भारत में न्याय देने की प्रणाली रहस्यमय तरीके से काम करती है: चिदंबरम

नयी दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को मानहानि के मामले में उच्चतम न्यायालय से राहत मिलने और भारतीय जनता पार्टी के सांसद रामशंकर कठेरिया को दोषसिद्धि के खिलाफ अपीलीय अदालत से स्थगन आदेश मिलने का हवाला देते हुए मंगलवार को कहा कि भारत में न्याय देने की प्रणाली रहस्मय तरीके से चलती है।

पूर्व गृह मंत्री ने ट्वीट किया, ‘‘ इटावा से भाजपा सांसद रामशंकर कठेरिया को एक मामले में दोषी ठहराया गया और दो साल की कैद की सजा सुनाई गई। उन पर मारपीट का आरोप था। 2-3 दिन के भीतर ही उन्हें आगरा की प्रथम अपीलीय अदालत से दोषसिद्धि पर रोक मिल गई। यह कठेरिया के लिए अच्छा है।

इस बारे में मैं कुछ नहीं कहूंगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘कथित मानहानि के एक मामले में अपनी सजा पर स्थगन लेने में राहुल गांधी को चार महीने से अधिक समय लग गया और उच्चतम न्यायालय से स्थगन आदेश मिला। भारत में न्याय प्रणाली रहस्यमय तरीके से चलती है।’’

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को ‘मोदी उपनाम’ वाली टिप्पणी से संबंधित मानहानि के मामले में उच्चतम न्यायालय से राहत मिलने के तीन दिन बाद उनकी लोकसभा सदस्यता सोमवार को बहाल कर दी गई। उच्चतम न्यायालय ने गांधी की लोकसभा सदस्यता बहाल करने का मार्ग प्रशस्त करते हुए, मोदी उपनाम को लेकर की गई टिप्पणी के संबंध में 2019 में उनके खिलाफ दर्ज आपराधिक मानहानि मामले में उनकी दोषसिद्धि पर, शुक्रवार चार अगस्त को रोक लगा दी थी।

आगरा की एक अदालत ने इटावा के सांसद एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री रामशंकर कठेरिया को उपद्रव और तोड़फोड़ के एक मामले में एमपी/एमएलए की विशेष अदालत द्वारा सुनायी गयी दो साल की कैद की सजा पर सोमवार को रोक लगा दी। विशेष अदालत ने पांच अगस्त को कठेरिया को 2011 के बलवा और तोडफोड़ के मामले में दो साल कैद की सजा सुनायी थी तथा उनपर 51,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया था।

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