येचुरी यदि राम और रामत्व की ओर लौट जाते हैं तो उनके हित में ही होगा: विहिप

भगवान राम के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होंगे कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री कुमारस्वामी

नयी दिल्ली/बेंगलुरु. अयोध्या में राम मंदिर में 22 जनवरी को होने वाले प्राण प्रतिष्ठा समारोह में आने से इनकार करने वाले माकपा नेता सीताराम येचुरी पर निशाना साधते हुए विश्व हिंदू परिषद ने मंगलवार को कहा कि अगर वह ‘राम, रामत्व और भारत की ओर लौट जाते हैं’ तो यह उनके हित में होगा. विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने ‘एक्स’ पर लिखा, ”खबर है कि सीताराम नाम वाले सज्जन अयोध्या नहीं जाएंगे.” उन्होंने कहा, ”राजनीतिक विरोध समझ में आता है, लेकिन अगर किसी को उनके नाम से ही इतनी घृणा है तो वह केवल कम्युनिस्ट हो सकते हैं.”

बंसल ने वीडियो जारी कर एक बयान में कहा कि येचुरी की पार्टी की प्रतिबद्धता अलग हो सकती है, लेकिन यह साफ नहीं है कि माकपा महासचिव का विरोध भगवान राम से है या अपने ही नाम से है. उन्होंने कहा, ”इस पर सफाई आनी चाहिए.” विहिप नेता ने कहा, ”देश राम और रामत्व की ओर लौट रहा है और आप कब तक इनका विरोध करेंगे.” उन्होंने कहा कि येचुरी को ”वापसी करनी चाहिए और राम, रामत्व तथा इस भारत को अपना लेना चाहिए”. बंसल ने कहा, ”अब यह आपके हित में है. अन्यथा, लोग जानते हैं कि किस तरह जवाब देना है.”

भगवान राम के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होंगे कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री कुमारस्वामी

कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एच.डी. कुमारस्वामी ने मंगलवार को कहा कि वह 22 जनवरी 2024 को अयोध्या में राम मंदिर में भगवान राम के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होंगे. जनता दल (सेक्युलर) में दूसरे नंबर के नेता कुमारस्वामी ने एक बयान में कहा कि उन्हें कार्यक्रम में शिरकत के लिए श्रीराम जन्मभूमि ट्रस्ट की ओर से आधिकारिक निमंत्रण मिला है.

कुमारस्वामी के अनुसार, ट्रस्ट के नेता मंगलवार को बेंगलुरु में उनके आवास पर आए, उन्हें निमंत्रण पत्र सौंपा और परिवार के साथ कार्यक्रम में शरीक होने का अनुरोध किया. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के अखिल भारतीय संकाह प्रमुख राम लाल व अन्य ने कुमारस्वामी, उनकी पत्नी अनीता कुमारस्वामी और बेटे निखिल कुमारस्वामी को ट्रस्ट की ओर से न्योता दिया.

पूर्व मुख्यमंत्री ने निमंत्रण स्वीकार कर रामलाल से कहा कि वह अपने परिवार के साथ भगवान राम के प्राण प्रतिष्ठ समारोह में शामिल होंगे. उन्होंने रामजन्मभूमि पर भव्य मंदिर बनने पर प्रसन्नता भी प्रकट की. उन्होंने यह भी बताया कि ट्रस्ट के नेता उनके पिता और पूर्व प्रधानमंत्री एच. डी. देवेगौड़ा को पहले ही आमंत्रित कर चुके हैं. जनता दल (सेक्युलर) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने आगामी लोकसभा चुनाव के लिए गठबंधन कर रखा है.

अयोध्या में रामलला की ‘प्राण प्रतिष्ठा’ कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे येचुरी

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के महासचिव सीताराम येचुरी अयोध्या के राम मंदिर में रामलला की ‘प्राण प्रतिष्ठा’ कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे. वाम दल ने मंगलवार को कहा कि उसका मानना है कि धर्म एक व्यक्तिगत मामला है. माकपा ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ”हमारी नीति धार्मिक मान्यताओं और प्रत्येक व्यक्ति के अपनी आस्था को आगे बढ.ाने के अधिकार का सम्मान करना है. धर्म एक व्यक्तिगत पसंद का मामला है, जिसे राजनीतिक लाभ के साधन में परिर्वितत नहीं किया जाना चाहिए. निमंत्रण मिलने के बावजूद कॉमरेड सीताराम येचुरी समारोह में शामिल नहीं होंगे.” वाम दल के पोलित ब्यूरो ने एक बयान में कहा कि येचुरी को अयोध्या में राम मंदिर के ‘प्राण प्रतिष्ठा’ कार्यक्रम में शामिल होने का निमंत्रण मिला है.

पार्टी ने कहा, ”माकपा की नीति धार्मिक मान्यताओं का सम्मान करने और प्रत्येक व्यक्ति के अपनी आस्था को आगे बढ.ाने के अधिकार की रक्षा करने की रही है. उसका मानना ??है कि धर्म एक व्यक्तिगत पसंद का विषय है, जिसे राजनीतिक लाभ के साधन में परिर्वितत नहीं किया जाना चाहिए.” बयान में कहा गया है कि यह ”सबसे दुर्भाग्यपूर्ण” है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने एक धार्मिक समारोह को राज्य प्रायोजित कार्यक्रम में बदल दिया है, जिसमें सीधे प्रधानमंत्री, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और अन्य अधिकारी शामिल हो रहे हैं.

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