कर्नाटक सरकार का ‘सेक्स स्कैंडल’ की सीबीआई जांच से इनकार, रेवन्ना को न्यायिक हिरासत में भेजा गया

बेंगलुरु. कर्नाटक के गृहमंत्री डॉ. जी परमेश्वर ने बुधवार को जद (एस) सांसद प्रज्वल रेवन्ना पर लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से कराने से इनकार कर दिया. प्रज्वल हासन लोकसभा सीट से राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के उम्मीदवार हैं. परमेश्वर का यह बयान जनता दल सेक्युलर के दूसरे शीर्ष नेता एच.डी. कुमारस्वामी द्वारा जांच के तरीके पर संदेह व्यक्त करते हुए सरकार पर हमला करने के बाद आया है. गठबंधन सहयोगी जद (एस) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मांग की थी कि इस मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी जाए. फिलहाल इस मामले की जांच राज्य पुलिस द्वारा गठित विशेष जांच टीम (एसआईटी) कर रही है.

कुमारस्वामी ने सरकार पर अपना हमला ऐसे समय तेज किया है जब एक महिला के अपहरण के आरोप का सामना कर रहे उनके बड़े भाई और होलेनारासिपुरा के विधायक एचडी रेवन्ना को बुधवार को यहां की एक मजिस्ट्रेट अदालत ने 14 मई तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया. जद (एस) सुप्रीमो और पूर्व प्रधानमंत्री एच. डी. देवेगौड़ा के बड़े बेटे रेवन्ना को चार दिन की पुलिस हिरासत पूरी होने के बाद बुधवार को अदालत में पेश किया गया. उनकी जमानत अर्जी पर बृहस्पतिवार केा सत्र न्यायालय में सुनवाई होगी.

रेवन्ना को एक महिला के अपहरण के कथित मामले में उसके बेटे की शिकायत के आधार पर गिरफ्तार किया गया था. महिला ने आरोप लगाया था कि विधायक के बेटे और सांसद प्रज्वल रेवन्ना ने उसका यौन उत्पीड़न किया था. पुलिस के मुताबिक महिला को छुड़ा लिया गया है. प्रज्वल द्वारा कई महिलाओं का कथित यौन उत्पीड़न करने का मामला सामने आने के बाद राजनीतिक पारा चढ. गया है. राज्य में सत्तारूढ. कांग्रेस और भाजपा-जद(एस) के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल रहा है.

कर्नाटक में 26 अप्रैल को लोकसभा चुनाव के प्रथम चरण से पहले कुमारस्वामी के भतीजे प्रज्वल से जुड़े कथित अश्लील वीडियो व्यापक रूप से प्रसारित हुए. हासन से राजग उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने वाले प्रज्वल ने कथित तौर पर मतदान के एक दिन बाद 27 अप्रैल को देश छोड़ दिया. वह एसआईटी के समक्ष पेश होने के लिए जारी समन पर भी नहीं आए.

जद (एस) के कार्यकर्ताओं ने मांड्या, रामानगर और मैसुरु सहित कर्नाटक के विभिन्न हिस्सों में उप मुख्यमंत्री डी. के. शिवकुमार और अन्य कांग्रेस नेताओं पर जद (एस) के खिलाफ साजिश रचने का आरोप लगाते हुए प्रदर्शन किया. उन्होंने कांग्रेस के दो नेताओं का पुतला जलाया. कुमारस्वामी ने जानना चाहा कि पुलिस ने उस व्यक्ति के खिलाफ शिकायत पर कार्रवाई क्यों नहीं की, जिसने कथित तौर पर कहा था कि प्रज्वल और कई महिलाओं के के वीडियो जारी किए जाएंगे.

उन्होंने यहां संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ”यह तथ्य अब सार्वजनिक रूप से मौजूद है कि नवीन गौड़ा ने 21 अप्रैल की रात आठ बजे व्हाट्सएप पर ‘अगले कुछ सेकंड में’ स्पष्ट वीडियो प्रसारित करने की घोषणा की थी. मैं गृह मंत्री डॉ. जी परमेश्वर से पूछना चाहता हूं, एसआईटी (विशेष जांच दल) की क्या भूमिका है?” कुमारस्वामी ने यह भी जानना चाहा कि “अपहृत” महिला को अभी तक अदालत में क्यों नहीं पेश किया गया है.

उन्होंने कहा, “अभी तक एसआईटी ने नवीन गौड़ा को गिरफ्तार नहीं किया है. उन्होंने उन्हें समन भी जारी नहीं किया है. आप इन सब बातों को क्यों दबा रहे हैं? वीडियो को सार्वजनिक हुए एक पखवाड़ा हो गया है. वह कौन है और तस्वीरों में किसके साथ दिख रहा है?” कुमारस्वामी ने कहा कि उन्हें अपने भतीजे के बारे में कोई जानकारी नहीं है. उन्होंने कहा, “यदि आप मुझसे पूछें तो मैं आपको क्या उत्तर दे सकता हूं? मुझे नहीं पता. जब मैं उसके संपर्क में नहीं हूं… मैं आपको बहुत स्पष्ट रूप से बता रहा हूं. मेरा उससे कोई रिश्ता नहीं है. उसका अपना मामला है.”

परमेश्वर ने पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग खारिज कर दी राज्य के गृहमंत्री ने कहा, ” कुमारस्वामी ने करीब 100 सवाल किए हैं. मैं उन सभी का जवाब नहीं दूंगा. उन्होंने सीबीआई जांच कराने की मांग की है जो हम नहीं कराने जा रहे हैं. एसआईटी (विशेष जांच टीम) सक्षम है. मैंने कहा है कि हम उचित जांच कराएंगे.” परमेश्वर ने बताया कि महिला का अपहरण करने के आरोप में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है. महिला तीन बच्चों की मां है और इस मामले में जद(एस) के होलेनारासिपुरा के विधायक और रेवन्ना के पिता एच.डी.रेवन्ना भी आरोपी हैं और इस समय न्यायिक हिरासत के तहत कारागार में हैं.

एच.डी.रेवन्ना, जद(एस) सुप्रीमो और पूर्व प्रधानमंत्री एच.डी.देवेगौड़ा के बेटे हैं. उनके पुत्र प्रज्वल के खिलाफ कई महिलाओं का यौन उत्पीड़न करने के मामलों की जांच की जा रही है और खबर है कि वह देश छोड़कर भाग गए हैं. जांच में हुई प्रगति के बारे में गृहमंत्री ने बताया कि रेवन्ना और उनके सहयोगी सतीश बबन्ना सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया था. उन्होंने तीसरे आरोपी की पहचान जाहिर करने से यह कहते हुए इनकार कर दिया कि इससे जांच प्रभावित होगी.

जब उनसे पूछा गया कि वीडियो लीक करने वालों के खिलाफ भी जांच की जाएगी तो परमेश्वर ने कहा, ”हम कुछ भी छिपाना नहीं चाहते हैं. जांच में पेन ड्राइव की सामग्री को प्रसारित करने का कोण भी शामिल है.” परमेश्वर ने कहा, ”कुमारस्वामी ने आरोप लगाया है कि पुलिस र्किमयों ने वीडियो प्रसारित किया है. किस पुलिस ने इसे प्रसारित किया और कहां, हम इस पहलू पर भी गौर करेंगे. एसआईटी तय करेगी कि कुमारस्वामी को उनके आरोपों को लेकर नोटिस जारी किया जाए या नहीं.” उन्होंने कहा कि सरकार को एसआईटी पर भरोसा है और हम उसकी रिपोर्ट का इंतजार करेंगे.

प्रज्वल रेवन्ना के वाहन चालक कार्तिक गौड़ा की गिरफ्तारी नहीं किए जाने के सवाल पर परमेश्वर ने कहा कि किसी को गिरफ्तार करने के लिए ठोस सबूत होने चाहिए. माना जा रहा है कि कार्तिक के पास ही पेन ड्राइव था जिसमें सांसद की संलिप्तता वाले अश्लील वीडियो थे.

मंत्री ने कहा, ” जबतक हमें सबूत नहीं मिलता हम कार्तिक या देवराजे गौड़ा (भारतीय जनता पार्टी के नेता) को गिरफ्तार नहीं कर सकते.” कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी. के. शिवकुमार ने बुधवार को आरोप लगाया कि हासन से सांसद प्रज्वल रेवन्ना से कथित तौर पर संबद्ध आपत्तिजनक वीडियो प्रसारित करने में जद (एस) के नेता एच. डी. कुमारस्वामी का हाथ है, उन्हें “ब्लैकमेलिंग” में महारथ हासिल है और वह “कहानी के मुख्य पात्र, निर्देशक और निर्माता” हैं.

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