तीन महीने नहीं होगा ‘मन की बात’ का प्रसारण, 111वीं कड़ी में नयी ऊर्जा के साथ मिलूंगा: मोदी

भारत की नारी शक्ति हर क्षेत्र में प्रगति की नयी ऊंचाइयां छू रही है: प्रधानमंत्री मोदी

नयी दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर ‘मन की बात’ का प्रसारण अगले तीन महीने नहीं होगा और इसके बाद आकाशवाणी के इस मासिक रेडियो कार्यक्रम की 111वीं कड़ी में वह ‘नयी ऊर्जा’ के साथ लोगों से मिलेंगे. इस कार्यक्रम की 110वीं कड़ी में मोदी ने मार्च के महीने में आदर्श चुनाव आचार संहिता (एमसीसी) लागू होने की संभावना जताई और पहली बार मतदान के पात्र युवाओं से रिकार्ड संख्या में मतदान की अपील की.

निर्वाचन आयोग के एमसीसी दिशानिर्देश सरकारों पर आधिकारिक कार्यक्रमों या सार्वजनिक-वित्त पोषित मंचों का उपयोग किसी ऐसी चीज के लिए करने पर रोक लगाती है जिनसे सत्तारूढ़ पार्टी का प्रचार हो या राजनीतिक लाभ मिले. उन्होंने कहा, ”देश में लोकसभा चुनाव का माहौल है और जैसा पिछली बार हुआ था, संभावना है कि मार्च के महीने में आचार-संहिता भी लग जाएगी.” प्रधानमंत्री ने कहा कि यह ‘मन की बात’ की बहुत बड़ी सफलता है कि इसकी पिछली 110 कड़ियों को ‘सरकार की परछाई से भी दूर’ रखा गया है.

उन्होंने कहा, ”’मन की बात’ में देश की सामूहिक शक्ति की बात होती है, देश की उपलब्धि की बात होती है. यह एक तरह से जनता का, जनता के लिए, जनता द्वारा तैयार होने वाला कार्यक्रम है.” उन्होंने कहा, ”लेकिन फिर भी राजनीतिक मर्यादा का पालन करते हुए लोकसभा चुनाव के इन दिनों में अब अगले तीन महीने ‘मन की बात’ का प्रसारण नहीं होगा.” प्रधानमंत्री ने कहा कि तीन महीने बाद इस कार्यक्रम की 111वीं कड़ी का प्रसारण होगा.

उन्होंने कहा, ”अगली बार ‘मन की बात’ की शुरुआत 111 के शुभ अंक से हो तो इससे अच्छा भला क्या होगा.” मोदी ने कहा कि इस लोकप्रिय कार्यक्रम का प्रसारण भले ही तीन महीने के लिए रुक रहा है, लेकिन देश की उपलब्धियां नहीं रुकेंगी. उन्होंने लोगों से समाज और देश की उपलब्धियों को ‘मन की बात’ हैशटैग के साथ सोशल मीडिया पर साझा करते रहने की अपील की.

उन्होंने कहा, ”जब अगली बार आपसे संवाद होगा तो फिर, नई ऊर्जा, नई जानकारियों के साथ आपसे मिलूंगा.” प्रधानमंत्री मोदी ने कई मौकों पर विश्वास जताया है कि आगामी चुनाव में जीतकर वह फिर से सत्ता में लौटेंगे. साल 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले भी ‘मन की बात’ का प्रसारण रोक दिया गया था.

निर्वाचन आयोग के अभियान ‘मेरा पहला वोट-देश के लिए’ का उल्लेख करते हुए मोदी ने पहली बार मतदान के पात्र युवाओं से अधिक-से-अधिक संख्या में मतदान करने का आग्रह किया. उन्होंने कहा, ”भारत को, जोश और ऊर्जा से भरी अपनी युवा शक्ति पर गर्व है. हमारे युवा-साथी चुनावी प्रक्रिया में जितनी अधिक भागीदारी करेंगे, इसके नतीजे देश के लिए उतने ही लाभकारी होंगे. मैं भी पहली बार मतदान करने जा रहे युवाओं से आग्रह करूंगा कि वे रिकार्ड संख्या में मतदान करें.” उन्होंने कहा कि 18 का होने के बाद इन युवाओं को 18वीं लोकसभा के लिए सदस्य चुनने का मौका मिल रहा है.

उन्होंने कहा, ”यानी यह 18वीं लोकसभा भी युवा आकांक्षा का प्रतीक होगी. इसलिए आपके वोट का महत्व और बढ़ गया है. आम चुनावों की इस हलचल के बीच आप युवा न केवल, राजनीतिक गतिविधियों का हिस्सा बनिए, बल्कि इस दौरान चर्चा और बहस को लेकर भी जागरूक बने रहिए. और याद रखिएग – ‘मेरा पहला वोट – देश के लिए’.” प्रधानमंत्री ने देश व समाज को प्रभावित करने वाले विभिन्न क्षेत्रों की हस्तियों से भी आग्रह किया कि वे पहली बार मतदान के पात्र युवाओं को अधिक से अधिक संख्या में मतदान करने के लिए प्रोत्साहित करें.

भारत की नारी शक्ति हर क्षेत्र में प्रगति की नयी ऊंचाइयां छू रही है: प्रधानमंत्री मोदी

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस से कुछ दिन पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को ‘नारी शक्ति’ की प्रशंसा की और कहा कि वे हर क्षेत्र में प्रगति की नई ऊंचाइयों को छू रही हैं. मोदी ने अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ की 110वीं कड़ी में कहा कि आठ मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस देश की विकास यात्रा में नारी शक्ति के योगदान को सलाम करने का अवसर है.

उन्होंने कहा, ”महान कवि भरतियार जी ने कहा है कि दुनिया तभी समृद्ध होगी जब महिलाओं को समान अवसर मिलेंगे. आज भारत की नारी शक्ति हर क्षेत्र में प्रगति की नई ऊंचाइयों को छू रही है.” उन्होंने कहा कि कुछ साल पहले तक किसने सोचा होगा कि भारत में भी गांवों में रहने वाली महिलाएं ड्रोन उड़ाएंगी. उन्होंने कहा, ”लेकिन आज यह संभव हो रहा है. आज हर गांव में ड्रोन दीदी की कितनी चर्चा है. ‘नमो ड्रोन दीदी, नमो ड्रोन दीदी’ हर किसी की जुबान पर है.” प्रधानमंत्री ने उत्तर प्रदेश के सीतापुर की ‘ड्रोन दीदी’ सुनीता से भी बात की. सुनिता ने अपने ड्रोन प्रशिक्षण के बारे में बात की और बताया कि यह खेती में कैसे मदद करता है.

मोदी ने कहा, ”आज देश में कोई ऐसा क्षेत्र नहीं है जहां नारी शक्ति पीछे रह गई हो. एक अन्य क्षेत्र जहां महिलाओं ने अपनी नेतृत्व क्षमता का प्रदर्शन किया है, वह प्राकृतिक खेती, जल संरक्षण और स्वच्छता है.” उन्होंने कहा कि देश की ‘मातृशक्ति’ धरती मां को बचाने में बड़ी भूमिका निभा रही है जो रसायनों के कारण पीड़ा और कठिनाइयों का सामना कर रही हैं.

उन्होंने कहा, ”महिलाएं अब प्राकृतिक खेती को देश के हर कोने में पहुंचा रही हैं. आज अगर जल जीवन मिशन के तहत देश में इतना काम हो रहा है तो उसमें जल समितियों की बड़ी भूमिका रही है. इन जल समितियों का नेतृत्व केवल महिलाओं के पास है.” उन्होंने कहा कि इसके अलावा बहनें-बेटियां जल संरक्षण के लिए भरसक प्रयास कर रही हैं.

मोदी ने महाराष्ट्र की कल्याणी प्रफुल्ल पाटिल से भी बात की और प्राकृतिक खेती की ओर बढ़ने के लिए उनके काम की सराहना की.
उन्होंने कहा, ”चाहे सुनीता जी हों या कल्याणी जी, विभिन्न क्षेत्रों में नारी शक्ति की सफलता बहुत प्रेरणादायक है. मैं एक बार फिर हमारी नारी शक्ति की इस भावना की हृदय से सराहना करता हूं.” कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मोदी ने लोगों के जीवन में प्रौद्योगिकी के बढ़ते महत्व के बारे में भी बात की.

उन्होंने कहा, ”मोबाइल फोन और डिजिटल गैजेट्स हर किसी के जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गए हैं … डिजिटल गैजेट्स की मदद से अब हमें जंगली जानवरों के साथ संतुलन बनाने में मदद मिल रही है.” प्रधानमंत्री ने कहा कि कुछ दिनों बाद तीन मार्च को ‘विश्व वन्यजीव दिवस’ है. उन्होंने कहा कि यह दिवस जंगली जानवरों के संरक्षण पर जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से मनाया जाता है.
उन्होंने कहा, ”इस वर्ष, विश्व वन्यजीव दिवस की थीम में डिजिटल नवाचार को सर्वोपरि रखा गया है. आपको यह जानकर खुशी होगी कि हमारे देश के अलग-अलग हिस्सों में वन्यजीवों के संरक्षण के लिए प्रौद्योगिकी का भरपूर इस्तेमाल हो रहा है.” उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों के दौरान सरकार के प्रयासों से देश में बाघों की संख्या में वृद्धि हुई है.

उन्होंने कहा, ”महाराष्ट्र के चंद्रपुर के बाघ अभयारण्य में बाघों की संख्या बढ़कर 250 से अधिक हो गई है.” उन्होंने कहा, ”चंद्रपुर जिले में इंसानों और बाघों के बीच संघर्ष को कम करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (कृत्रिम मेधा) की मदद ली जा रही है. गांवों और जंगल की सीमा पर कैमरे लगाए गए हैं. जब भी कोई बाघ गांव के पास आता है तो स्थानीय लोगों को एआई की मदद से उनके मोबाइल फोन पर अलर्ट मिलता है.” प्रधानमंत्री ने कहा कि आज इस प्रणाली ने इस बाघ अभयारण्य के आसपास के 13 गांवों में लोगों की सुविधा सुनिश्चित की है और बाघों को सुरक्षा भी मिली है.

मोदी ने कहा कि युवा उद्यमी वन्यजीव संरक्षण और पर्यावरण पर्यटन के लिए नये नवोन्मेषों पर काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के रुड़की में, रोटर प्रिसिजन ग्रुप ने भारतीय वन्यजीव संस्थान के साथ मिलकर एक ड्रोन विकसित किया है जो केन नदी में मगरमच्छों पर नजर रखने में मदद कर रहा है. उन्होंने कहा कि इसी तरह बेंगलुरु की एक कंपनी ने दो मोबाइल ऐप ‘बघीरा’ और ‘गरुड़’ बनाए हैं.

मोदी ने कहा कि बघीरा ऐप के साथ जंगल सफारी के दौरान वाहन की गति और अन्य गतिविधियों की निगरानी की जा सकती है और गरुड़ ऐप किसी भी सीसीटीवी से कनेक्ट होने पर वास्तविक समय अलर्ट प्रदान करने के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता और ‘इंटरनेट ऑफ थिंग्स’ का उपयोग करता है. उन्होंने कहा कि वन्यजीव संरक्षण की दिशा में इस तरह के हर प्रयास के साथ, देश की जैव विविधता समृद्ध होती जा रही है.

मोदी ने अपने संबोधन में कंटेंट क्रिएट करने वाले युवाओं की आवाज के बारे में भी बात की और कहा कि यह आज बहुत प्रभावी हो गई है. उन्होंने कहा कि उनकी प्रतिभा का सम्मान करने के लिए देश में नेशनल क्रिएटर्स अवॉर्ड की शुरुआत की गई है और इसके तहत अलग-अलग श्रेणियों में उन चेंज मेकर्स को सम्मानित करने की तैयारी की जा रही है जो सामाजिक बदलाव की प्रभावी आवाज बनने के लिए प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल कर रहे हैं. मोदी ने कहा, ”यह प्रतियोगिता माई गॉव पोर्टल पर चल रही है और मैं कंटेंट क्रिएटर्स से इसमें जुड़ने का आग्रह करूंगा. अगर आप भी ऐसे दिलचस्प कंटेंट क्रिएटर्स को जानते हैं तो उन्हें नेशनल क्रिएटर्स अवॉर्ड के लिए नॉमिनेट जरूर करें.”

नशे की लत छुड़ाने के लिए परिवारों का मजबूत सहारा जरूरी: प्रधानमंत्री मोदी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने युवाओं को नशे की लत का शिकार होने से बचाने की जरूरत पर जोर देते हुए रविवार को कहा कि इससे निपटने के लिए परिवारों के मजबूत सहयोग की आवश्यकता होती है. प्रधानमंत्री ने ‘गायत्री परिवार’ की ओर से आयोजित ‘अश्वमेध यज्ञ’ कार्यक्रम में वीडियो संदेश में यह बात कही.

उन्होंने कहा,” मादकपदार्थ मुक्त भारत के निर्माण के लिए यह अहम है कि परिवार किसी संस्थान की भांति ही मजबूत बनें.” उन्होंने कहा कि जब परिवार कमजोर होता है तो मूल्यों का क्षरण होने लगता है और फिर उसका प्रभाव व्यापक तौर पर पड़ता है. प्रधानमंत्री ने परिवार की अवधारणा और उसके महत्व पर चर्चा करते हुए कहा कि जब परिजन कई दिन तक मेल मुलाकात नहीं करते तब खतरे पैदा होते हैं इसलिए परिवारों को मजबूत होने और देश को नशा मुक्त बनाने की जरूरत है.

उन्होंने कहा कि ‘अश्वमेध यज्ञ’ एक भव्य सामाजिक अभियान बन गया है साथ ही उन्होंने लाखों युवाओं को नशे से दूर रखने और राष्ट्र-निर्माण गतिविधियों की दिशा में इसकी भूमिका को भी रेखांकित किया. प्रधानमंत्री ने नशे के दुष्परिणामों पर भी चर्चा की.
उन्होंने कहा कि नशा एक ऐसी बुराई है जो जिंदगियों को तबाह कर सकती है, समाज और देश को बहुत नुकसान पहुंचा सकती है.
उन्होंने कहा कि युवा देश का भविष्य हैं और भारत के भविष्य को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और इसके विकास में योगदान देते हैं.

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उन्हें ‘अश्वमेध यज्ञ’ नाम वाले इस कार्यक्रम से जुड़ने में कुछ दुविधा थी क्योंकि यह शब्द ताकत के विस्तार से जुड़ा है. चुनाव भी नजदीक आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि हालांकि इस कार्यक्रम का उद्देश्य बहुत ऊंचा है, साथ ही उन्होंने ‘गायत्री परिवार’ के कार्यों और शिक्षाओं के लिए उसकी सराहना की.

अपने संबोधन में मोदी ने युवाओं को नशे की चपेट में आने से बचाने और इससे प्रभावित लोगों को सहायता प्रदान करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया. उन्होंने कहा, ”नशा व्यक्तियों और समाजों पर कहर बरपाता है, जिससे भारी क्षति होती है.” प्रधानमंत्री ने कहा ‘फिट इंडिया मूवमेंट’ और ‘खेलो इंडिया’ जैसी पहल युवाओं को प्रेरित करेगी और ”एक प्रेरणा प्राप्त युवा मादक पदार्थों की ओर रुख नहीं कर सकता.

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