लोकसभा चुनाव ‘संविधान मंथन’ है, एक तरफ रक्षक है तो दूसरी तरफ भक्षक : अखिलेश

शाहजहांपुर. समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बुधवार को कहा कि मौजूदा लोकसभा चुनाव संविधान मंथन का चुनाव है जिसमें एक तरफ संविधान के रक्षक हैं तो दूसरी तरफ उसके भक्षक. यादव ने यहां एक चुनावी जनसभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि लोकसभा चुनाव के अभी तक हुए तीन चरणों में जनता ने सपा और इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस (इंडिया) गठबंधन को जोरदार समर्थन दिया है. उन्होंने कहा कि पहले चरण से भाजपा के खिलाफ जो हवा चली थी उसने इस पार्टी को पलट दिया और जो ‘झूठ के शहंशाह’ हैं, उनके खिलाफ मतदान कर-करके उनका सफाया करने का काम किया.

उन्होंने कहा, ”मौजूदा लोकसभा चुनाव संविधान मंथन का चुनाव है जिसमें एक तरफ संविधान के रक्षक हैं तो दूसरी तरफ उसके भक्षक हैं. यह चुनाव देश के संविधान, लोकतंत्र और गरीबों, वंचितों का आरक्षण बचाने का चुनाव है.” यादव ने कहा कि जनता के लिये अब भाजपा से हिसाब करने का वक्त आ गया है. पिछले 10 साल का हिसाब-किताब निकालें तो भाजपा के लोगों की हर बात झूठी निकलेगी. चाहे वह किसानों की आमदनी दोगुनी करने की बात हो, हर साल दो करोड़ रोजगार देने की बात हो या फिर महंगाई कम करने की बात हो.

उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने लोकसभा में खेती से जुड़े तीन काले कानून पारित करवा लिये. इसके खिलाफ जब किसान आंदोलित हुए तो उन्हें रोकने के लिये सरकार ने दीवारें खड़ी कीं और सड़कों पर कीलें ठोंक दी. हालांकि बाद में सरकार ने वे कानून वापस ले लिये लेकिन न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की लड़ाई अधूरी है. किसानों को अब भी अपनी पैदावार की कीमत नहीं मिल रही है.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधते हुए यादव ने कहा, ”जो लोग विश्व गुरु बनना चाहते हैं, हम उनसे कहना चाहते हैं कि जब तक हमारे किसानों की आय नहीं बढ़ेगी, उन्हें न्यूनतम समर्थन मूल्य नहीं मिलेगा, तब तक ना तो हमारा किसान खुशहाल हो पाएगा और ना ही हमारा देश विकसित बन पाएगा. हम अपने किसानों को भरोसा दिला कर जा रहे हैं समाजवादी पार्टी और इंडिया गठबंधन ने तय किया है आने वाले समय में सरकार बनेगी और अपने किसानों को लागत की अच्छी कीमत भी देंगे उनकी आय बढ़ेगी और एमएसपी का कानूनी अधिकार देकर उनके परिवार में खुशहाली लाने का काम करेंगे.”

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