राजमार्गों के निर्माण से बन सकती हैं झीलें: केंद्रीय मंत्री गडकरी

बेंगलुरु. केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बृहस्पतिवार को कहा कि उनका मंत्रालय देश के कुछ हिस्सों में जल संकट की समस्या का समाधान कर सकता है. यहां ‘भारतमाला’ श्रृंखला के तहत ‘मंथन’ कार्यक्रम के दौरान गडकरी ने कहा, ‘‘आप सब जानते हैं कि केंद्र सरकार ‘अमृत सरोवर’ योजना लेकर आई है. सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय पानी की समस्या को दूर करने में बहुत अच्छा काम कर सकता है.’’

राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस पर 24 अप्रैल, 2022 को ‘मिशन अमृत सरोवर’ की शुरुआत ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ आयोजन के हिस्से के तौर पर की गई थी, जिसका उद्देश्य भविष्य के लिए पानी का संरक्षण करना है. ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा शुरू किए गए मिशन का उद्देश्य देश के प्रत्येक जिले में 75 जल निकायों का विकास और कायाकल्प करना है.

केंद्र और राज्यों के मंत्री और अधिकारी दो दिवसीय कार्यक्रम में भाग ले रहे हैं, जिसका विषय ‘‘आइडिया टू एक्शन-टूवार्ड्स ए स्मार्ट, सस्टेनेबल रोड इन्फ्रा, मोबिलिटी एंड लॉजिस्टिक्स इकोसिस्टम’’ है. गडकरी ने कहा कि वह विदर्भ क्षेत्र से आते हैं जहां पिछले कुछ सालों में हजारों किसानों ने आत्महत्या की. उन्होंने कहा कि कृषि संकट का एक कारण जल संकट रहा है.

मंत्री ने कहा, ‘‘कई जगहों पर जल संकट है. पानी की कोई कमी नहीं है, लेकिन जल प्रबंधन एक मसला है. हम झीलों के निर्माण के लिए राजमार्गों का उपयोग कर सकते हैं.’’ गडकरी ने कहा कि राजमार्गों के निर्माण के लिए मिट्टी की आवश्यकता होती है, जिसे इस तरह से प्राप्त किया जा सकता है कि नए जल निकाय बन सकें.

गडकरी ने कहा कि इससे न केवल सड़क निर्माण की आवश्यकता पूरी होगी, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में नई झीलें भी उपलब्ध होंगी, जिससे अंतत: भूजल स्तर में वृद्धि होगी. गडकरी ने कहा कि इस तरह के अभिनव उपायों से परियोजना लागत कम होगी और कई अन्य लोगों को मदद मिलेगी. उन्होंने एक उदाहरण का उल्लेख किया जहां भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) द्वारा निष्पादित एक परियोजना के कारण एक विश्वविद्यालय को 36 झीलें मिलीं जबकि आसपास के गांवों में 22 कुएं मिले.

गडकरी ने टिकाऊ सड़कों के निर्माण पर जोर दिया और राज्यों से कंक्रीट सड़क बनाने को कहा जो कम से कम 25 साल तक चल सकें. इस संदर्भ में उन्होंने याद किया कि कैसे उन्होंने अपने निर्वाचन क्षेत्र में 750 किलोमीटर लंबी कंक्रीट की सड़क बनवाई और दावा किया कि वहां कोई गड्ढा नहीं है. उन्होंने कहा कि उनके आग्रह पर महाराष्ट्र सरकार ने मुंबई में 6,000 किलोमीटर लंबी कोलतार निर्मित सड़कों को कंक्रीट युक्त सड़क बना दिया.

मंत्री ने कहा, ‘‘कोलतार से बनीं सड़क को कंक्रीट युक्त सड़क में बदलना एकमुश्त निवेश है. आपको 20 प्रतिशत अतिरिक्त खर्च करने की आवश्यकता हो सकती है, लेकिन यह 25 साल तक चलेगा, जबकि बिटुमेन सड़कें सस्ती हैं, लेकिन हर दो से तीन साल में आपको रखरखाव की आवश्यकता होती है.’’ उन्होंने एक्सप्रेसवे के साथ हरियाली बढ़ाने पर भी जोर दिया और एक ‘वृक्ष बैंक’ की सिफारिश की, जहां प्रत्येक पेड़ के लिए कम से कम पांच पेड़ लगाए जाने चाहिए. गडकरी ने एनएचएआई, रेलवे, बंदरगाहों और जिला अधिकारियों को ट्री बैंक विकसित करने के लिए एक इकाई बनने को कहा.

मंत्री ने पेड़ों को काटने के बजाय उन्हें लगाने और जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता को कम करने के लिए 100 प्रतिशत इथेनॉल ईंधन के इस्तेमाल पर जोर दिया. मंत्री ने भारत को पांच ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के लिए बहु-मॉडल परिवहन के साथ एक एकीकृत दृष्टिकोण के महत्व को रेखांकित किया.

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