लोकसभा चुनाव : भाजपा की दूसरी सूची में गड़करी, गोयल और खट्टर समेत 72 उम्मीदवार

नयी दिल्ली. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बुधवार को लोकसभा चुनाव के लिए 72 और उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की. इसमें केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, पीयूष गोयल, प्रह्लाद जोशी और अनुराग सिंह ठाकुर और पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, त्रिवेंद्र सिंह रावत और बसवराज बोम्मई के नाम शामिल हैं.

गड़करी एक बार फिर नागपुर से चुनाव लड़ेंगे जबकि गोयल मुंबई (उत्तर) से पहली बार लोकसभा चुनाव मैदान में उतरेंगे. खट्टर को हरियाणा के करनाल से, बोम्मई को हावेरी से और रावत को पूर्व केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ की जगह हरिद्वार से पार्टी का उम्मीदवार घोषित किया गया है.

केंद्रीय मंत्री ठाकुर एक बार फिर हमीरपुर से, प्रह्लाद जोशी कर्नाटक के धारवाड़ से, भगवंत खूबा महाराष्ट्र के बीदर और भारती प्रवीण पवार डिंडोरी से मैदान में होंगे. भाजपा ने पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवेगौड़ा के दामाद सी एन मंजूनाथ को बेंगलुरु ग्रामीण लोकसभा सीट  से उम्मीदवार बनाया है जहां उनका मुकाबला कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार के भाई डी के सुरेश से होगा. भाजपा के मुख्य प्रवक्ता और राज्यसभा सदस्य अनिल बलूनी को उत्तराखंड के पौड़ी गढ.वाल से उम्मीदवार बनाया गया है. पार्टी ने पूर्वी दिल्ली से हर्ष मल्होत्रा और उत्तर पश्चिम दिल्ली से योगेंद्र चंदौलिया को मैदान में उतारा है.

कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा के बेटे बी वाई राघवेंद्र शिमोगा से चुनाव लड़ेंगे जबकि भाजपा की युवा शाखा भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रमुख तेजस्वी सूर्या बेंगलुरु दक्षिण से फिर से चुनाव लड़ेंगे. पूर्ववर्ती मैसूर शाही परिवार के यदुवीर कृष्णदत्त वाडियार मैसूर सीट से भाजपा उम्मीदवार के रूप में प्रताप सिम्हा की जगह लेंगे. सिम्हा ही वह सांसद थे जिनकी अनुशंसा पर बने पास के जरिए दो युवा लोकसभा के दर्शक दीर्घा पहुंचे थे और सदन की कार्यवाही के दौरान कक्ष में कूद गए थे.

पार्टी ने पूर्वी दिल्ली से गौतम गंभीर की जगह मल्होत्रा और उत्तर पश्चिम दिल्ली से हंसराज हंस की जगह चंदौलिया को उम्मीदवार बनाया है. पार्टी ने इससे पहले, दिल्ली की पांच में से चार सीट पर मौजूदा सांसदों के टिकट काट दिए थे और सिर्फ मनोज तिवारी को दोबारा उत्तर पूर्वी दिल्ली से उम्मीदवार बनाया था. इस महीने की शुरुआत में भाजपा ने लोकसभा चुनाव के लिए 195 उम्मीदवारों की अपनी पहली सूची जारी की थी. इस प्रकार लोकसभा चुनाव की घोषणा से पहले ही भाजपा ने कुल 267 उम्मीदवारों के नामों की सूची जारी कर दी है.

भाजपा के साथ सीट बंटवारे को अंतिम रूप दिया गया, मेरी सभी चिंताओं का समाधान: चिराग पासवान
लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान ने बुधवार को कहा कि उनकी पार्टी ने लोकसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ सीट बंटवारे के फार्मूले को अंतिम रूप दे दिया है और उनकी सभी चिंताओं का समाधान कर दिया गया है. भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा के साथ मुलाकात के बाद पासवान ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और सत्तारूढ़ दल के नेताओं की प्रशंसा की और उन्हें दी गई सीट को लेकर संतोष व्यक्त किया.

सूत्रों ने कहा कि पासवान बिहार की 40 लोकसभा सीट में से पांच पर चुनाव लड़ सकते हैं. सूत्रों ने कहा कि चिराग के खाते में हाजीपुर सीट भी आ सकती है. फिलहाल, इस सीट का प्रतिनिधित्व उनके चाचा पशुपति पारस कर रहे हैं, जो लोक जनशक्ति पार्टी के दूसरे धड़े का नेतृत्व कर रहे हैं. हाजीपुर कभी लोजपा संस्थापक और चिराग के पिता रामविलास पासवान का गढ़ हुआ करती थी.

पासवान ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, ”भाजपा ने मेरी सभी चिंताओं का समाधान किया है. मैं संतुष्ट हूं.” उन्होंने कहा कि बिहार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के घटक दलों के बीच सीटों के तालमेल पर फैसला हो गया है और जल्द ही इसकी औपचारिक घोषणा की जाएगी.

अपने चाचा पशुपति पारस के नेतृत्व वाले लोजपा गुट के भविष्य के बारे में पूछे जाने पर चिराग पासवान ने कहा, ”यह मेरी चिंता का विषय नहीं है.” उन्होंने कहा, ”मेरी पार्टी के पास जो सीट हैं, वे मेरी हैं.” चिराग के इस बयान को इस बात का संकेत माना जा रहा है कि भाजपा ने पारस की अगुवाई वाली लोक जनशक्ति पार्टी के दावों को नजरअंदाज कर दिया हो. पासवान ने विश्वास जताया कि राजग बिहार की सभी 40 लोकसभा सीटों पर जीत दर्ज करने में सफल होगा.

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ मतभेदों के बारे में पूछे जाने पर पासवान ने कहा कि राजग के सभी घटक दल आगामी लोकसभा चुनाव में 400 सीट के आंकड़े को पार करने के लक्ष्य को हासिल करने के लिए काम कर रहे हैं. राम विलास पासवान की 2020 में मृत्यु के बाद एलजेपी के दो गुटों के दावों और प्रतिदावों व भाजपा की मेल-मिलाप की असफल कोशिश के बीच चिराग से मतभेद के बीच रामविलास के छोटे भाई पारस पार्टी के चार अन्य सांसदों के साथ अलग हो गए थे. चिराग अपने गुट में एकमात्र सांसद रह गए.

हालांकि, जमुई लोकसभा क्षेत्र से सांसद चिराग अपनी पार्टी के मुख्य समर्थकों को लामबंद रखने में सफल रहे, जिससे भाजपा को यह बात स्पष्ट हो गई कि वह अपने पिता की विरासत के राजनीतिक उत्तराधिकारी हैं. भाजपा और बिहार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के दूसरे घटक दल जनता दल (यूनाइटेड) ने कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की है, लेकिन सूत्रों ने कहा कि वे क्रमश? 17 और 16 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ सकते हैं. दो अन्य छोटे सहयोगियों को एक-एक लोकसभा सीट दी जा सकती है.

इससे पहले, उन्होंने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ”राजग के सदस्य के रूप में आज भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा जी के साथ बैठक में हमने आगामी लोकसभा चुनावों के लिए बिहार में सीट बंटवारे को अंतिम रूप दे दिया है.” उन्होंने कहा, ”उचित समय पर इसकी जानकारी दी जाएगी.”

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