जेल में बंद कट्टरपंथी उपदेशक अमृतपाल सिंह के पांच जुलाई को सांसद के रूप में शपथ लेने की संभावना

चंडीगढ./अमृतसर. जेल में बंद कट्टरपंथी उपदेशक अमृतपाल सिंह के शुक्रवार को लोकसभा सदस्य के रूप में शपथ लेने की संभावना   है.  ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन के प्रमुख अमृतपाल ने हाल में पंजाब की खडूर साहिब संसदीय सीट से जीत दर्ज की है. अमृतसर में अधिकारियों ने कहा कि वर्तमान में राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत नौ सहयोगियों के साथ असम की डिब्रूगढ. जेल में बंद अमृतपाल को चार दिन की पैरोल दी गई है ताकि वह लोकसभा सदस्य की शपथ ले सके. फरीदकोट से निर्दलीय सांसद सरबजीत सिंह खालसा ने कहा कि अमृतपाल के पांच जुलाई को सांसद के रूप में शपथ लेने की संभावना है.

खालसा ने ‘पीटीआई-भाषा’ से फोन पर कहा, ”मैं बुधवार को दिल्ली में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से मिलने उनके आवास पर गया. उन्होंने कहा कि शपथ पांच जुलाई को दिलाई जाएगी.” उन्होंने यह भी कहा कि अमृतपाल को शपथ लेने के लिए विभिन्न हलकों से मंजूरी और अनुमति मिल गई है. खालसा ने कहा, ”मैं समझता हूं कि उन्हें (अमृतपाल) शपथग्रहण के लिए जेल से लाया जाएगा, जो अध्यक्ष के निजी कक्ष में होगा.” उन्होंने कहा कि बुधवार को लोकसभा अध्यक्ष से राष्ट्रीय राजधानी में उनकी मुलाकात का एकमात्र एजेंडा अमृतपाल सिंह का शपथग्रहण था.

अमृतसर के उपायुक्त सह जिलाधिकारी घनशाम थोरी ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ”अमृतपाल सिंह को कुछ शर्तों के साथ पांच जुलाई से चार दिन या उससे कम समय के लिए पैरोल दी गई है, जिसके बारे में जेल अधीक्षक डिब्रूगढ. को सूचित कर दिया गया है.” पैरोल के बारे में एक अन्य प्रश्न के उत्तर में, थोरी ने एक संक्षिप्त बयान में कहा, ”…गृह विभाग की मंजूरी के बाद जिलाधिकारी, अमृतसर द्वारा (पैरोल) प्रदान की गई.” जेल में अमृतपाल सिंह से मिलने वाले वकील राजदेव सिंह खालसा के अनुसार, अमृतपाल ने डिब्रूगढ. जेल अधीक्षक के माध्यम से हाल ही में अमृतसर के उपायुक्त को एक पत्र भेजा था, जिन्होंने इसे जेल में बंद उपदेशक को शपथ लेने की आवश्यक मंजूरी दिए जाने के वास्ते राज्य सरकार के पास भेज दिया.

अमृतपाल की अस्थायी रिहाई की मांग राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम की धारा 15 के तहत की गई. लोकसभा चुनाव निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में लड़ने वाले अमृतपाल ने खडूर साहिब सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार कुलबीर सिंह जीरा को 1,97,120 मतों के अंतर से हराकर जीत हासिल की थी. जालंधर जिले में वाहन और हुलिया बदलकर 18 मार्च को पुलिस की गिरफ्त से भागे खालिस्तान समर्थक अमृतपाल को एक महीने से अधिक समय की लंबी तलाश के बाद पिछले साल 23 अप्रैल को मोगा के रोडे गांव में गिरफ्तार किया था.

पंजाब पुलिस ने पिछले साल 23 फरवरी की अजनाला घटना के बाद कार्रवाई शुरू की थी. इस घटना में अमृतपाल और समर्थक अपने एक सहयोगी लवप्रीत सिंह तूफान की रिहाई के लिए अवरोधक तोड़कर अमृतसर शहर के बाहरी इलाके में स्थित थाने में घुस गए थे और वहां पुलिसर्किमयों से भिड़ गए थे. इनमें से कुछ लोगों के पास तलवार और बंदूकें भी थीं. अमृतपाल और सहयोगियों पर वर्गों के बीच वैमनस्य फैलाने, हत्या का प्रयास, पुलिसर्किमयों पर हमला और लोकसेवकों को कर्तव्य निर्वहन से रोकने के आरोप में कई आपराधिक मामले दर्ज किए गए थे.

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