जयशंकर ने नेपाल, भूटान और बांग्लादेश के अपने समकक्षों से बिम्सटेक बैठक के इतर मुलाकात की

कोलंबो. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को यहां बिम्सटेक मंत्रिस्तरीय बैठक से इतर नेपाल, भूटान और बांग्लादेश के अपने समकक्षों से मुलाकात की और संपर्क, ऊर्जा और जल विद्युत परियोजनाओं में सहयोग पर चर्चा की. जयशंकर ने ट्वीट किया, ‘‘बिम्सटेक मंत्रिस्तरीय बैठक के दौरान नेपाल के विदेश मंत्री नारायण खड़का से मिलकर अच्छा लगा. संपर्क, ऊर्जा, उर्वरक, स्वास्थ्य और बिजली में हमारे सहयोग पर चर्चा की. रामायण र्सिकट को आगे बढ़ाने पर ध्यान देने पर भी सहमति बनी.’’

कोलंबो में 18वीं बिम्स्टेक मंत्रिस्तरीय बैठक में मंगलवार को जयशंकर ने हिस्सा लिया. विदेश मंत्री ने कहा कि बिम्सटेक के सदस्य देशों को आतंकवाद और ंिहसक चरमपंथ के खिलाफ निश्चित रूप से साथ मिलकर लड़ना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि बंदरगाह केंद्रों, नौका सेवाओं, तटीय जहाजरानी, ग्रिड कनेक्टिविटी और मोटर वाहनों की आवाजाही पर सहयोग महत्वपूर्ण है. नेपाली विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों मंत्रियों ने अपनी बैठक में ‘‘माननीय प्रधानमंत्री की भारत यात्रा के लिए चल रही तैयारियों सहित’’ अन्य मामलों पर चर्चा की.

नेपाली प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा पहली यात्रा पर शुक्रवार को भारत आएंगे, जिस दौरान वह अपने भारतीय समकक्ष नरेंद्र मोदी और अन्य नेताओं के साथ दोनों देशों के बीच बहुआयामी, सदियों पुराने और सौहार्दपूर्ण संबंधों को और मजबूत करने के लिए बातचीत करेंगे. जयशंकर ने भूटान के विदेश मंत्री से भी मुलाकात की और विभिन्न परियोजनाओं और पहलों की समीक्षा की.

उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘हमेशा की तरह भूटान के विदेश मंत्री को देखकर खुशी हुई. जलविद्युत क्षेत्र में हमारे लंबे समय से चले आ रहे सहयोग पर चर्चा की. कई अन्य परियोजनाओं और पहलों की समीक्षा की. हाल ही में अपने प्रशिक्षण संस्थानों में देखी गई भूटानी प्रतिभाओं के बारे में बात की. अपनी भागीदारी जारी रखने के लिए तत्पर हैं.’’ उन्होंने बिम्सटेक मंत्रिस्तरीय बैठक से इतर अपने बांग्लादेशी समकक्ष ए के अब्दुल मोमेन से भी मुलाकात की और उन्हें किसी भी नजदीकी तारीख पर भारत के दौरे पर आने का न्योता दिया. भारत और श्रीलंका के अलावा, बिम्सटेक में बांग्लादेश, म्यांमा, थाईलैंड, नेपाल और भूटान शामिल हैं.

जयशंकर ने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘‘एक उत्पादक और अनुकूल बिम्सटेक मंत्रिस्तरीय बैठक का समापन किया. उत्कृष्ट व्यवस्था के लिए विदेश मंत्री प्रोफेसर जी एल पेरिस को धन्यवाद.’’ उन्होंने कोलंबो में 1990 सुवा सेरिया एंबुलेंस सेवा का भी दौरा किया. उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘कोलंबो में 1990 की सुवा सेरिया एम्बुलेंस सेवा का दौरा करके खुशी हुई. आपके रिकॉर्ड और उपलब्धियों से प्रभावित: अब तक 50 लाख कॉलों का जवाब दिया. भारत को जीवन बचाने में आपका भागीदार होने पर गर्व है.’’ जयशंकर सोमवार को यहां पहुंचे थे और श्रीलंका के शीर्ष नेतृत्व के साथ द्विपक्षीय वार्ता की. श्रीलंका को मौजूदा आर्थिक संकट से उबारने के लिए भारत द्वारा आर्थिक राहत पैकेज देने के बाद से यह द्वीपीय राष्ट्र की उनकी पहली यात्रा है.

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