भारत-मालदीव राजनयिक विवाद में मालदीव के राजदूत तलब; टिप्पणियों पर कड़ी चिंता जतायी गयी

नयी दिल्ली/माले/कोच्चि. भारत में मालदीव के राजदूत को सोमवार को विदेश मंत्रालय में तलब किया गया और मालदीव के कई मंत्रियों द्वारा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ सोशल मीडिया पर पोस्ट की गई टिप्पणियों पर कड़ी चिंता व्यक्त की गई. सूत्रों ने यह जानकारी दी.
मालदीव ने सरकार ने मोदी के खिलाफ अपमानजनक सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर रविवार को तीन उप मंत्रियों को निलंबित कर दिया है.

तीनों उप मंत्रियों ने लक्षद्वीप की यात्रा के बाद ‘एक्स’ पर प्रधानमंत्री के पोस्ट के लिए उनकी आलोचना की थी और कहा था कि यह केंद्र शासित प्रदेश को मालदीव के वैकल्पिक पर्यटन स्थल के रूप में पेश करने का एक प्रयास है. मालदीव की मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, युवा मंत्रालय में उप मंत्रियों – मालशा शरीफ, मरियम शिउना और अब्दुल्ला महज.ूम माजिद को उनके पदों से निलंबित कर दिया गया है.

नयी दिल्ली में आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि माले में भारतीय उच्चायोग ने रविवार को मालदीव के विदेश मंत्रालय के समक्ष इस मामले को जोरदार तरीके से उठाया. विवाद के बीच माले में भारतीय उच्चायुक्त मुनु मुहावर ने सोमवार को मालदीव के एक वरिष्ठ राजनयिक के साथ ”पूर्व-निर्धारित” बैठक की.

मालदीव में भारतीय उच्चायोग ने ‘एक्स’ पर कहा, ”उच्चायुक्त मुनु मुहावर ने द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा के लिए आज मालदीव के विदेश मंत्रालय में राजदूत (विशेष मामले) डॉ. अली नसीर मोहम्मद के साथ पूर्व-निर्धारित बैठक की.” मालदीव के मंत्रियों की अपमानजनक टिप्पणियों की भारत में आलोचना हुई है. कई मशहूर हस्तियों ने ‘एक्स’ पर लोगों से मालदीव जाने के बजाय घरेलू पर्यटन स्थलों पर जाने का आग्रह किया है.

सोशल मीडिया पर ऐसे पोस्ट भी किए गए जिनमें दावा किया गया कि विवाद के मद्देनजर कुछ भारतीय मालदीव की अपनी निर्धारित यात्रा रद्द कर रहे हैं. मालदीव के विदेश मंत्रालय ने कहा कि सरकार विदेशी नेताओं के खिलाफ सोशल मीडिया मंचों पर ”अपमानजनक टिप्पणियों” से अवगत है और इन नेताओं के व्यक्तिगत विचार देश की स्थिति का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं.

मालदीव के विदेश मंत्रालय ने रविवार को एक बयान में कहा, ”मालदीव सरकार विदेशी नेताओं और उच्च पदस्थ व्यक्तियों के खिलाफ सोशल मीडिया मंचों पर अपमानजनक टिप्पणियों से अवगत है. यह राय (नेताओं की) व्यक्तिगत है और मालदीव सरकार उनके विचारों का प्रतिनिधित्व नहीं करती.”

मोदी के खिलाफ बयान मालदीव की सरकार का रुख प्रर्दिशत नहीं करते: माले ने भारतीय उच्चायुक्त से कहा

मालदीव की सरकार ने सोमवार को भारतीय उच्चायुक्त मुनु मुहावर को सूचित किया कि उसके निलंबित किये जा चुके तीन उप मंत्रियों द्वारा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ दिए गए अपमानजनक बयान सरकार के रुख को प्रर्दिशत नहीं करते. भारतीय उच्चायोग ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर बताया कि विदेश मंत्रालय में ‘अंबेसेडर एट-लार्ज’ डॉ अली नसीर मोहम्मद के साथ द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा करने के लिए भारतीय उच्चायुक्त की बैठक आज निर्धारित थी.

‘द सन ऑनलाइन’ की खबर के अनुसार मालदीव के एक शीर्ष सरकारी अधिकारी ने कहा कि बैठक में नसीर ने स्पष्ट किया कि उप मंत्रियों के बयान मालदीव की सरकार का रुख नहीं प्रर्दिशत करते. उन्होंने अपने पड़ोसियों के लिए मालदीव का सतत समर्थन दोहराया.
मालदीव के विदेश मंत्रालय ने कहा कि सरकार को विदेशी नेताओं के खिलाफ सोशल मीडिया मंचों पर ‘अपमानजनक बयानों’ की जानकारी है और ये निजी राय उसके रुख को प्रर्दिशत नहीं करते.

लक्षद्वीप के सांसद ने प्रधानमंत्री मोदी को लेकर मालदीव के मंत्रियों की टिप्पणी की निंदा की

लक्षद्वीप के लोकसभा सांसद मोहम्मद फैजल ने द्वीपसमूह की पर्यटन संभावनाओं को लेकर सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा किए गए पोस्ट पर मालदीव के मंत्रियों की टिप्पणी की सोमवार को निंदा की. उन्होंने कहा कि वे भारत की आंतरिक मामलों को लेकर टिप्पणी करने से पहले ह्लदो बार सोचेंह्व.

फैजल ने ‘पीटीआई-भाषा’ से फोन पर की गई बातचीत में कहा, ”माननीय प्रधानमंत्री की लक्षद्वीप के पर्यटन को लेकर की गई टिप्पणी पूरी तरह से भारत का आंतरिक मामला था. मालदीव के उप मंत्रियों द्वारा की गई टिप्पणी अवांछित और बेतुकी थीं.” मालदीव की सरकार ने मोदी के सोशल मीडिया पोस्ट के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणियों को लेकर तीन उप मंत्रियों को निलंबित कर दिया था.
तीनों उपमंत्रियों ने लक्षद्वीप की यात्रा के बाद ‘एक्स’ पर मोदी की पोस्ट के लिए उनके खिलाफ अपमानजनक टिप्पणियां कीं. माना जा रहा था कि मोदी का पोस्ट केंद्र शासित प्रदेश को मालदीव के वैकल्पिक पर्यटन स्थल के रूप में पेश करने का एक प्रयास था.

फैजल ने कहा कि लक्षद्वीप केंद्रीय गृह मंत्रालय के तहत केंद्र शासित प्रदेश है और प्रधानमंत्री के अधीन है. उन्होंने कहा, ”जब माननीय प्रधानमंत्री अपने क्षेत्र के बारे में बात करते हैं और वहां पर्यटन के विकास की चर्चा करते हैं तो मालदीव के अधिकारियों द्वारा बयान देने का औचित्य नहीं बनता. यह अवांछित है.” फैजल की यह टिप्पणी प्रधानमंत्री मोदी के सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर मालदीव के कई मंत्रियों के बयान को लेकर उत्पन्न राजनीतिक गतिरोध के बीच आयी है.

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