कामरा शो विवाद: कांग्रेस ने महायुति सरकार पर महाराष्ट्र को पुलिस राज्य बनाने की कोशिश का आरोप लगाया
'डॉलर' की कठपुतली बन जाओ या चुप रहो : कुणाल कामरा

मुंबई/नयी दिल्ली. कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने मंगलवार को महायुति सरकार पर आरोप लगाया कि वह राज्य को ”पुलिस राज्य” में बदलने की कोशिश कर रही है. उन्होंने दावा किया कि हास्य कलाकार कुणाल कामरा के शो में शामिल होने वाले दर्शकों को भी नोटिस जारी किए गए. सपकाल ने खबरों का हवाला देते हुए कहा कि इस तरह के नोटिस जारी करना महाराष्ट्र को पुलिस के नियंत्रण वाले शासन में बदलने के प्रयास किए जाने का संकेत है. हालांकि, मुंबई पुलिस ने खार इलाके में एक होटल के स्टूडियो में आयोजित कामरा के विवादास्पद शो में शामिल हुए दर्शकों को पूछताछ के लिए नोटिस जारी करने से इनकार किया है.
गृह मंत्रालय का कार्यभार संभाल रहे मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर ताजा हमला करते हुए सपकाल ने आरोप लगाया कि सत्तारूढ. पार्टी के मंत्री खुलेआम धमकियां दे रहे हैं, जबकि गृह मंत्री ”धृतराष्ट्र की तरह आंखों पर पट्टी बांधे बैठे हैं.” उन्होंने आरोप लगाया, ”गृह मंत्री और पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) महज ‘शोपीस’ बनकर रह गए हैं.” कामरा सोमवार को उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को ”गद्दार” कहने के प्रकरण में दर्ज मामले के सिलसिले में पुलिस के समक्ष पेश नहीं हुए. पुलिसकर्मी माहिम स्थित उनके घर भी पहुंचे थे.
सपकाल ने एक बयान में कहा, ”सरकार कामरा की व्यंग्य कविता से घबरा गई. क्या कुणाल कामरा का शो देखना अपराध है? निर्दोष को सजा देना और दोषियों को छोड़ देना महायुति सरकार की नीति है.”
उन्होंने कहा, ”गृह मंत्री और पुलिस प्रमुख महज कठपुतली हैं. वे विपक्ष के खिलाफ कार्रवाई करने को तत्पर हैं, लेकिन अपराधी खुलेआम घूमते हैं.” सपकाल ने कहा कि नेताओं को अपने बारे में किए जाने वाले मजाक को बड़े दिल से स्वीकार करना चाहिए और व्यंग्य को हास्यपूर्ण ढंग से लेना चाहिए. उन्होंने कहा, ”यहां तक ??कि देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी पर भी कठोर व्यंग्य किया गया, लेकिन कलाकारों या उनके दर्शकों को कभी इस तरह से परेशान नहीं किया गया.”
‘डॉलर’ की कठपुतली बन जाओ या चुप रहो : कुणाल कामरा
‘स्टैंड-अप कॉमेडियन’ कुणाल कामरा ने मंगलवार को सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर ”हाउ टू किल एन आर्टस्टि: ए स्टेप-बाय-स्टेप गाइड” (एक कलाकार को कैसे मारें : चरण दर चरण मार्गर्दिशका) शीर्षक से पांच-सूत्री पोस्ट साझा की. अपने इस पोस्ट में उन्होंने उनके हालिया कार्यक्रम के खिलाफ हिंसक आक्रोश की आलोचना की और कहा कि एक कलाकार को या तो अपनी आत्मा बेचनी होगी या फिर उसे चुप रहना होगा.
पिछले हफ्ते कामरा के ‘यूट्यूब’ चैनल पर जारी किए गए वीडियो ”नया भारत” में महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के खिलाफ ‘गद्दार’ टिप्पणी को लेकर बड़े पैमाने पर राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया. शिवसैनिकों ने उस जगह पर तोड़फोड़ की, जहां कामरा ने हास्य कार्यक्रम की शूटिंग की थी. ‘स्टैंड-अप कॉमेडियन’ पर मुंबई में तीन प्राथमिकी दर्ज हैं और वह इस समय तमिलनाडु में हैं.
कामरा ने अपने इस शो में एक ‘पैरोडी’ गाई थी, जिसमें शिवसेना में विभाजन के लिए शिंदे पर कटाक्ष किया गया था और उन्हें ‘गद्दार’ बताया था.
उन्होंने मंगलवार को ‘एक्स’ पर एक पोस्ट किया और अधिकारियों द्वारा उनके साथ किए जा रहे व्यवहार की कड़ी आलोचना की.
”’हाउ टू किल एन आर्टस्टि: ए स्टेप-बाय-स्टेप गाइड’ शीर्षक से कामरा ने पोस्ट किया, जिसमें पांच बिंदुओं के माध्यम से उन्होंने कटाक्ष किया :
1) आक्रोश – इतना कि ब्रांड अपना काम देना बंद कर दें.
2) अधिक आक्रोश – जब तक कि निजी क्षेत्र और कॉरपोरेट काम देना बंद न कर दें.
3) अत्यधिक आक्रोश – ताकि बड़े स्थल जोखिम न लें.
4) हिंसक आक्रोश – तब तक, जब तक कि सबसे छोटी जगहें भी अपने दरवाजे बंद नहीं कर दें.
5) पूछताछ के लिए उनके (कलाकारों के) दर्शकों को बुलाएं – कला को अपराध स्थल में बदल दें.”
कामरा के अनुसार, ऐसी परिस्थितियों में एक कलाकार के पास केवल दो विकल्प बचते हैं. उन्होंने लिखा, ”या तो अपनी आत्मा बेच दें और डॉलर की कठपुतली बन जाएं या अपना मुंह बंद कर लें. यह सिर्फ रणनीति नहीं है, बल्कि यह एक राजनीतिक हथियार है. चुप कराने की मशीन है.” ऐसी खबरें थीं कि कामरा के शो में शामिल होने वाले दर्शकों को पुलिस के सामने पेश होने का नोटिस भेजा गया था. हालांकि, पुलिस के एक अधिकारी ने इस बात से इनकार किया.
अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ”यह गलत जानकारी है.” अपने सत्ता-विरोधी विचारों के लिए मशहूर कामरा ने अपने 40 मिनट से अधिक लंबे वीडियो के लिए माफी मांगने से इनकार कर दिया है, जिसे यूट्यूब पर 1.1 करोड़ से ज्यादा बार देखा जा चुका है.
हास्य कलाकार अपने खिलाफ दर्ज मामले में खार पुलिस के सामने पेश नहीं हुए. सोमवार को उनका पता लगाने के लिए पुलिस की एक टीम उनके माहिम स्थित घर गई.
कामरा ने बाद में कटाक्ष करते हुए ‘एक्स’ पर लिखा, ”ऐसे पते पर जाना, जहां मैं पिछले 10 साल से नहीं रह रहा हूं, आपके (पुलिस टीम) समय और सार्वजनिक संसाधनों की बर्बादी है.” एक अधिकारी ने बताया कि कामरा को दिन में खार पुलिस के सामने पेश होना था. उन्होंने कहा कि यह दूसरी बार था, जब उन्हें तलब किया गया था. पिछले हफ्ते उनके खिलाफ नासिक ग्रामीण, जलगांव और नासिक (नंदगांव) में तीन प्राथमिकी दर्ज की गई थी, जिसे खार थाने में स्थानांतरित कर दिया गया. खार थाने में शिवसेना विधायक मुरजी पटेल की शिकायत पर पहले ही मामला दर्ज किया जा चुका है.