने के लिए है.’’

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button