राकांपा नेता मोहम्मद फैजल की लोकसभा सदस्यता बहाल, कार्यवाही में हुए शामिल

नयी दिल्ली. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता मोहम्मद फैजल पीपी की लोकसभा सदस्यता से अयोग्यता बुधवार को समाप्त कर दी गयी और वह सदन की कार्यवाही में शामिल हुए. फैजल की सदस्यता करीब 10 सप्ताह बाद बहाल की गयी है और इस मामले में उच्चतम न्यायालय में उनकी याचिका पर सुनवाई से पहले यह फैसला आया.

लोकसभा महासचिव उत्पल कुमार सिंह ने फैजल की सदस्यता बहाल करने के लिए अधिसूचना जारी की. इसमें एक आपराधिक मामले में दोषी ठहराये जाने और 10 साल के कारावास की सजा सुनाये जाने के फैसले को केरल उच्च न्यायालय द्वारा निलंबित किये जाने का हवाला दिया गया.

यह फैसला कांग्रेस नेता राहुल गांधी को लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य करार दिये जाने की पृष्ठभूमि में आया है. राहुल को सूरत की एक अदालत ने 2019 के आपराधिक मानहानि के एक मामले में दो साल की सजा सुनाई है. राहुल ने सजा के खिलाफ किसी ऊंची अदालत में अभी तक अपील दायर नहीं की है. राकांपा ने फैजल की सदस्यता बहाल किये जाने का स्वागत किया लेकिन लोकसभा सचिवालय द्वारा इस निर्णय में देरी पर अप्रसन्नता जाहिर की.

फैजल को हत्या के प्रयास के एक मामले में 11 जनवरी को एक अदालत ने दोषी ठहराया था और 10 साल के कड़े कारावास की सजा सुनाई थी. उसके बाद उन्हें सांसद के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया था. बाद में केरल उच्च न्यायालय ने उनकी सजा पर रोक लगा दी थी. निचली अदालत के फैसले के मद्देनजर 13 जनवरी को उन्हें निचले सदन की सदस्यता से अयोग्य करार दिया गया था.

फैजल ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘लोकसभा सचिवालय से यह उम्मीद नहीं थी. उच्च न्यायालय ने मुझे दोषी ठहराये जाने के फैसले को निलंबित कर दिया था तो निर्वाचन आयोग ने भी उपचुनाव कराने की अधिसूचना पर रोक लगा दी, लेकिन अन्य संवैधानिक निकाय फाइल दबाकर बैठे रहे. लोकसभा सचिवालय ने यह सही नहीं किया.’’ बुधवार को लोकसभा की बैठक में उपस्थित हुए फैजल ने कहा कि उन्हें सदस्यता बहाल करने के लिए उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाना पड़ा. उन्होंने सदन में राकांपा की नेता सुप्रिया सुले के साथ लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से मुलाकात भी की.

लोकसभा सचिवालय की आज जारी अधिसूचना के अनुसार केरल उच्च न्यायालय के 25 जनवरी 2023 के आदेश के मद्देनजर मोहम्मद फैजल पीपी की सदस्यता से अयोग्यता का फैसला समाप्त कर दिया गया है. फैजल ने मंगलवार को उच्चतम न्यायालय का रुख किया था और लोकसभा की सदस्यता से अयोग्यता को वापस लिये जाने का अनुरोध करते हुए कहा कि केरल उच्च न्यायालय हत्या के प्रयास के मामले में उन्हें दोषी ठहराये जाने के फैसले पर रोक लगा चुका है.

राकांपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता क्लाइड क्रेस्टो ने कहा, ‘‘केरल उच्च न्यायालय ने उनकी सजा के फैसले को 25 जनवरी को निलंबित कर दिया था जिसके तत्काल बाद अयोग्य करार देने के निर्णय को वापस लिया जाना चाहिए था.’’ राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने 30 जनवरी को लोकसभा अध्यक्ष बिरला से मिलकर आग्रह किया था कि लक्षद्वीप से दूसरे कार्यकाल में निचले सदन में प्रतिनिधित्व कर रहे सांसद के निलंबन को वापस लिया जाए.

निर्वाचन आयोग ने फैजल की लोकसभा सदस्य समाप्त होने के बाद 18 जनवरी को लक्षद्वीप संसदीय सीट पर उपचुनाव का ऐलान कर दिया था. हालांकि, केरल उच्च न्यायालय के आदेश के बाद उसने 30 जनवरी को उपचुनाव के फैसले पर रोक लगा दी.

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