चंद्रमा के लिए संभावित मिशन पर जापानी एजेंसी के साथ चर्चा कर रहा इसरो: सोमनाथ

अहमदाबाद. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष एस. सोमनाथ ने बुधवार को कहा कि इसरो ने अपने अंतरिक्ष मिशन को लेकर सफलतापूर्वक महत्वपूर्ण सहयोग किया है और चंद्रमा के लिए संभावित मिशन पर जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी के साथ चर्चा कर रहा है.

सोमनाथ ने यह भी कहा कि शुक्र ग्रह के अन्वेषण के लिए 2028 तक एक मिशन शुरू करने का एक अच्छा अवसर है. वह यहां भौतिक अनुसंधान प्रयोगशाला (पीआरएल) में आयोजित चौथे भारतीय ग्रह विज्ञान सम्मेलन में ‘‘अंतरिक्ष और ग्रहों की खोज के लिए भारतीय क्षमता’’ पर उद्घाटन भाषण दे रहे थे.

इसरो प्रमुख ने कहा कि जटिल मिशन के लिए दुनिया भर के वैज्ञानिक संस्थानों और इसरो के बीच संबंध होना महत्वपूर्ण है. उन्होंने ‘तृष्णा’ मिशन का उदाहरण दिया, जिसे पृथ्वी की सतह का ‘थर्मल इन्फ्रारेड’ क्षेत्र में निरीक्षण करने के लिए तैयार किया गया है, जिसे इसरो और इसके फ्रांसीसी समकक्ष सीएनईएस द्वारा विकसित किया गया है.

अंतरिक्ष विभाग के सचिव सोमनाथ ने कहा, ‘‘हम जेएएसए (जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी) के साथ चंद्रमा के लिए एक संभावित मिशन पर भी चर्चा कर रहे हैं, जिसमें लैंड रोवर उनके द्वारा बनाया जाएगा और वे उसे एक जापानी रॉकेट का उपयोग करके प्रक्षेपित करेंगे.’’ उन्होंने कहा कि इसरो खोज मिशन में अन्य एजेंसियों के साथ संभावित साझेदारी पर विचार करेगा. उन्होंने कहा, ‘‘यह बहुत महत्वपूर्ण है कि यह तभी होगा जब उन्हें आप पर विश्वास हो और हमारे उपकरण और माप प्रणाली उनके लक्ष्यों के पूरक हों.’’

सोमनाथ ने कहा, ‘‘इसरो अपने अंतरिक्ष मिशन को लेकर महत्वपूर्ण सहयोग करने में सफल रहा है, और इस प्रकृति के जटिल मिशन में दुनिया भर के वैज्ञानिक संस्थानों और इसरो के बीच संबंध होना महत्वपूर्ण है.’’ महत्वाकांक्षी “गगनयान” परियोजना के बारे में बात करते हुए इसरो अध्यक्ष ने कहा कि यह बहुत अच्छा चल रहा है. इसमें तीन दिवसीय मिशन के लिए 400 किलोमीटर की कक्षा में तीन लोगों के दल को भेजने और उन्हें सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर वापस लाकर मानव अंतरिक्ष उड़ान क्षमता के प्रदर्शन की परिकल्पना की गई है. सोमनाथ ने कहा कि इसरो के शुक्र के लिए प्रस्तावित मिशन के लिए चर्चा चल रही है. उन्होंने कहा, “शुक्र अन्वेषण के लिए एक बहुत ही चुनौतीपूर्ण ग्रह है और इसे 2028 तक प्रक्षेपित करने का एक अच्छा अवसर है.’’

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