ज्ञानवापी टिप्पणी: वाराणसी कोर्ट ने आखिलेश यादव और औवेसी को भेजा नोटिस

वाराणसी: ज्ञानवापी मामले में वाराणसी की अतिरिक्त जिला न्यायाधीश अनुराधा कुशवाहा की अदालत ने एक वकील हरि शंकर पांडे द्वारा दायर पुनरीक्षण याचिका में प्रतिवादियों को नोटिस जारी किया है। इस पुनरीक्षण याचिका में सपा प्रमुख अखिलेश यादव, एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी और अन्य के खिलाफ ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में पाए गए कथित शिवलिंग पर उनकी कथित टिप्पणी और विजिटर्स द्वारा स्नान तालाब को कथित रूप से गंदा करने के लिए मामला दर्ज करने की मांग की गई है।

हरि शंकर पांडे ने कहाः अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट-वी (सांसद-विधायक) उज्‍जवल उपाध्याय की अदालत ने 15 फरवरी को मेरी याचिका खारिज कर दी। इसके बाद मैंने जिला न्यायाधीश की अदालत में एक पुनरीक्षण याचिका दायर की। जिला न्यायाधीश न्यायालय से पुनरीक्षण याचिका एडीजे-नौवीं की अदालत में स्थानांतरित की गई। अदालत ने पुनरीक्षण याचिका पर सुनवाई की प्रक्रिया शुरू की और सभी प्रतिवादियों को नोटिस जारी किया। अदालत ने अगली सुनवाई के लिए 14 अप्रैल की तारीख तय की है।

बता दें कि AIMIM अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने ज्ञानवापी मस्जिद में मिले कथित शिवलिंग को लेकर टिप्पणी की थी। उन्होंने कथित शिवलिंग को फव्वारा बताया था। साथ ही ओवैसी ने मुस्लिमों से वहां जाकर नमाज पढ़ने और वजू करने की भी अपील की थी। वहीं औवेसी के छोटे भाई अकबरुद्दीन ने माता सीता, दुर्गा और लक्ष्मी पर विवादित टिप्पणियां की थींं। इसके खिलाफ वाराणसी कोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया था।

वहीं सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा था कि किसी भी पीपल के पेड़ के नीचे पत्थर रख दिया जाए और एक झंडा गाड़ दिया जाए तो एक मंदिर बन जाता है। उन्होंने यह भी कहा था कि रात के अंधेरे मे मूर्तियां रख दी जाती हैं और सुबह भगवान प्रकट हो जाते हैं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button