कोहली ने रोहित से कहा, आपने स्वाभाविक बने रहने की जो छूट दी उससे मैं सहज हो पाया

दुबई. विराट कोहली ने कप्तान रोहित शर्मा का उनके साथ किए गए संवाद के लिए आभार व्यक्त किया जिससे उन्हें सहज बने रहने और अपने मूल स्वरूप में लौटने में मदद मिली. कोहली ने अफगानिस्तान के खिलाफ एशिया कप सुपर चार के मैच में अपने करियर का 71वां अंतरराष्ट्रीय शतक लगाकर तीन साल का इंतजार समाप्त किया. इसके बाद भारत के वर्तमान और पूर्व कप्तान के बीच बीसीसीआई.टीवी पर आपस में बातचीत हुई.

कोहली ने अपना इंटरव्यू ले रहे रोहित से कहा,‘‘ हमें सुपर चार के इन मैचों (पाकिस्तान और श्रीलंका के खिलाफ) से सबक लेना होगा कहां हमने गलती की. टीम प्रबंधन की तरफ से स्पष्ट संवाद था. आपने मुझे जो स्वाभाविक बने रहने की छूट दी उससे मैंने सहज महसूस किया. इसलिए विश्राम से वापसी करने के बाद मैं टीम में अपने योगदान को लेकर काफी उत्साहित था.’’ कोहली ने अपने कप्तान से कहा कि उन्हें अहसास हुआ कि उन्हें उसी तरह का खेल खेलना चाहिए जैसा वह खेलते रहे हैं. इसमें छक्का जड़ना उनकी प्राथमिकता नहीं है.

उन्होंने कहा,‘‘ मेरे पास क्रिकेट के कुछ अच्छे शॉट है और छक्का लगाना मेरा मजबूत पक्ष नहीं है. परिस्थिति के अनुसार मैं छक्का जड़ सकता हूं लेकिन मैं खाली स्थानों पर शॉट मारने में बेहतर हूं. में जितने अधिक चौके लगाऊंगा उससे भी उद्देश्य की पूर्ति होती है.’’ कोहली ने यहां तक कि मुख्य कोच राहुल द्रविड़ और बल्लेबाजी कोच विक्रम राठौड़ से भी इस संबंध में बात की थी.

उन्होंने कहा,‘‘ मैंने कोच से कहा कि मैं बड़े शॉट खेलने के बजाय खाली स्थानों पर शॉट मारकर रन बनाना चाहूंगा. क्रिकेट में ऐसा नहीं है कि स्ट्राइक रेट बनाए रखने के लिए आपको लंबे शॉट ही खेलने हैं. मैंने स्वीकार किया कि यह मेरा मजबूत पक्ष नहीं है और मैं अपने मूल स्वरूप में लौट आया.’’ कोहली ने कहा,‘‘ टीम में मेरी भूमिका परिस्थिति के अनुसार जिम्मेदारी संभालना है और रन बनाने की दर को भी बेहतर रखना है. अगर मुझे क्रीज पर पांव जमाने के लिए 10-15 गेंद मिल जाती हैं तो फिर मैं तेजी से स्कोर बना सकता हूं. मैं अपने मूल स्वरूप से भटक रहा था और उन चीजों को करने का प्रयास कर रहा था जो मेरे खेल के मजबूत पक्ष नहीं हैं.’’ लेकिन जहां तकनीक और मानसिकता की बात है तो कोहली ने रोहित से कहा उन्होंने कुछ भी अलग हटकर नहीं किया.

कोहली ने कहा,‘‘ आप मुझे अच्छी तरह से जानते हो. हम इतने लंबे समय से एक साथ खेल रहे हैं. अगर हम मानसिक रूप से अच्छी स्थिति में रहते हैं तो हम अच्छा प्रदर्शन करेंगे. ’’ कोहली के लिए एशिया कप अपनी बल्लेबाजी में नए आयाम जोड़ने से संबंधित रहा जिसमें सातवें से 15वें ओवर के बीच उनका रवैया भी शामिल है. इसको लेकर द्रविड़ से भी उन्हें बहुत अच्छी सलाह मिली.

उन्होंने कहा,‘‘ राहुल भाई ने बीच के ओवरों में बल्लेबाजी को लेकर मुझसे बात की कि मैं पहले बल्लेबाजी करने पर कैसे अपने स्ट्राइक रेट में सुधार कर सकता हूं. हमारा लक्ष्य था कि टीम को फायदा पहुंचाने के लिए मुझे सुधार करना होगा. मैंने एशिया कप में इसे आजमाया.’’ सलामी बल्लेबाज के रूप में कोहली के शतक ने यह चर्चा शुरू कर दी है कि क्या उन्हें रोहित के साथ पारी का आगाज करना चाहिए लेकिन इन दोनों शीर्ष खिलाड़ियों का मत था कि राहुल टीम के लिए बेहद महत्वपूर्ण है और उनका बचाव करने की जरूरत है.
कोहली ने कहा,‘‘ हमें राहुल की पारी को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए क्योंकि विश्वकप से पहले सही मनोदशा में रहना बेहद महत्वपूर्ण है. हम सभी जानते हैं कि वह क्या कर सकता है. वह बहुत अच्छे शॉट खेलता है और जब वह अच्छा प्रदर्शन करता है तो हमारी टीम अधिक मजबूत नजर आती है.’’

मेरी तकनीक वही है, लेकिन मेरे दिमाग में क्या चल रहा है यह समझा नहीं पाया: कोहली

विराट कोहली ने पिछले तीन वर्षों में स्वयं को काफी बदला है और इसकी बानगी तब देखने को मिली जब उन्होंने अपना बहुप्रतीक्षित 71वां अंतरराष्ट्रीय शतक जमाने के बाद मुस्कान बिखेरी और शादी की अपनी अंगूठी को चूमा. कोहली को अपने अंतरराष्ट्रीय शतक के लिए 1020 दिन तक इंतजार करना पड़ा. भारतीय क्रिकेट प्रेमियों के लिए भी यह बहुत लंबा इंतजार था. एक बार जब उन्होंने यह इंतजार समाप्त किया तो राहत की सांस ली. उन्होंने पहले की तरह जोश में इसका जश्न नहीं मनाया.

अफगानिस्तान के खिलाफ एशिया कप मैच में शतक जड़ने के बाद कोहली ने मुस्कुराते हुए कहा, ‘‘ पिछले ढाई साल ने मुझे बहुत कुछ सिखाया है. मैं एक महीने में 34 साल का हो जाऊंगा और गुस्से में जश्न मनाना अब अतीत की बात हो चुकी है.’’ कोहली ने गुरुवार को 61 गेंदों पर नाबाद 122 रन बनाए जो टी20 क्रिकेट में उनका पहला शतक है. इससे भारत ने अफगानिस्तान को 101 रन के बड़े अंतर से पराजित किया.

कोहली ने एशिया कप से पहले एक महीने का लंबा विश्राम लिया था और तब उन्होंने पाया कि उनकी तकनीक में कोई गड़बड़ी नहीं है और वह संभवत अपने दिमाग की उधेड़बुन को नहीं समझ पाए थे. उन्होंने कहा, ‘‘ मेरे दिमाग में कई तरह की बातें चल रही थी. लोग कह रहे थे कि मैं यह गलती कर रहा हूं. मैंने अपने सर्वश्रेष्ठ समय के वीडियो देखे और मेरा रवैया पहले जैसे ही था. मेरी तकनीक पहले जैसे ही थी बस अंतर इतना था कि मेरे दिमाग में क्या कुछ चल रहा है मैं उसको किसी को समझा नहीं पा रहा था.’’

कोहली ने कहा,‘‘ आखिर में एक व्यक्ति के रूप में आप जानते हैं कि आप किस स्थिति में हैं. लोगों की अपनी राय होगी लेकिन उनको यह अहसास नहीं हो सकता कि आप कैसा महसूस कर रहे हैं.’’ कोहली ने लगभग तीन साल बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में शतक लगाया और वह भी एक ऐसे प्रारूप में जिसने उन्हें बहुत कम उम्मीद थी. अपने 71वें शतक से उन्होंने सर्वाधिक अंतरराष्ट्रीय शतक लगाने के मामले में रिकी पोंंिटग की बराबरी की. सचिन तेंदुलकर 100 शतक लगाकर शीर्ष पर काबिज है.

उन्होंने कहा ,‘‘ मैं वास्तव में स्तब्ध था. इस प्रारूप में शतक के बारे में नहीं सोचा था. कई चीजों का परिणाम है यह. टीम ने काफी मदद की.’’ कोहली ने इसका श्रेय अपनी अभिनेत्री पत्नी अनुष्का शर्मा को दिया जो बुरे दौर में उनके साथ खड़ी रही. उन्होंने कहा,‘‘ मैं जानता हूं कि बाहर बहुत सारी बातें चल रही थी. मैंने अपनी अंगूठी को चूमा. आप मुझे यहां देख रहे हैं क्योंकि एक इंसान ने मेरे लिए चीजों को सरल बनाए रखा. वह अनुष्का है. यह शतक उसको और हमारी बेटी वामिका को सर्मिपत है.’’

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