इजराइल सैन्य गुप्तचर प्रमुख ने सात अक्टूबर के हमले को लेकर दिया इस्तीफा

तेल अवीव. इजराइल के सैन्य खुफिया प्रमुख मेजर जनरल अहरोन हलीवा ने यहूदी देश पर हमास के 7 अक्टूबर के अप्रत्याशित हमले के दौरान अपनी इकाई की विफलताओं की जिम्मेदारी लेते हुए सोमवार को इस्तीफा दे दिया. हलीवा इजराइली सेना के जनरल स्टाफ के पहले जनरल हैं, जिन्होंने फलस्तीनी विद्रोही संगठन हमास के इजराइल पर बड़े पैमाने पर हमले और उसके बाद गाजा में युद्ध को लेकर अपने पद से इस्तीफा दे दिया है.

हिब्रू ने लिखे अपने त्यागपत्र में हलीवा ने कहा, “खुफिया विभाग उस काम पर खरा नहीं उतरा जो हमें सौंपा गया था. अपने पूरे कर्तव्य निर्वहन के दौरान, मुझे पता था कि प्राधिकार के साथ-साथ भारी जिम्मेदारी भी आती है.” जनरल ने कहा कि सात अक्टूबर को जो कुछ हुआ उसकी वह “जिम्मेदारी लेना” चाहते हैं और उन्होंने युद्ध के लक्ष्य जितना संभव हो सके उतना पूरा करने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करने का वादा किया.

हलीवा ने एक जांच समिति गठित करने का आह्वान भी किया, “जो मुश्किल घटनाओं का कारण बने कारकों एवं परिस्थितियों का गहराई, गहनता, व्यापक और विस्तृत तरीकों से जांच करे.” साथ ही, हलीवा ने पत्र में युद्ध में सैन्य खुफिया निदेशालय के र्किमयों के प्रदर्शन की अत्यंत प्रशंसा की.

हालीवा के इस्तीफे की पुष्टि करते हुए, इजराइल रक्षा बल (डीबीओएफ) ने एक बयान में कहा, “रक्षा मंत्री की मंजूरी से मेजर जनरल अहरोन हलीवा एक प्रामाणिक और पेशेवर प्रक्रिया के माध्यम से एक उत्तराधिकारी नियुक्त होने के बाद आईडीएफ की सेवा से मुक्त हो गए.” इसमें कहा गया है, “चीफ ऑफ स्टाफ ने 38 साल से अधिक की सेवा के लिए मेजर जनरल अहरोन हलीवा को धन्यवाद दिया.” इस बीच, अहरोन के इस्तीफे पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए विपक्षी येश एतिद पार्टी के सदस्य व्लादिमीर बेलियाक ने प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के इस्तीफे की मांग की. उन्होंने ‘एक्स’ एक पोस्ट किया, ”आईडीएफ खुफिया निदेशालय के प्रमुख ने इस्तीफा देना बुद्धिमानी समझा. अविलम्ब एक जांच समिति का गठन किया जाना चाहिए. वहीं प्रधानमंत्री को तुरंत इस्तीफा देना चाहिए.”

 

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