कोहली पर आईपीएल आचार संहिता के उल्लंघन के लिए मैच फीस का 50% जुर्माना लगा

नयी दिल्ली. स्टार बल्लेबाज विराट कोहली पर सोमवार को कोलकाता नाइट राइडर्स (केकेआर) के खिलाफ रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (आरसीबी) के इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) मैच के दौरान अंपायर के फैसले पर असहमति दिखाने के लिए उनकी मैच फीस का 50 प्रतिशत जुर्माना लगाया गया.

कोहली लक्ष्य का पीछा करते हुए तीसरे ओवर में र्हिषत राणा की फुलटॉस गेंद पर आउट करार दिये गये थे. इस गेंदबाज ने ही कोहली का कैच लपका. इस मैच में केकेआर की टीम ने रविवार को सात विकेट पर 222 रन बनाने के बाद एक रन से रोमांचक जीत दर्ज की.
इंडियन प्रीमियर लीग में नो-बॉल को ऊंचाई से मापने वाली ‘हॉक-आई प्रणाली’ लागू है. इसके तहत क्रीज में बल्लेबाज के कमर की ऊंचाई से गेंद की ऊंचाई का आकलन कर नो बॉल का फैसला किया जाता है. कोहली के बल्ले से जब गेंद का संपर्क हुआ था तब गेंद उनके कमर के ऊपर की ऊंचाई पर थी. वह हालांकि इस समय क्रीज से बाहर थे और गेंद नीचे की ओर आ रही थी.

टीवी अंपायर माइकल गॉफ ने ऊंचाई की जांच की और हॉक-आई ट्रैकिंग के अनुसार, अगर कोहली क्रीज में होते तो गेंद कमर के पास 0.92 मीटर की ऊंचाई से गुजरी होती . इस स्थिति में गेंद कोहली की कमर की ऊंचाई से नीचे होती. ऐसे में गॉफ ने बॉल ट्रैकिंग के पैमाने पर गेंद की ऊंचाई को कोहली की कमर की ऊंचाई से नीचे पाया और उन्हें आउट करार दिया. कोहली हालांकि इस फैसले से सहमत नहीं दिखे उन्होंने गुस्से जैसी प्रतिक्रिया के साथ मैदानी अंपायर से बात की. मैदान से बाहर निकलने के बाद भी उनके चेहरे पर निराशा देखी जा सकती थी.

आईपीएल से जारी बयान के मुताबिक, ” रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के बल्लेबाज विराट कोहली पर ईडन गार्डन्स, कोलकाता में 21 अप्रैल 2024 को कोलकाता नाइट राइडर्स के खिलाफ टाटा इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) 2024 की मैच संख्या 36 के दौरान आईपीएल आचार संहिता का उल्लंघन करने के लिए उनकी मैच फीस का 50 प्रतिशत जुर्माना लगाया गया है.” उन्होंने कहा, ” कोहली ने आईपीएल की आचार संहिता के अनुच्छेद 2.8 के तहत लेवल एक का अपराध किया है. उन्होंने अपराध स्वीकार कर और मैच रेफरी की सजा को मान लिया.” बयान में कहा गया है, ”आचार संहिता के लेवल एक के उल्लंघन के लिए, मैच रेफरी का निर्णय अंतिम और बाध्यकारी होता है.” आईपीएल की आचार संहिता के अनुच्छेद 2.8 के तहत लेवल एक का अपराध ‘अंपायर के फैसले पर असहमति दिखाना’ है.

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